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रांची के युवाओं को लगा महानगरों का रोग, बाइक पर करतब दिखा वीडियो बनाना पड़ रहा भारी, लापरवाह रफ्तार ले रही जान

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Published : Jun 10, 2023, 11:01 AM IST

Updated : Jun 10, 2023, 7:41 PM IST

रांची मेंं बढ़ते सड़क हादसे के पीछे की वजह युवा बाइक पर स्टंट को माना जा रहा है. पुलिस रिकार्ड में दर्ज कारणों में स्टंट भी एक कारण हैं. इस वजह से युवा सड़क हादसे के शिकार हो रहे हैं. रांची में सड़क हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. जिसके बाद पुलिस प्रशासन ऐसे युवाओं पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

road accidents in Ranchi
road accidents in Ranchi
देखें पूरी खबर

रांची: महानगरों में कई युवा अक्सर खुद को अलग दिखाने के ट्रेंड में शामिल हो जाते हैं, जिसे अपनाकर या फॉलो कर युवा खुद को बाकियों से श्रेष्ठ समझने लगते हैं. बाइक पर स्टंट करके वह खुद को स्टाइलिश और ज्यादा एडवेंचर करने वाला समझने लगते हैं, लेकिन यही एडवेंचर कभी कभी उनकी जान पर भारी पड़ जाता है. रांची में भी अब कई युवा ऐसे ही स्टंट करते नजर आते हैं. राजधानी पुलिस ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रख रही है और कैमरे से भी निगरानी की जा रही है.

यह भी पढ़ें: पलामू में एनएच 98 पर पांच वाहनों की भिड़ंत, बाल-बाल बचे लोग

दरअसल, राजधानी रांची में हर महीने औसतन 40 से 45 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं. यह आंकड़े तब सामने आ रहे हैं, जब राजधानी के अधिकांश सड़कों को बेहतरीन बना दिया गया है और ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करके उन्हें भी दुरुस्त कर दिया गया है. सड़क सुरक्षा कार्यालय का रिसर्च बताता है कि राजधानी में अब मानव गलतियों की वजह से हादसे सामने आ रहे हैं. रिसर्च के दौरान सड़क हादसों के कई नए वजह भी सामने आए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख स्टंट कर वीडियो बनाना, ईयर बड्स का इस्तेमाल, तेज रफ्तार और ड्रंक एंड ड्राइव है.

रोड इंजीनियरिंग हुआ बेहतर: तीन साल पहले तक राजधानी के कई सड़क बेहद जानलेवा थी. खास कर रांची टाटा रोड को तो मौत की घाटी कहा जाने लगा था. सड़क हादसे लगातार सामने आ रहे थे. इसमें लोगों की जानें जा रही थीं. नतीजा परिवहन विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर जहां सबसे ज्यादा हादसे सामने आ रहे थे उसमें रांची टाटा रोड और शहर के वैसे सभी ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया. जिसके बाद 3 साल के भीतर अथक मेहनत कर सभी ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त कर दिया गया.

जिन सड़कों पर हादसे हो रहे थे, उसे बेहतरीन कर दिया गया, लेकिन हादसों में मौत का आंकड़ा इन सब के बावजूद कम नहीं हुआ. सड़क हादसों की वजहों को दूर करने के बावजूद जब इसमे कोई कमी नहीं आई, तब सड़क सुरक्षा कार्यालय ने इस पर दोबारा रिसर्च किया. सड़क सुरक्षा कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी उन सभी जगहों पर गए, जहां हादसे सामने आए थे और लोगों की जान गई थी. मौके पर जाने पर अधिकारियों को रोड इंजीनियरिंग में कोई खामी नहीं मिली. आसपास के लोगों से पड़ताल करने पर और सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर यह नजर आया कि जो भी हादसे हो रहे हैं उसमें से 90% ह्यूमन एरर की वजह से हुए हैं.

स्टंट और रफ्तार बन रही मौत की वजह: सड़क सुरक्षा कार्यालय के अधिकारियों को हाईवे के पास स्थित कुछ गांव के लोगों ने जानकारी दी कि हाल के दिनों में एक नया ट्रेंड हाईवे पर देखने को मिल रहा है. स्कूल और कॉलेज से बड़ी संख्या में लड़के और लड़कियां हाईवे पर आते हैं और लड़के लड़कियों को अपनी बाइक पर बिठाकर खतरनाक स्टंट करते हैं. स्टंट का वे लोग वीडियो भी शूट करते हैं. वीडियो शूट करने के लिए बकायदा प्रोफेशनल कैमरामैन मौके पर आते हैं. इस दौरान कई बार लड़के लड़कियां बाइक से गिरकर घायल भी होते हैं, जिन्हें वे लोग खुद अस्पताल लेकर चले जाते हैं.

सड़क सुरक्षा कार्यालय को भी जानकारी मिली है कि ऐसे स्टंट रांची के नामकुम, पिठोरिया जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. स्टंट के इस खेल में पैसे भी जमकर लगाए जा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि स्टंट के बाद जब लड़के लड़कियां वापस लौटते हैं, उस दौरान भी बेहद तेज गति से वे बाइक चलाते हैं. इस दौरान वह भी हादसे के शिकार होते हैं, लेकिन उनसे ज्यादा हादसों के शिकार वे लोग हो जाते हैं, जो सड़क पर सही और सीधे तरीके से चलते हैं.

ईयर बड्स का इस्तेमाल भी वजह: सड़क सुरक्षा कार्यालय के द्वारा सड़क हादसों की वजहों में से ईयर बड्स भी एक प्रमुख कारण है. कान में ईयर बड्स लगाकर ड्राइव करना राजधानी में जानलेवा साबित हो रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हादसों में सबसे ज्यादा 18 साल से लेकर 35 साल के युवाओं की ही मौत हो रही है. घायलों की संख्या भी इसी उम्र के आसपास है. जबकि 3 साल पहले तक मृतकों में युवाओं की संख्या कम हुआ करती थी. आंकड़े बताते हैं कि इसके पीछे ड्रंक एंड ड्राइव तो पुरानी वजह रही ही है, लेकिन तेज रफ्तार बाइक चलाते समय ईयर फोन और बड्स का प्रयोग से ज्यादा हादसे सामने आ रहे हैं.

स्टंट पर ब्रेक लगाने का प्रयास शुरू: रांची डीटीओ कार्यालय के द्वारा रांची के सीनियर एसपी को पत्र लिखकर स्टंट करने वाले यूट्यूबर्स पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. डीटीओ कार्यालय के द्वारा भी स्टंट करने वाले युवकों पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन जब भी टीम मौके पर पहुंचती है, वह बेहद तेज रफ्तार से वहां से भागते हैं, ऐसे में और सड़क हादसों का अंदेशा बढ़ जाता है.

यह भी पढ़ें:रोड एक्सीडेंट में बाइक सवार दो युवकों की मौत, अज्ञात वाहन की चपेट में आने से हुई दुर्घटना

जानकारी मिली है, कार्रवाई होगी - ग्रामीण एसपी: रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि यह जानकारी मिली है कि ग्रामीण इलाकों में जहां सड़कें बहुत ही बेहतर है वहां लड़के लड़कियां बाइक से स्टंट कर रहे हैं. जिनकी वजह से हादसे सामने आ रहे हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश सभी ग्रामीण थानेदारों को दिया गया है.

210 से ज्यादा मौतें, अभी बीता है आधा साल: रांची डीटीओ कार्यालय से मिले हादसों के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. जनवरी 2023 से लेकर मई 2023 तक 210 लोग सिर्फ राजधानी में सड़क हादसों में अपनी जान गवा चुके हैं. जबकि 170 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए हैं. अगर पिछले साल की बात करें तो दिसंबर 2022 में कुल 64 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 44 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 38 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. आंकड़ो के अनुसार, सड़क हादसों में मरने वाले सबसे ज्यादा युवा हैं, जिनकी उम्र 18 से 30 के बीच है. स्टंट, बिना हेलमेट सवारी, तेज रफ्तार, शराब और ईयर बड्स-हेडफोन का इस्तेमाल हादसों की प्रमुख वजहें सामने आई है. साल 2021 में सड़क हादसों में जहां 448 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. वहीं साल 2022 में कुल 450 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई थी.

