रांचीः कोरोना महामारी के मद्देनजर पठन-पाठन और सिलेबस में भी कटौती की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से गठित कमेटी ने एक रिपोर्ट तैयार की है. परीक्षार्थियों के सिलेबस में 50 से 60 फीसदी तक कटौती की जा सकती है. वर्ष 2021 के परीक्षार्थियों के सिलेबस छोटे होंगे.
शिक्षा जगत में कई बदलाव
शिक्षा जगत में कोरोना के कारण कई बदलाव किए जा रहे हैं. स्कूली शिक्षा के साथ-साथ विश्वविद्यालय स्तर पर उच्च शिक्षा के सेशन में भी लेटलतीफी और कटौती की जा रही है. इसी कड़ी में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से गठित कमेटी ने इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा 2021 के परीक्षार्थियों के सिलेबस में लगभग 50-60 फीसदी तक कटौती करने को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. उच्च स्तरीय सहमति मिलने पर इसको लागू किया जा सकता है.
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सितंबर से किया जा सकता है लागू
जानकारी के मुताबिक, सितंबर से इस सिलेबस को लागू करने की प्रक्रिया तेज हो सकती है. एक गाइडलाइन के मुताबिक पहले कहा गया था कि सिलेबस 40 प्रतिशत तक कटौती की जाएगी, लेकिन लॉकडाउन की अविधि बढ़ने के कारण एक बार फिर सिलेबर में 50 से 60 फीसदी तक कटौती करने पर सहमति बन रही है.
स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों की राय
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण सबसे ज्यादा मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं. इन्हीं विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए कई कदम शिक्षा विभाग की ओर से उठाए जाएंगे. ऐसे कई निर्णय है जो विद्यार्थियों के हित में आगे जाकर लिए जा सकते हैं. फिलहाल, नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों का स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों से राय ली जा रही है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से राज्य के तमाम अभिभावकों से राय मांगी गई है.