रांचीः राज्य के सबसे बड़े सरकारी मानसिक रोग अस्पताल RINPAS की ओपीडी में इलाज कराने आने वाले मानसिक रोगियों को निशुल्क दवा नहीं मिल पा रही है. मानसिक रोगियों के परिजन फार्मेसी से महंगी दवा लेने को मजबूर हैं. इसकी वजह RINPAS में अधिकतर दवा का स्टॉक खत्म हो जाना है.
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रिनपास ओपीडी में रोजाना आते हैं 500-600 लोगः राज्य के सबसे बड़े सरकारी मानसिक रोग अस्पताल रिनपास की ओपीडी में राज्य और राज्य के बाहर से हर दिन पांच सौ से छह सौ की संख्या में मानसिक रोगी इलाज के लिए आते हैं. ओपीडी में मनोचिकित्सक मरीजों को देखकर दवा की भी सलाह देते हैं. परंतु इन दिनों ओपीडी के मरीजों को दो महीने का फ्री दवा नहीं दी जा रही है.
प्रभारी निदेशक ने बात करने से किया इंकारः पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने रिनपास की प्रभारी निदेशक डॉ. जयति सिमलाई से बात की कोशिश की लेकिन उन्होंने एक अर्जेंट मीटिंग में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए बात करने से इंकार कर दिया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दवाओं की खरीद की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई है और तकनीकी टेंडर के बाद फाइनल टेंडर होने के बाद परिस्थितियां पहले जैसी हो जाएंगी और फिर से मरीजों को 2 महीने के लिए फ्री दवा दी जानी शुरू कर दी जाएंगी परंतु इस प्रक्रिया को पूरी होने में वक्त लगेगा और तब तक परेशान गरीब मानसिक रोगियों और उनके परिजनों को बाजार से बीमारी की महंगी दवा लेनी पड़ेगी.