रांची: पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. झारखंड के हजारों मजदूर और छात्र दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, जिसे लेकर मंत्री रामेश्वर उरांव ने बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि बाहर फंसे लोगों को फिलहाल झारखंड लाना संभव नहीं है, मौजूदा स्थिति में केंद्र सरकार का जो भी निर्देश होगा, झारखंड सरकार उसी के साथ आगे बढ़ेगी.
राजस्थान के कोटा में लगभग 3 हजार झारखंड के छात्र फंसे हुए हैं. इससे संबंधित सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी ही स्थिति पड़ोसी राज्य बिहार में हुई थी, जहां छात्र अपनी व्यवस्था कर घर लौट गए, लेकिन बिहार सरकार ने उन्हें प्रवेश नहीं दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में बाहर फंसे लोगों को सरकार गाड़ी भेजकर वापस लाया लाए ऐसा उम्मीद उन्हें नहीं करना चाहिए.
केंद्र के निर्देश का होगा पालन
रामेश्वर उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट कहा है कि वह केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को ही फॉलो करेंगे. वहीं उन्होंने सरकार की प्राथमिकता गिनाते हुए कहा कि मौजूदा समय में लोगों तक भोजन और स्वास्थ्य पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड है, राज्य सरकार ने उन्हें पहले ही अनाज मुहैया करा दिया है, जबकि जिन्होंने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया है उन्हें भी 10-10 किलोग्राम के हिसाब से अनाज दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राशन कार्ड के लिए फॉर्म अप्लाई नहीं किया है उनके लिए आज भर का समय है वो अप्लाई करें उस आधार पर होने अनाज मिल जाएगा.
सरकार के पास नहीं है पैसे की कमी
मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है और किसी को भी सरकार भूखा नहीं छोड़ेगी. वहीं मिड डे मील पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि स्कूल में वैसे भी छात्र हैं, जो स्कूल नहीं आते हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में सबके घर तक मिड डे मील का अनाज पहुंचाया जाएगा, सरकार को हंड्रेड परसेंट देने में कोई दिक्कत नहीं है.
तबलीगी जमात के लोगों के खिलाफ धाराओं के अनुसार होगी कार्रवाई
रामेश्वर उरांव ने जानकारी दी कि तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के मामले में उनके खिलाफ लगी धाराओं पर उनका भविष्य का निर्धारण होगा, कि वह जेल जाएंगे या उन्हें बेल मिलेगी.
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स्पेशल ब्रांच के डीएसपी लेवल के अधिकारियों के ट्रांसफर मामले में उन्होंने कहा कि, जो जानकारी उनके पास है कि लोहरदगा के डीएसपी ने सरकार को रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशियों के प्रवेश को लेकर गलत जानकारी दी थी, जिसके बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के ऊपर जाति और धर्म लागू नहीं होता है, अधिकारी अधिकारी ही होते हैं, वह किसी तरह का भेदभाव नहीं करते. वहीं मुख्यमंत्री कोरोना सहायता एप के संबंध में उन्होंने कहा कि उससे संबंधित तकनीकी गड़बड़ियों को जल्द दूर करा लिया जाएगा.