रांची: प्रदेश में प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर खाद्य, आपूर्ति, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले के मंत्री सरयू राय ने बुधवार को विभागीय सचिव और अन्य अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है. बैठक में मूल्य स्थिरीकरण कोष के उपयोग कर प्याज की खुदरा कीमतों को कंट्रोल करने के उपायों पर विचार होगा.
बैठक के बाद मुख्य सचिव और वित्त सचिव को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिसमें मूल्य स्थिरीकरण कोष के सक्षम उपयोग और सुविधा केंद्रों से कम कीमत पर प्याज की बिक्री किए जाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा. वहीं, मूल्य निर्धारण और सुविधा केंद्र व्यवस्था के संचालन पर भी आवश्यक निर्णय लिया जाएगा.
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इससे पहले मंगलवार को मंत्री सरयू राय की अध्यक्षता में फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, रांची चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई. बैठक में आलू प्याज के थोक विक्रेता संघ ने मंत्री को बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में अत्यधिक वर्षा होने के कारण प्याज की फसल की पैदावार समय से नहीं हो पाई. यही वजह है कि नासिक की मंडी पर प्याज के लिए निर्भर होना पड़ा. इस कारण से देश में प्याज की कीमत में बढ़ोतरी हुई है.
संघ ने यह भी बताया कि झारखंड में प्याज की कोई किल्लत नहीं है. राज्य में उच्च गुणवत्ता वाली प्याज 41 से 45 रुपये प्रति किलो और मध्यम श्रेणी के 31 से 35 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रही है. प्याज के थोक और खुदरा भाव में अंतर होने पर मंत्री ने चिंता व्यक्त की और खुदरा व्यापारियों से प्याज की कीमत थोक भाव के आसपास रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आम जनता को रांची और नासिक के प्याज का थोक और खुदरा भाव की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी.