रांची: प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और हेमंत सरकार में मंत्री रामेश्वर उरांव ने अपने पुराने साथी पर चुटकी लेते हुए तंज कसा है. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के बारे में कहा कि उनका कोई चरित्र नहीं है. उन्होंने बतौर भाजपा प्रत्याशी के रूप में लोहरदगा से चुनाव लड़ा था. हारने पर उन्होंने भाजपा नेता के रूप में हाई कोर्ट में चुनाव चुनौती याचिका दी थी. इसपर हाई कोर्ट से नोटिस मिला है. इसका जवाब हाई कोर्ट में दिया जाएगा.
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महंगाई के खिलाफ जयपुर में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल होकर रांची लौटे मंत्री रामेश्वर उरांव ने सुखदेव भगत पर खूब चुटकी ली. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि चुनाव के वक्त सुखदेव भगत भाजपा में चले गये थे. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ने हार का स्वाद चखाया था. इसी वजह से उन्होंने हाई कोर्ट में चुनाव चुनौती याचिका डाली थी. लेकिन अब उसी कांग्रेस में घुसने के लिए छटपटा रहे हैं. इससे सुखदेव भगत के चरित्र को समझा जा सकता है.
आपको बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके सुखदेव भगत ने भाजपा का दामन थाम लिया था. तब उनपर भाजपा की इतनी कृपा बरसी थी कि उन्हें लोहरदगा से चुनावी मैदान में उतारा गया था. जबकि एनडीए के लिहाज से यह सीट आजसू की थी. उस चुनाव में भाजपा के इस फैसले के लिए आजसू के साथ गठबंधन की गांठ तक खुल गई थी. इसका खामियाजा भाजपा को सत्ता गंवाकर चुकाना पड़ा.
दरअसल, पूर्व में सुखदेव भगत लोहरदगा से ही कांग्रेस विधायक निर्वाचित हुए थे. लेकिन 2019 के चुनाव के वक्त पार्टी की कमान रामेश्वर उरांव के हाथ में थी. चूकि रामेश्वर उरांव की राजनीतिक कर्मभूमि लोहरदगा रही है, लिहाजा सुखदेव भगत अच्छी तरह जानते थे कि कांग्रेस उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाएगी. इसी वजह से उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था. लेकिन चुनाव हारने के बाद से ही सुखदेव भगत कांग्रेस में वापसी की कोशिश में लगे हुए हैं.