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रांची: महानगरों में कई युवा अक्सर खुद को अलग दिखाने के ट्रेंड में शामिल हो जाते हैं, जिसे अपनाकर या फॉलो कर युवा खुद को बाकियों से श्रेष्ठ समझने लगते हैं. बाइक पर स्टंट करके वह खुद को स्टाइलिश और ज्यादा एडवेंचर करने वाला समझने लगते हैं, लेकिन यही एडवेंचर कभी कभी उनकी जान पर भारी पड़ जाता है. रांची में भी अब कई युवा ऐसे ही स्टंट करते नजर आते हैं. राजधानी पुलिस ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रख रही है और कैमरे से भी निगरानी की जा रही है.

यह भी पढ़ें: पलामू में एनएच 98 पर पांच वाहनों की भिड़ंत, बाल-बाल बचे लोग

दरअसल, राजधानी रांची में हर महीने औसतन 40 से 45 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं. यह आंकड़े तब सामने आ रहे हैं, जब राजधानी के अधिकांश सड़कों को बेहतरीन बना दिया गया है और ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करके उन्हें भी दुरुस्त कर दिया गया है. सड़क सुरक्षा कार्यालय का रिसर्च बताता है कि राजधानी में अब मानव गलतियों की वजह से हादसे सामने आ रहे हैं. रिसर्च के दौरान सड़क हादसों के कई नए वजह भी सामने आए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख स्टंट कर वीडियो बनाना, ईयर बड्स का इस्तेमाल, तेज रफ्तार और ड्रंक एंड ड्राइव है.

रोड इंजीनियरिंग हुआ बेहतर: तीन साल पहले तक राजधानी के कई सड़क बेहद जानलेवा थी. खास कर रांची टाटा रोड को तो मौत की घाटी कहा जाने लगा था. सड़क हादसे लगातार सामने आ रहे थे. इसमें लोगों की जानें जा रही थीं. नतीजा परिवहन विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर जहां सबसे ज्यादा हादसे सामने आ रहे थे उसमें रांची टाटा रोड और शहर के वैसे सभी ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया. जिसके बाद 3 साल के भीतर अथक मेहनत कर सभी ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त कर दिया गया.

जिन सड़कों पर हादसे हो रहे थे, उसे बेहतरीन कर दिया गया, लेकिन हादसों में मौत का आंकड़ा इन सब के बावजूद कम नहीं हुआ. सड़क हादसों की वजहों को दूर करने के बावजूद जब इसमे कोई कमी नहीं आई, तब सड़क सुरक्षा कार्यालय ने इस पर दोबारा रिसर्च किया. सड़क सुरक्षा कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी उन सभी जगहों पर गए, जहां हादसे सामने आए थे और लोगों की जान गई थी. मौके पर जाने पर अधिकारियों को रोड इंजीनियरिंग में कोई खामी नहीं मिली. आसपास के लोगों से पड़ताल करने पर और सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर यह नजर आया कि जो भी हादसे हो रहे हैं उसमें से 90% ह्यूमन एरर की वजह से हुए हैं.

स्टंट और रफ्तार बन रही मौत की वजह: सड़क सुरक्षा कार्यालय के अधिकारियों को हाईवे के पास स्थित कुछ गांव के लोगों ने जानकारी दी कि हाल के दिनों में एक नया ट्रेंड हाईवे पर देखने को मिल रहा है. स्कूल और कॉलेज से बड़ी संख्या में लड़के और लड़कियां हाईवे पर आते हैं और लड़के लड़कियों को अपनी बाइक पर बिठाकर खतरनाक स्टंट करते हैं. स्टंट का वे लोग वीडियो भी शूट करते हैं. वीडियो शूट करने के लिए बकायदा प्रोफेशनल कैमरामैन मौके पर आते हैं. इस दौरान कई बार लड़के लड़कियां बाइक से गिरकर घायल भी होते हैं, जिन्हें वे लोग खुद अस्पताल लेकर चले जाते हैं.

