रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार अक्सर भारत सरकार पर यह आरोप लगाते रही है कि वह केंद्र के सहयोग से चलनेवाली योजनाओं के लिए राशि निर्गत करने में उदासीन रवैया अपनाती है. अब राज्य के संसदीय और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने केंद्र की सरकार पर राज्य के साथ सौतेला रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.
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मंत्री आलमगीर ने कहा कि वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 के प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के लिए भारत सरकार ने करीब 08 लाख लाभुकों के बनने वाले आवास की राशि रोक रखी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 90% से ज्यादा का लक्ष्य हासिल करने और कोरोना काल में भी बेहतरीन रिजल्ट देने के बावजूद भारत सरकार, राज्य को प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत घर बनाने के लिए मिलने वाली राशि नहीं दी है. राज्य के संसदीय कार्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि दरअसल केंद्र की सरकार उन राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है, जहां उनकी या उनके सहयोगियों की सरकार नहीं है.
किनके लिए थी प्रधानमंत्री आवास प्लस योजनाः प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ही लाभुकों का चयन हुआ था. वैसे वर्ष 2011 से 2023 तक वैसे भी जरूरतमंद युवाओं की बड़ी संख्या हो गई जिन्होंने नई गृहस्थी बसायी है. अब वह पुराने प्रधानमंत्री आवास योजना वाले आवास में नहीं रह सकते हैं.ऐसे लोगों को आवास प्लस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराना था, लेकिन मंत्री आलमगीर आलम के अनुसार राज्य की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तक से बात करने के बावजूद भारत सरकार ने दो वित्तीय वर्ष में बनने वाले करीब 08 लाख आवास प्लस योजना के तहत बनने वाले घरों की राशि निर्गत नहीं की है.
पहले से मिली राशि का हिसाब क्यों नहीं देती सरकारः राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्य भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि घपलों-घोटालों में लगी सरकार को पैसे उड़ाने के लिए भारत सरकार राशि नहीं दे सकती. ऐसे में पहले राज्य की सरकार अब तक केंद्र की सरकार से मिली राशि के खर्च का हिसाब दें, तब भारत सरकार पर सौतेलापन का आरोप लगाए.
भरपाई के लिए ही राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना को लॉच किया हैः राज्य के जरूरतमंद आठ लाख परिवार को अबुआ आवास योजना के तहत राज्य सरकार अब अपने खर्च पर आवास देने की योजना बनाई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना के तहत ज्यादातर वहीं लाभुक होंगे जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत आवेदन दिया था, लेकिन केंद्र से राशि नहीं मिलने की वजह से लाभुकों को आवास नहीं मिल सका है.