रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई के बीच हर दिन नक्सलियों को कोई ना कोई बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. कभी मुठभेड़ में उनके बड़े कमांडर मारे जा रहे हैं तो कभी गिरफ्तार कर लिया जा रहे हैं. आलम यह है कि पुलिस की कार्रवाई से घबराए कई छोटे और बड़े नक्सली शहरों में पनाह लेने की कोशिश कर रहे हैं. जो शहर में पनाह लेने की कोशिश कर रहे हैं उनमें से कुछ पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में घायल हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. पुलिस की सक्रियता इसी से समझी जा सकती है कि वे लोग गांव के वैद्य हकीम तक पर नजर रखे हुए हैं.
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शहर में पनाह मिले तो बचे जान: झारखंड के चतरा जिले में पिछले सप्ताह पुलिस के साथ हुए जबरदस्त मुठभेड़ में एक साथ पांच इनामी नक्सली मारे गए थे. इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों को गोलियां लगी है, जबकि कई भागने के क्रम में चोटिल हुए है. ऐसे नक्सली कैडर शहरी इलाकों में पनाह लेने के लिए कोशिश कर रहे हैं. ताकि पुलिस सेवन की जान बच सके, चतरा मुठभेड़ से बचकर भागे एक नक्सली कमांडर को दो दिन पहले ही पलामू पुलिस ने गिरफ्तार किया है. चुकी चतरा जिला का घोर नक्सल प्रभावित इलाका राजधानी रांची से भी सटा हुआ है ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि कुछ नक्सली राजधानी में भी पनाह ले सकते है या फिर वे इलाज के लिए निजी अस्पतालों का सहारा ले सकते हैं.
अभियान शुरू: नक्सलियों के शहर में पनाह लेने की सूचना मिलने के बाद रांची, चतरा और लातेहार बॉर्डर पर पुलिस के द्वारा जबर्दस्त अभियान छेड़ दिया गया है. राजधानी रांची से सटे हुए चतरा का भी बॉर्डर पड़ता है इसके अलावा लातेहार का भी ऐसे में इन इलाकों में गहन सर्च ऑपरेशन पुलिस और जगुआर के द्वारा चलाया जा रहा है. ताकि अगर नक्सली कहीं भी छिपे हों तो उन्हें ढूंढ कर निकाला जा सके. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि बड़े पैमाने पर फोर्स को जंगल में उतारा गया है. राजधानी का कोयला क्षेत्र नक्सलियों के लिए काफी मुफीद रहा है ऐसे में उन इलाकों में भी विशेष चौकसी बरती जा रही है.
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एसपीओ-चौकीदार को भी किया गया एक्टिव: रांची पुलिस के द्वारा रांची से सटे चतरा लातेहार और लोहरदगा बॉर्डर पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. इसके अलावा आसपास के जो भी चिकित्सा से संबंधित लोग हैं उन पर भी नजर रखी जा रही है. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि न सिर्फ निजी अस्पताल बल्कि सरकारी अस्पताल और वैद्य-हकीमों के घर पर भी एसपीओ और चौकीदार के माध्यम से नजर रखी जा रही है कि कहीं उनके यहां कोई संदिग्ध व्यक्ति इलाज तो नहीं करवा रहा है.