रांची: झारखंड की संस्कृति और सभ्यता को दर्शाने की कोशिश फूड कॉर्नर के द्वारा किया गया. जहां एक से बढ़कर एक व्यंजन को लोगों ने खूब पसंद किया. देर शाम आड्रे हाउस झारखंड के लोकनृत्य से गूंजता रहा. सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को बिखेरने की कोशिश कलाकारों ने की. इस मौके पर पर्यटन निदेशक अंजली यादव ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से चांडिल सहित राज्य के कई टूरिस्ट पैलेस को विकसित करने की व्यापक योजना बनाई गई है.
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अंतरराष्ट्रीय महत्व के हैं राज्य में कई टूरिस्ट पैलेस: झारखंड में अंतरराष्ट्रीय महत्व के दो दर्जन से अधिक पर्यटक स्थल हैं. जहां लाखों लोग हर साल आते हैं. धार्मिक लिहाज से देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम और दुमका के बासुकीनाथ धाम के अलावा पारसनाथ जैन मंदिर विश्वविख्यात है. इसके अलावा प्राकृतिक सुंदरता को बिखेरते कई पर्यटन स्थल भी हैं जहां सालों भर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है. आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में 2020 की तुलना में 2021 में पर्यटकों की संख्या में करीब 234 फीसदी वृद्धि हुई थी.
नेतरहाट इको फेस्टिवल एक महीने तक चलेगा-अंजली: नेतरहाट इको फेस्टिवल-2023 के जरिए झारखंड सरकार देश दुनिया के पर्यटकों को झारखंड आने का न्योता दे रही है. एक महीने तक चलने वाले नेतरहाट इको फेस्टिवल में देश विदेश के मीडियाकर्मी के साथ-साथ इन्वेस्टर्स और कला क्षेत्र के लोगों का जमावड़ा लगेगा. इसके लिए तैयारी पर्यटन विभाग के द्वारा शुरू कर दी गई है. पर्यटन निदेशक अंजली यादव ने कहा कि नेतरहाट इको फेस्टिवल को एतिहासिक बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. सड़क निर्माण से लेकर एक फेस्टिवल में आने वाले पर्यटकों के सुविधा और कार्यक्रमों के साथ विद्युत प्रकाश की समुचित व्यवस्था की जा रही है.
धार्मिक टूरिज्म के अलावा झारखंड इको टूरिज्म के लिहाज से भी खास है जिसमें एक दर्जन से अधिक अभयारण्य हैं. इनमें दलमा, बेतला जैसी सेंचुरी शामिल हैं. ऐसे में आवश्यकता ऐसे स्थानों को विकसित करने का है जिससे अधिक से अधिक पर्यटक झारखंड आ सके. जाहिर तौर पर पर्यटन क्षेत्र विकसित होने से रोजगार के साथ साथ राज्य को राजस्व प्राप्ति में भी वृद्धि होगी.