रांची: झारखंड में भले ही जातीय जनगणना नहीं हुई है, लेकिन पड़ोसी राज्य बिहार में हुई जातीय जनगणना और उसके प्रारंभिक नतीजे सार्वजनिक होने से झारखंड की राजनीति प्रभावित जरूर होने लगी है. रविवार को राज्य में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी पार्टी आजसू ने संगठन विस्तार को लेकर आयोजित बड़ी बैठक में साफ कर दिया कि पार्टी जनसंख्या के आधार पर केंद्रीय कमेटी में पदाधिकारियों को जगह देगी.
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हरमू स्थित आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो की अध्यक्षता में हुई बैठक में संगठन के विस्तार पर विस्तृत चर्चा हुई. जिसमें आजसू पार्टी की भावी केंद्रीय कमेटी का स्वरूप तय किया गया. इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आजसू पार्टी की नवगठित केंद्रीय कमेटी में युवाओं और महिलाओं को पर्याप्त भागीदारी प्रदान करने का निर्णय लिया गया.
एक लाख सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य: आजसू पार्टी की नई केंद्रीय कमेटी के चयन के लिए आयोजित बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि अनुशासन के बल पर ही पार्टी सफलता के शिखर को छू सकती है. उन्होंने कहा कि झारखंड में पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी. इसके लिए अगले तीन महीने में कम से कम एक लाख सक्रिय सदस्य बनाने होंगे.
30 सितंबर से 01 अक्टूबर तक रांची में आयोजित पार्टी के केंद्रीय सम्मेलन की समीक्षा करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि आजसू सम्मेलन का राज्य की बड़ी आबादी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. आम लोग भी सम्मेलन की सोच और प्रयासों की सराहना कर रहे हैं. सुदेश महतो ने कहा कि अब समय आ गया है कि आजसू पार्टी के केंद्रीय महाधिवेशन में लिए गए संकल्पों को धरातल पर उतारा जाए.
जातीय जनगणना पर आक्रामक रुख: आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने जातीय जनगणना को लेकर सरकार पर आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जातीय जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिखकर राज्य की जनता को गुमराह कर रहे हैं. बेहतर होगा कि वह जल्द ही राज्य में जातीय जनगणना की घोषणा करें. सुदेश महतो ने कहा कि जातीय जनगणना मुख्यमंत्री के एकाधिकार का विषय है. आजसू पार्टी की आज की बैठक में पार्टी के सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभी जिला अध्यक्ष और प्रमुख नेता शामिल हुए.
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय:
- महिला आरक्षण कानून और जातीय गणना का आजसू पार्टी केंद्रीय समिति पर दिखेगा असर
- नई गठित होने वाली आजसू पार्टी के केंद्रीय समिति में 50 प्रतिशत होंगे युवा सदस्य जिनकी उम्र 40 वर्ष से होगी कम
- आजसू पार्टी केंद्रीय समिति में 30 प्रतिशत होंगी महिला पदाधिकारियों की संख्या
- सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य की आबादी के आधार पर केंद्रीय समिति में सभी वर्गों के पदाधिकारियों को दिया जाएगा स्थान
- राज्य के सभी प्रखंड और नगर निकाय क्षेत्र में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करने वाले कम से कम एक महिला और एक पुरुष पार्टी कार्यकर्ता को आजसू केंद्रीय समिति में दी जाएगी जगह