सड़क सुरक्षा कार्यालय को भी जानकारी मिली है कि ऐसे स्टंट रांची के नामकुम, पिठोरिया जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. स्टंट के इस खेल में पैसे भी जमकर लगाए जा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि स्टंट के बाद जब लड़के लड़कियां वापस लौटते हैं, उस दौरान भी बेहद तेज गति से वे बाइक चलाते हैं. इस दौरान वह भी हादसे के शिकार होते हैं, लेकिन उनसे ज्यादा हादसों के शिकार वे लोग हो जाते हैं, जो सड़क पर सही और सीधे तरीके से चलते हैं.

ईयर बड्स का इस्तेमाल भी वजह: सड़क सुरक्षा कार्यालय के द्वारा सड़क हादसों की वजहों में से ईयर बड्स भी एक प्रमुख कारण है. कान में ईयर बड्स लगाकर ड्राइव करना राजधानी में जानलेवा साबित हो रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हादसों में सबसे ज्यादा 18 साल से लेकर 35 साल के युवाओं की ही मौत हो रही है. घायलों की संख्या भी इसी उम्र के आसपास है. जबकि 3 साल पहले तक मृतकों में युवाओं की संख्या कम हुआ करती थी. आंकड़े बताते हैं कि इसके पीछे ड्रंक एंड ड्राइव तो पुरानी वजह रही ही है, लेकिन तेज रफ्तार बाइक चलाते समय ईयर फोन और बड्स का प्रयोग से ज्यादा हादसे सामने आ रहे हैं.

स्टंट पर ब्रेक लगाने का प्रयास शुरू: रांची डीटीओ कार्यालय के द्वारा रांची के सीनियर एसपी को पत्र लिखकर स्टंट करने वाले यूट्यूबर्स पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. डीटीओ कार्यालय के द्वारा भी स्टंट करने वाले युवकों पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन जब भी टीम मौके पर पहुंचती है, वह बेहद तेज रफ्तार से वहां से भागते हैं, ऐसे में और सड़क हादसों का अंदेशा बढ़ जाता है.

यह भी पढ़ें:रोड एक्सीडेंट में बाइक सवार दो युवकों की मौत, अज्ञात वाहन की चपेट में आने से हुई दुर्घटना

जानकारी मिली है, कार्रवाई होगी - ग्रामीण एसपी: रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि यह जानकारी मिली है कि ग्रामीण इलाकों में जहां सड़कें बहुत ही बेहतर है वहां लड़के लड़कियां बाइक से स्टंट कर रहे हैं. जिनकी वजह से हादसे सामने आ रहे हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश सभी ग्रामीण थानेदारों को दिया गया है.

210 से ज्यादा मौतें, अभी बीता है आधा साल: रांची डीटीओ कार्यालय से मिले हादसों के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. जनवरी 2023 से लेकर मई 2023 तक 210 लोग सिर्फ राजधानी में सड़क हादसों में अपनी जान गवा चुके हैं. जबकि 170 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए हैं. अगर पिछले साल की बात करें तो दिसंबर 2022 में कुल 64 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 44 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 38 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. आंकड़ो के अनुसार, सड़क हादसों में मरने वाले सबसे ज्यादा युवा हैं, जिनकी उम्र 18 से 30 के बीच है. स्टंट, बिना हेलमेट सवारी, तेज रफ्तार, शराब और ईयर बड्स-हेडफोन का इस्तेमाल हादसों की प्रमुख वजहें सामने आई है. साल 2021 में सड़क हादसों में जहां 448 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. वहीं साल 2022 में कुल 450 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई थी.

Last Updated : Jun 10, 2023, 7:41 PM IST
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