रांचीः 24 सितंबर को होने वाले झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वार्षिक चुनाव को लेकर गतिविधि तेज हो गई है. सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होने वाले मतदान में 39 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 3798 मतदाता करेंगे. चुनाव परिणाम 24 सितंबर को ही देर शाम आ जायेगा. इधर चुनाव शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष कराने में जुटी चैंबर चुनाव समिति के द्वारा शनिवार को सभी प्रत्याशियों के साथ बैठक कर चुनाव आचार संहिता के बारे में जानकारी दी गई.
ये भी पढ़ेंः Jharkhand News: चैम्बर ऑफ कॉमर्स चुनाव से पहले उठा विवाद, अब 24 को होगा एक साथ सभी प्रमंडल का मतदान
इस मौके पर चुनाव समिति के अध्यक्ष ललित केडिया और को-चेयरमैन पवन शर्मा ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण संपन्न करने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं. 22 सितंबर को चैंबर भवन में वार्षिक आमसभा होगी, उसके दूसरे दिन यानी 24 सितंबर को बिरसा मुंडा फुटबॉल ग्राउंड मोरहाबादी में मतदान कराया जाएगा.
चैंबर चुनाव के दौरान यदि कोई मत देते समय मोबाइल फोन से बात करेगा या तस्वीर खींचेगा तो चैंबर चुनाव समिति ने ऐसे सदस्यों के ऊपर कार्रवाई करते हुए उनके मत पत्र को अवैध करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा मतदान केंद्र पर किसी प्रकार का उपहार या पानी की बोतल इत्यादि देना पूरी तरह वर्जित किया गया है. चुनाव समिति का मानना है कि उम्मीदवार के समर्थक मतदान स्थल पर प्रचार करते हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है. यह करना पूरी तरह से वर्जित रहेगा.
इसके अलावा मतदान स्थल पर किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र, धूम्रपान और मदिरापान करना पूरी तरह वर्जित किया गया है. चैंबर चुनाव समिति ने 24 सितंबर को होने वाले मतदान के अंतिम समय संध्या 5 बजे तक कतार में खड़े होने वाले सदस्य को भी मतदान देने का अधिकार दिया है. इधर मतदान को लेकर प्रत्याशियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. निवर्तमान अध्यक्ष किशोर मंत्री के नेतृत्व में कार्यरत टीम एक बार फिर चुनाव मैदान में है. चुनाव मैदान में उतरे आदित्य मल्होत्रा का मानना है कि वोटर एक बार फिर उन्हें चैंबर की सेवा करने का मौका जरूर देंगे. उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल को बेहतरीन बताते हुए कहा कि यदि दूसरी बार मौका मिलेगा तो कुछ बचे हुए कार्य को वो पूरा करने की कोशिश करेंगे.
बहरहाल मतदान की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, चैंबर चुनाव की गतिविधि तेज होती जा रही है. चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों के द्वारा मतदाताओं को रिझाने की कोशिश भी तेज हुई है. अब देखना होगा कि व्यवसायियों के सबसे बड़े संगठन पर कौन सी टीम काबिज होती है.