ETV Bharat / state

महिलाओं को मनरेगा से जोड़ने के लिए पंचायत स्तर पर चलेगा अभियान, सीधा संवाद का असर

कोरोना की वजह से बेरोजगार हुए ग्रामीण लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मनरेगा की योजनाएं काफी सहायक रही. कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर मनरेगा आयुक्त ने लोगों से सीधा संवाद करना शुरू कर दिया है.

mgnrega-commissioner-started-direct-communication-with-people
मनरेगा आयुक्त
author img

By

Published : Jul 29, 2021, 1:28 PM IST

रांचीः कोरोना संक्रमण की वजह से लड़खड़ाती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेपटरी होने से बचाने में मनरेगा की योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं. फिलहाल संभावित थर्ड वेव की चुनौतियां से भी निपटना है. इसके मद्देनजर मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने सीधा संवाद करना शुरू किया है. उन्होंने मनरेगा से जुड़ी महिला मेट से बात की तो कई बातें सामने आईं.

ये भी पढ़ेंः MGNREGA में रिक्त 15सौ पद भरने की तैयारी, महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता

मनरेगा आयुक्त ने महिला मेटों को बताया कि गांव के लोगों को मनरेगा से जुड़ने के लिए जरूरी है कि गांव के स्तर पर ग्रामीणों के साथ बैठक हो, ताकि ग्रामीणों को यह बताया जा सके कि मनरेगा से जुड़ने पर उन्हें किस तरह का फायदा मिलेगा. इससे न सिर्फ रोजी रोटी का जुगाड़ होगा, बल्कि गांव का सामुदायिक विकास भी होगा. मनरेगा आयुक्त ने महिला मेट को बताया कि गांव के हर एक जरूरतमंद परिवार को मनरेगा से लाभ देकर गांवों को आत्मनिर्भर करने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही, सरकार की अन्य सभी फ्लैगशिप योजनाओं को भी गांवों में लागू कराया जाएगा.

आपसी बातचीत के दौरान कई बातें सामने आईं. खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड की महिला मेट इतवारी दीदी ने अपनी भाषा में दूसरी ग्रामीण महिलाओं को बताया कि मनरेगा योजनाओं जैसे टीसीबी,फील्ड बंड, शोक पिट, वाटर हारवेस्टिंग और आम की बागवानी की जा सकती है.

कंसिर पंचायत की रिंकी देवी ने बताया कि पहले ज्यादा पुरुष लोग मनरेगा में कार्य करते थे लेकिन महिला मेट की पहल पर महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। अब महिला मजदूर खुद बैंक जाकर पैसे जमा भी करती हैं और जरूरत पड़ने पर निकालती भी हैं। मनरेगा आयुक्त ने कहा कि सभी प्रखंड और पंचायतों में महिलाओं को मनरेगा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।

रांचीः कोरोना संक्रमण की वजह से लड़खड़ाती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेपटरी होने से बचाने में मनरेगा की योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं. फिलहाल संभावित थर्ड वेव की चुनौतियां से भी निपटना है. इसके मद्देनजर मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने सीधा संवाद करना शुरू किया है. उन्होंने मनरेगा से जुड़ी महिला मेट से बात की तो कई बातें सामने आईं.

ये भी पढ़ेंः MGNREGA में रिक्त 15सौ पद भरने की तैयारी, महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता

मनरेगा आयुक्त ने महिला मेटों को बताया कि गांव के लोगों को मनरेगा से जुड़ने के लिए जरूरी है कि गांव के स्तर पर ग्रामीणों के साथ बैठक हो, ताकि ग्रामीणों को यह बताया जा सके कि मनरेगा से जुड़ने पर उन्हें किस तरह का फायदा मिलेगा. इससे न सिर्फ रोजी रोटी का जुगाड़ होगा, बल्कि गांव का सामुदायिक विकास भी होगा. मनरेगा आयुक्त ने महिला मेट को बताया कि गांव के हर एक जरूरतमंद परिवार को मनरेगा से लाभ देकर गांवों को आत्मनिर्भर करने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही, सरकार की अन्य सभी फ्लैगशिप योजनाओं को भी गांवों में लागू कराया जाएगा.

आपसी बातचीत के दौरान कई बातें सामने आईं. खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड की महिला मेट इतवारी दीदी ने अपनी भाषा में दूसरी ग्रामीण महिलाओं को बताया कि मनरेगा योजनाओं जैसे टीसीबी,फील्ड बंड, शोक पिट, वाटर हारवेस्टिंग और आम की बागवानी की जा सकती है.

कंसिर पंचायत की रिंकी देवी ने बताया कि पहले ज्यादा पुरुष लोग मनरेगा में कार्य करते थे लेकिन महिला मेट की पहल पर महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। अब महिला मजदूर खुद बैंक जाकर पैसे जमा भी करती हैं और जरूरत पड़ने पर निकालती भी हैं। मनरेगा आयुक्त ने कहा कि सभी प्रखंड और पंचायतों में महिलाओं को मनरेगा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.