रांची: राजधानी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले की रोकथाम को लेकर मेयर आशा लकड़ा ने शनिवार को स्थाई समिति की आपात बैठक बुलाई थी. मेयर का कहना है कि नगर आयुक्त की लापरवाही के कारण स्थाई समिति की आपात बैठक नहीं हो पाई. इससे पहले भी कई बैठक बुलाई गई थी जो नहीं हो सकी. मेयर ने कहा कि स्थाई समिति की आपात बैठक के लिए शुक्रवार को ही नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त को पत्र भेजा गया था. हालांकि, नगर आयुक्त ने कहा कि उन्हें न तो पत्र मिला और न ही कोई जानकारी दी गई. जबकि नगर आयुक्त के कार्यालय में शुक्रवार को पत्र रिसीव किया गया था.
यह भी पढ़ें: लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ, एक क्लिक में समझें पूरा चारा घोटाला मामला
एक-एक करोड़ का किसी ने नहीं दिया हिसाब
मेयर ने कहा है कि 2020 में कोरोना से निपटने के लिए मेयर और डिप्टी मेयर द्वारा नागरिक सुविधा मद से दी गई एक-एक करोड़ की राशि का हिसाब मांगा गया था. इसका किसी ने जवाब नहीं दिया. किसी अधिकारी को आवश्यक कार्य से शहर से बाहर जाने तो किसी को कोरोना जांच कराने की जरूरत पड़ गई. मेयर ने बताया कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत पार्षदों के पांचवें भाग द्वारा 10 अप्रैल को पत्राचार कर मेयर और नगर आयुक्त से स्थाई समिति की आपात बैठक बुलाने की मांग की गई थी. झारखंड नगरपालिका अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत ही मेयर की ओर से नगर आयुक्त को पत्राचार कर स्थाई समिति की आपात बैठक बुलाने का निर्देश दिया था. लेकिन, नगर आयुक्त ने पार्षदों के पांचवें भाग द्वारा दिए गए पत्र से संबंधित फाइल भी आगे नहीं बढ़ाया.
मेयर का आरोप-आपात बैठक को भी गंभीरता से नहीं ले रहे नगर आयुक्त
मेयर ने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त न तो झारखंड नगरपालिका अधिनियम में निहित प्रावधानों का अनुपालन कर रहे हैं और न ही मेयर के निर्देश का सम्मान कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के रोकथाम के लिए स्थाई समिति की आपात बैठक को भी उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि राजधानी की आम जनता कोरोना संक्रमण के भय से त्राहिमाम कर रही है. फिर भी नगर आयुक्त को शहरवासियों की जान की कोई परवाह नहीं है. स्थाई समिति की आपात बैठक में 53 वॉर्डों में सफाई और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था, कोरोना संक्रमण से रांची नगर निगम के सफाईकर्मियों की सुरक्षा, पीपीई किट, मास्क, हैंड ग्लव्स और सेनेटाइजर की उपलब्धता से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जानी थी. मेयर ने राज्य सरकार और नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव से मांग करते हुए कहा कि रांची नगर निगम के लापरवाह अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाए.