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गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर मंत्री बादल पत्रलेख ने दी शुभकामनाएं, टिवटर के जरिए दिया संदेश - कृषि मंत्री बादल पत्रलेख न्यूज

सिखों के दसवें गुरु और खालसा संस्थापक गुरु गोविंद सिंह की आज जयंती है. प्रदेश के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने टवीट के माध्यम से शुभकामनाएं दी हैं. खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह को शत-शत नमन किया है.

गुरु गोविंद सिंह
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Published : Jan 20, 2021, 4:34 PM IST

रांचीः सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की आज जयंती है. सिख समुदाय के लोग इस जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं. आज के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और गुरुवाणी का पाठ होता है. सिख समुदाय के लोग सुबह प्रभातफेरी निकालते हैं और लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरुद्वारों में सेवा की जाती है. इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने टवीट के माध्यम से बधाई दी है.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का टवीट
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का टवीट

गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. उनका जीवन परोपकार और त्याग का जीता जागता उदाहरण है. गुरु गोविंद ने अपने अनुयायियों को मानवता को शांति, प्रेम, करुणा, एकता और समानता की पढ़ाई.

यह भी पढ़ेंः केबीसी में हॉट सीट पर नजर आएंगी रांची की कहकशां अमरीन, कल होगा प्रसारण

सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने ही साल 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी. उनका जीवन अन्याय, अधर्म, अत्याचार और दमन के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए गुजरा.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था. उन्होंने खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" भी दी.

रांचीः सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की आज जयंती है. सिख समुदाय के लोग इस जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं. आज के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और गुरुवाणी का पाठ होता है. सिख समुदाय के लोग सुबह प्रभातफेरी निकालते हैं और लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरुद्वारों में सेवा की जाती है. इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने टवीट के माध्यम से बधाई दी है.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का टवीट
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का टवीट

गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. उनका जीवन परोपकार और त्याग का जीता जागता उदाहरण है. गुरु गोविंद ने अपने अनुयायियों को मानवता को शांति, प्रेम, करुणा, एकता और समानता की पढ़ाई.

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सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने ही साल 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी. उनका जीवन अन्याय, अधर्म, अत्याचार और दमन के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए गुजरा.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था. उन्होंने खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" भी दी.

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