रांची: कोरोना के कारण राज्य में अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहे हैं. झारखंड को स्वस्थ बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न बीमारियों के लिए कई स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन वर्तमान में कोविड-19 के कारण अन्य बीमारियों के लिए लगाए जाने वाले स्वास्थ्य कार्यक्रम में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी देखी जा रही है.
इसको लेकर मलेरिया विभाग व वीबीडी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी भागवत मरांडी बताते हैं कि बरसात का मौसम है ऐसे में डेंगू, कलजार,मलेरिया जैसी बीमारियां के बढ़ने की ज्यादा संभावना होती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं ताकि बरसात में मलेरिया, डेंगू, मलेरिया,चिकनगुनिया, कलजार के प्रकोप को कम किया जा सके.
मलेरिया विभाग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी भागवत मरांडी ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया जैसी बीमारी में काम कर रहे चिकित्सक, सहिया, नर्सिंग स्टाफ एमपीडब्ल्यू, टेक्नीशियनों को कोरोना ड्यूटी में भी लगाया गया है, जिस वजह से मलेरिया के कार्यक्रम में काम करने वाले कर्मचारी कम हो गये है क्योंकि कोरोना के संकट को भी कम करना उतनी ही आवश्यक है.
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बरसात के दिनों में बीबीडी के तहत मलेरिया, चिकनगुनिया, फलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों को कम करने के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं.
समय समय पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करना, ग्रामीण एवं सुदूर इलाकों में मलेरिया से बचाव करने के लिए मच्छरदानी का वितरण करना सहित कई जागरूकता अभियान चलाने का कार्यक्रम आदि प्रमुख हैं.
कोरोना की वजह से स्टाफ की कमी को लेकर कई कार्यक्रम बाधित भी हुए हैं. झारखंड में मलेरिया जैसी बीमारियों का काफी प्रकोप है.
कई जिलों में मलेरिया का प्रकोप देखा जाता है, लेकिन जिस प्रकार से वर्तमान में कोरोना की वजह से मलेरिया के कार्यक्रम में बाधाएं आई हैं इससे कहीं ना कहीं मलेरिया प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है