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सड़क पर रात गुजराने को मजबूर रिम्स के मेडिकल छात्र, हॉस्टल खाली करने के आदेश से हैं परेशान

20 जुलाई का दिन रिम्स के मेडिकल छात्र के लिए काफी कष्टप्रद रहा. क्योंकि 20 जुलाई की देर शाम तक प्रबंधन के आदेशानुसार छात्रों को किसी भी कीमत पर हॉस्टल खाली करना था. अचानक हॉस्टल खाली करने की वजह से कई छात्रों को देर रात सड़क पर बिताना पड़ा तो कई छात्र स्टेशन पर रहने को मजबूर हो गए.

Medical students upset by RIMS Management order to vacate hostels in Ranchi
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Published : Jul 21, 2023, 8:44 AM IST

रांची: झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के छात्रों के लिए गुरुवार का दिन काफी परेशानियों से भरा रहा. क्योंकि 20 जुलाई 2023 को प्रबंधन के आदेश ने उनके लिए आफत खड़ी कर दी. रिम्स प्रबंधन की तरफ से जारी आदेश के अनुसार यह कहा गया कि सभी छात्र गुरुवार देर शाम तक हॉस्टल खाली करें नहीं तो उनकी जिम्मेदारी प्रबंधन नहीं लेगा.

इसे भी पढ़ें- रिम्स कॉलेज प्रबंधन का छात्रों पर चला चाबुक, 2019-2022 सत्र के विद्यार्थियों को हॉस्टल से निकाला

रिम्स प्रबंधन के आदेश के बाद छात्र अपने टीचर्स और डीन से आग्रह कर रहे थे कि उन्हें कुछ दिन रहने की अनुमति दी जाए. जिससे वो अपने अपने घर जाने के लिए टिकट करा सकें. लेकिन प्रबंधन की तरफ से आदेश को वापस नहीं लिया गया, जिसके बाद छात्र आदेशानुसार बिना टिकट लिए अपने घर के लिए रवाना हो गए. जिन छात्रों का घर रांची और आसपास के जिलों में था, वह छात्र अपने वाहन से घर चले गए. लेकिन जिन छात्रों का घर अन्य राज्यों में था और सैकड़ों किलोमीटर दूर हैं, उनके लिए कुछ घंटों में हॉस्टल छोड़ना काफी मुश्किल रहा.

बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले एक छात्र ने बताया कि कुछ घंटे में हॉस्टल छोड़ने की वजह से उन्हें देर रात स्टेशन पर बिताना पड़ा. फिर जाकर उन्हें एक ट्रेन मिली जिसे पकड़ कर वह अपने घर के लिए विदाउट टिकट रवाना हुए. वहीं राजस्थान की रहने वाली एक मेडिकल छात्रा को भी टिकट नहीं मिलने की वजह से काफी देर तक सड़क पर बिताना पड़ा. जब उन्हें कोई सहारा नहीं मिला तो अंत में छात्रा अपने मित्र के घर में शरण ली.

मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन नहीं मिलने के कारण कई छात्रों को देर रात होटलों में बिताना पड़ा. करीब 900 छात्र-छात्राओं में गुरुवार की देर शाम तक हॉस्टल छोड़ दिया. वहीं कुछ ऐसे भी स्टूडेंट हैं. जिनके लिए कुछ घंटों में हॉस्टल छोड़ना मुश्किल था और वह शारीरिक रूप से बीमार एवं लाचार थे. उन छात्रों के द्वारा आग्रह किए जाने के बाद उन्हें हॉस्टल में एक रात रहने की अनुमति दी गई साथ ही हिदायत दिया गया कि जैसे ही साधन मिले वह अपने घर के लिए रवाना हो जाएं.

बता दें कि पिछले दिनों छात्र-छात्राओं के बीच हुई नोकझोंक कुछ दिनों में करीब 900 मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए आफत बन गई. जिसका नतीजा स्टूडेंट्स को हॉस्टल छोड़कर भुगतना पड़ा. फिलहाल सभी छात्रों को अगले 15 दिनों के लिए हॉस्टल खाली करा दिया गया है. अब प्रबंधन की बैठक के बाद सभी छात्रों को बुला कर नए सिरे से हॉस्टल अलॉट किया जाएगा.

रांची: झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के छात्रों के लिए गुरुवार का दिन काफी परेशानियों से भरा रहा. क्योंकि 20 जुलाई 2023 को प्रबंधन के आदेश ने उनके लिए आफत खड़ी कर दी. रिम्स प्रबंधन की तरफ से जारी आदेश के अनुसार यह कहा गया कि सभी छात्र गुरुवार देर शाम तक हॉस्टल खाली करें नहीं तो उनकी जिम्मेदारी प्रबंधन नहीं लेगा.

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रिम्स प्रबंधन के आदेश के बाद छात्र अपने टीचर्स और डीन से आग्रह कर रहे थे कि उन्हें कुछ दिन रहने की अनुमति दी जाए. जिससे वो अपने अपने घर जाने के लिए टिकट करा सकें. लेकिन प्रबंधन की तरफ से आदेश को वापस नहीं लिया गया, जिसके बाद छात्र आदेशानुसार बिना टिकट लिए अपने घर के लिए रवाना हो गए. जिन छात्रों का घर रांची और आसपास के जिलों में था, वह छात्र अपने वाहन से घर चले गए. लेकिन जिन छात्रों का घर अन्य राज्यों में था और सैकड़ों किलोमीटर दूर हैं, उनके लिए कुछ घंटों में हॉस्टल छोड़ना काफी मुश्किल रहा.

बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले एक छात्र ने बताया कि कुछ घंटे में हॉस्टल छोड़ने की वजह से उन्हें देर रात स्टेशन पर बिताना पड़ा. फिर जाकर उन्हें एक ट्रेन मिली जिसे पकड़ कर वह अपने घर के लिए विदाउट टिकट रवाना हुए. वहीं राजस्थान की रहने वाली एक मेडिकल छात्रा को भी टिकट नहीं मिलने की वजह से काफी देर तक सड़क पर बिताना पड़ा. जब उन्हें कोई सहारा नहीं मिला तो अंत में छात्रा अपने मित्र के घर में शरण ली.

मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन नहीं मिलने के कारण कई छात्रों को देर रात होटलों में बिताना पड़ा. करीब 900 छात्र-छात्राओं में गुरुवार की देर शाम तक हॉस्टल छोड़ दिया. वहीं कुछ ऐसे भी स्टूडेंट हैं. जिनके लिए कुछ घंटों में हॉस्टल छोड़ना मुश्किल था और वह शारीरिक रूप से बीमार एवं लाचार थे. उन छात्रों के द्वारा आग्रह किए जाने के बाद उन्हें हॉस्टल में एक रात रहने की अनुमति दी गई साथ ही हिदायत दिया गया कि जैसे ही साधन मिले वह अपने घर के लिए रवाना हो जाएं.

बता दें कि पिछले दिनों छात्र-छात्राओं के बीच हुई नोकझोंक कुछ दिनों में करीब 900 मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए आफत बन गई. जिसका नतीजा स्टूडेंट्स को हॉस्टल छोड़कर भुगतना पड़ा. फिलहाल सभी छात्रों को अगले 15 दिनों के लिए हॉस्टल खाली करा दिया गया है. अब प्रबंधन की बैठक के बाद सभी छात्रों को बुला कर नए सिरे से हॉस्टल अलॉट किया जाएगा.

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