रांची/पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के टॉप कमांडर विमल उर्फ राधे श्याम यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियों के सामने विमल ने अपना हथियार डाला है. पुलिस अधिकारी सूत्रों ने बताया कि आत्मसमर्पण के बाद विमल को रांची में गुप्त ठिकाने पर रखकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस और खुफिया एजेंसियां भाकपा माओवादी संगठन के गतिविधियों से संबंधित जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे. बताया जा रहा है कि विमल यादव माओवादी के स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य था. झारखंड सरकार ने विमल पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था.
यह भी पढ़ेंःपलामू में अवैध हथियार के खिलाफ चलेगा स्पेशल ड्राइव, एसपी ने अपराध की समीक्षा
विमल यादव मुख्य रूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाला है. माओवादी के टॉप कमांडर देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद की मौत के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में विमल यादव माओवादियों का सबसे मजबूत कमांडर था. अरविंद की मौत के बाद सुधाकरण को बूढ़ा पहाड़ का कमांडर बनाया गया था. सुधाकरण के आत्मसमर्पण के बाद विमल ने बूढ़ा पहाड़ की कमान संभाली थी. हाल के दिनों में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ की कमान मिथिलेश मेहता को दी है. इससे विमल यादव का कद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कम हो गया था.
प्रेमिका के साथ किया आत्मसमर्पण
विमल यादव कुछ दिनों पहले बूढ़ा पहाड़ के इलाके से हथियार के साथ भाग गया था. इसके बाद से आत्मसमर्पण की फिराक में था. पुलिस अधिकारी सूत्रों ने बताया कि विमल का बूढ़ा पहाड़ के इलाके की एक लड़की से प्रेम संबंध था. प्रेमिका के कारण ही संगठन में कद कम कर दिया गया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि विमल ने अपनी प्रेमिका के साथ सुरक्षा एजेंसियों के सामने आत्मसमर्पण किया है. प्रेमिका छत्तीसगढ़ के पिपरढाब इलाके की रहने वाली है.
तीन दर्जन से अधिक हमले का है आरोपी
2013-14 में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ के इलाके को अपना यूनिफाइड कमांड बनाया था. इसके बाद से विमल यादव बूढ़ा पहाड़ इलाके में सक्रिय हो गया. पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले में विमल के ऊपर तीन दर्जन से अधिक नक्सल हमला करने का आरोप है. 2011 में चतरा सांसद के काफिले पर हुए हमले में 11 जवान शहीद हुए थे. 2012-13 में कटिया में हुए हमले में 17 जवान शहीद हुए थे. 2013-14 में गढ़वा के भंडरिया थाना प्रभारी पर हमला हुआ था. इस हमले में थाना प्रभारी सहित 12 जवान शहीद हुए थे. 2018-19 में बूढ़ा पहाड़ के इलाके में हमला हुआ था, जिसमें 6 जवान शहीद हुए थे.
पुलिस कर रही पूछताछ
सरेंडर के बाद विमल को रांची में गुप्त ठिकाने पर रखकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस और खुफिया एजेंसियां भाकपा माओवादी संगठन के गतिविधियों के विषय में जानकारी ले रही है. पूरी जानकारी लेने के बाद उसे पुलिस औपचारिक रूप से पेश कर समर्पण कराएगी.
हथियार लेकर भागने की सूचना
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, विमल यादव के पास एके 47 जैसा घातक हथियार भी था. सूचना के मुताबिक, विमल माओवादी संगठन के हथियार लेकर भी निकल गया था. विमल मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के सलेमपुर थाना के करौना का रहने वाला है.
आधा दर्जन से अधिक उग्रवादियों के साथ साथ समर्पण की योजना
झारखंड पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, राज्य पुलिस में माओवादियों के बड़े स्तर पर एक ही साथ समर्पण की योजना पर काम किया जा रहा है. महाराज प्रमाणिक, बैलून सरदार के साथ ही तकरीबन आधा दर्जन लोग माओवादी संगठन से अलग हुए हैं. अब इन लोगों के साथ-साथ विमल यादव को भी साथ में ही सरेंडर दिखाने की योजना पर काम किया जा रहा है. हालांकि उग्रवादियों के पुलिस के संपर्क में आने के बाद उनकी निशानदेही पर अभियान भी चलाया जा रहा है.