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झारखंड में ग्रामीण विकास की रूपरेखा तय करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला, मंत्री आलमगीर आलम ने कहा- तय कर लें टारगेट - ग्रामीण विकास पर कार्यशाला

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो टारगेट तय करके योजनाओं पर काम करें. ऐसा करने से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा.

minister alamgir alam
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Published : Apr 13, 2022, 1:08 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 7:05 AM IST

रांचीः वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य में ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाएं (मनरेगा, पीएमएवाई ग्रामीण, जेएसएलपी और अन्य) समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से धरातल पर उतरे, इसके लिए सभी DDC और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी इस वित्तीय वर्ष में अगले 30 दिन, फिर 90 दिन, 180 दिन और 365 दिन की कार्ययोजना बना लें और उस पर अमल करें. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अगर हम ग्रामीण विकास की योजनाओं को समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से धरातल पर उतार पाते हैं तो उससे ही ग्रामीण क्षेत्रों का कायाकल्प हो जाएगा.

ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि अब ग्रामीण विकास की योजनाएं एक प्रखंड में कम से कम इतनी दी जाएगी कि जब वह धरातल पर उतर जाएं तो वहां के आमलोगों के जीवन में उस योजना के चलते बदलाव दिखे. पिछले वित्तीय वर्षो में विभाग की कुछ कमियों के जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में कमियों को दूर कर लिया जाएगा. विभागीय मंत्री ने योजनाओं पर आधारित स्मारिका का भी विमोचन किया ।

देखें पूरी खबर
मनरेगा में पिछले 2 वर्षों में यहां के तमाम जिला से लेकर ब्लॉक तक ने बेहतरीन काम किया वह भी महामारी के दौरान. इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में लक्ष्य को प्राप्त किया है. इस वर्ष हरेक लाभुक को 50 हजार का एक कमरा देना सुनिश्चित कराएं. हम संकल्प लें और भारत सरकार तब मदद करेगी जब हम अपना काम ठीक से करेंगे. दो दिन के कार्यशाला में जो भी मार्गदर्शन दिया जाएगा, उसे तय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य पूरा करेंगे. ग्रामीण विकास विभाग की वार्षिक कार्ययोजना पर दो दिवसीय कार्यशाला में आने वाले दिनों में हर एक योजना का डेटा एनालिसिस किया गया और बेहतर प्रदर्शन करने वाले 50 टॉप और 50 फेल्योर ब्लॉक की सूची बनाई गई और विश्लेषण किया गया कि अमुक क्षेत्र में योजना फेल कैसे हुई और अमुक क्षेत्र में वह हिट कैसे रही. दो दिवसीय कार्यशाला में भारत सरकार में संयुक्त सचिव उमाकांत ने योजनाओं की मॉनिटरिंग को अहम बताते हुए कहा कि सर्वमान्य नियम है कि जिन योजनाओं की निगरानी होती है वहां लक्ष्य को पाया जाना आसान होता है. यही तरीका है सफलता पाने का. हमें ऑफिस से निकलकर गांव और फील्ड में जाना है. मीडिया के रोल को नकार नहीं सकते हैं. उनके समाचार के माध्यमों से मिलने वाली जानकारियों को सार्थक रूप में लेकर और अपनी कमियों को दूर कर योजनाओं को सफल और कारगर बनाया जा सकता है.

रांचीः वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य में ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाएं (मनरेगा, पीएमएवाई ग्रामीण, जेएसएलपी और अन्य) समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से धरातल पर उतरे, इसके लिए सभी DDC और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी इस वित्तीय वर्ष में अगले 30 दिन, फिर 90 दिन, 180 दिन और 365 दिन की कार्ययोजना बना लें और उस पर अमल करें. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अगर हम ग्रामीण विकास की योजनाओं को समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से धरातल पर उतार पाते हैं तो उससे ही ग्रामीण क्षेत्रों का कायाकल्प हो जाएगा.

ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि अब ग्रामीण विकास की योजनाएं एक प्रखंड में कम से कम इतनी दी जाएगी कि जब वह धरातल पर उतर जाएं तो वहां के आमलोगों के जीवन में उस योजना के चलते बदलाव दिखे. पिछले वित्तीय वर्षो में विभाग की कुछ कमियों के जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में कमियों को दूर कर लिया जाएगा. विभागीय मंत्री ने योजनाओं पर आधारित स्मारिका का भी विमोचन किया ।

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मनरेगा में पिछले 2 वर्षों में यहां के तमाम जिला से लेकर ब्लॉक तक ने बेहतरीन काम किया वह भी महामारी के दौरान. इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में लक्ष्य को प्राप्त किया है. इस वर्ष हरेक लाभुक को 50 हजार का एक कमरा देना सुनिश्चित कराएं. हम संकल्प लें और भारत सरकार तब मदद करेगी जब हम अपना काम ठीक से करेंगे. दो दिन के कार्यशाला में जो भी मार्गदर्शन दिया जाएगा, उसे तय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य पूरा करेंगे. ग्रामीण विकास विभाग की वार्षिक कार्ययोजना पर दो दिवसीय कार्यशाला में आने वाले दिनों में हर एक योजना का डेटा एनालिसिस किया गया और बेहतर प्रदर्शन करने वाले 50 टॉप और 50 फेल्योर ब्लॉक की सूची बनाई गई और विश्लेषण किया गया कि अमुक क्षेत्र में योजना फेल कैसे हुई और अमुक क्षेत्र में वह हिट कैसे रही. दो दिवसीय कार्यशाला में भारत सरकार में संयुक्त सचिव उमाकांत ने योजनाओं की मॉनिटरिंग को अहम बताते हुए कहा कि सर्वमान्य नियम है कि जिन योजनाओं की निगरानी होती है वहां लक्ष्य को पाया जाना आसान होता है. यही तरीका है सफलता पाने का. हमें ऑफिस से निकलकर गांव और फील्ड में जाना है. मीडिया के रोल को नकार नहीं सकते हैं. उनके समाचार के माध्यमों से मिलने वाली जानकारियों को सार्थक रूप में लेकर और अपनी कमियों को दूर कर योजनाओं को सफल और कारगर बनाया जा सकता है.
Last Updated : Apr 14, 2022, 7:05 AM IST
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