रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोइया के लिए हेमंत सरकार नियमावली बनाकर कई सुविधाएं मुहैया करायेगी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के आवास पर आंदोलनरत रसोईया संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इसकी घोषणा की है (Jagarnath Mahato meeting with Rasoiya Sangh). राज्य में इनकी संख्या लगभग 89000 के करीब है. रसोइया संघ के द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि उनका स्थायीकरण किया जाए और मानदेय में वृद्धि की जाए. वार्ता के दौरान साल में 10 महीनों के मानदेय के बजाय 12 महीने का मानदेय और एक्सीडेंटल पॉलिसी की मांग पर भी सहमति बनी है.
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शिक्षा मंत्री ने यह स्वीकार किया कि इनका मानदेय काफी कम है और मानदेय बढाने पर भी सरकार विचार करेगी. उन्होंने कहा कि 600 रुपये केंद्र की तरफ से आता है और 1400 रुपये राज्य सरकार देती है, यानी इन्हें एक माह का मानदेय 2000 रुपये मिलता है. उन्होंने कहा कि मानदेय बढ़ाने के लिए वित्तीय बजट के अनुरूप विचार कर इनके मानदेय में भी वृद्धि करने का आश्वासन दिया गया.
इसके अलावा रसोइया का कार्यकाल 60 साल तक निर्धारित करने का भी आश्वासन दिया गया. साथ ही सरकार रसोइया को साल में दो बार वस्त्र भी देगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रक्रिया जल्द पूरा होने का आश्वासन दिया गया. इस मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने रसोइया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि मध्यान्ह भोजन तैयार करने में इनकी अहम भूमिका है.