रांचीः अपनी मांगों के समर्थन में पिछले 170 दिनों से आंदोलन कर रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों के सब्र का बांध टूटा तो उन्हें पुलिस की लाठी मिली. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधानसभा घेराव करने जा रहे राज्य के हजारों पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं. इस लाठीचार्ज में कई स्वयंसेवक घायल हुए हैं.
बता दें कि पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक जैसे ही जगन्नाथ मंदिर के समीप पहुंचे पुलिस के द्वारा उन्हें रोका गया. विधानसभा जाने के जिद कर रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों ने इस दौरान पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर जाने की कोशिश की. पुलिस ने पहले वाटर कैनन से उन्हें रोकने की कोशिश की. उसके बाद आंदोलनकारियों पर जमकर लाठी बरसाई. सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते महिला स्वयंसेवकों को भी इस दौरान नहीं छोड़ा गया. पुलिस की इस कार्रवाई की वजह से आधा दर्जन से अधिक पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक घायल हो गए हैं. घायल पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों में महिला भी शामिल हैं, जिन्हें पुलिस गाड़ी में बिठाकर अस्पताल भेजा गया है.
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने पुलिस पर ज्यादती करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि आंदोलनकारी शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे और उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह पांडे का बुलावा आया था, जिसे मिलने के लिए वे विधानसभा जा रहे थे. मगर पुलिस ने हमारी बातों को नहीं सुनी और उसके बाद लाठीचार्ज किया है जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं.
इधर ग्रामीण एसपी मनीष टोप्पो ने कहा है कि आंदोलनकारी पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास कर रहे थे, जिन्हें रोकने की कोशिश की गई, मगर वह नहीं माने और अंत में उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में जो भी घायल हुए हैं उन्हें पुलिस गाड़ी से अस्पताल भेजा गया है. गौरतलब है कि पिछली सरकार में राज्य में करीब 18000 पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की नियुक्ति की गई थी, जिन्हें सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मानदेय आधारित राशि मिलती थी. हेमंत सोरेन सरकार के आने के बाद इन्हें कार्य मुक्त कर दिया गया. इसके विरोध में ये लगातार आंदोलन करते रहे हैं.
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों पर जमकर बरसी पुलिस की लाठी, घेरने जा रहे थे विधानसभा
झारखंड विधानसभा घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक, पुलिस की दबिश से रुकने को हुए मजबूर