रांचीः दामोदर वैली कॉरपोरेशन यानी डीवीसी को लेकर एकीकृत बिहार और पश्चिम बंगाल के साथ हुए इकरारनामा की कॉपी झारखंड सरकार के पास उपलब्ध नहीं है. कांग्रेस विधायक सरफराज अहमद ने ध्यानाकर्षण में उठाए सवाल के जवाब में सरकार की ओर से जानकारी दी गई. इसपर सरफराज अहमद ने कहा कि झारखंड की धरती पर डीवीसी स्थापित है. यहां से कोयला और पानी का इस्तेमाल करती है. लेकिन बिजली पश्चिम बंगाल को भेजती है.
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डीवीसी की मनमानी पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी गंभीर हैं. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों सदन में कहा था कि डीवीसी का मुख्यालय कोलकाता से रांची लाने या कंपनी पर सख्ती बरतने के लिए पूरे विपक्ष का सहयोग जरूरी है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि कंपनी मनमानी कर रही है, तो झारखंड सरकार नए सिरे से डीवीसी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से नया एग्रीमेंट करें. इसके जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि एकीकृत बिहार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच डीवीसी को लेकर हुए एग्रीमेंट की कॉपी नहीं है. इसे लेकर बिहार सरकार को पत्र लिखा है. लेकिन, कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. फिर बिहार सरकार को रिमाइंडर भेजा जाएगा. इसपर सरफराज अहमद ने कहा कि एग्रीमेंट के अनुसार डीवीसी के चेयरमैन बंगाल से और सेक्रेटरी बिहार से होता था. प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सरकार इस बात से सहमत हैं कि डीवीसी राज्य के साथ सहयोगात्मक रवैया नहीं अपना रही है. सभी दलों का सहयोग मिले, तो डीवीसी पर कार्रवाई संभव है.