ETV Bharat / state

Navratri 2023: हाथी पर सवार होकर आ रही हैं शक्तिस्वरूपा, मां दुर्गा की आराधना में जुटे भक्त

दुर्गा पूजा को लेकर भक्त तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं पुरोहितों की मानें तो इस बार माता दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा. वहीं माता की विदाई मुर्गा पर होगी. वहीं नवरात्र में कलश स्थापना कब करें, इसके बारे में भी पुरोहित ने जानकारी दी है. Kalash sthapana shubh muhurat Navratri 2023

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 14, 2023, 4:46 PM IST

Updated : Oct 14, 2023, 5:18 PM IST

हाथी पर सवार होकर आ रही हैं शक्तिस्वरूपा

रांची: शारदीय नवरात्र को लेकर चारों ओर उत्साह चरम पर है. इस साल रविवार 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र के दौरान मां हाथी पर सवार होकर भक्तों के बीच आ रही हैं. वहीं उनका गमन मुर्गा पर होगा. हाथी पर मां के आगमन को काफी शुभ संकेत माना जाता है, क्योंकि शास्त्रों में हाथी को न केवल बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक माना गया है. बल्कि इसे समृद्धि का रूप में भी माना जाता है. इस दृष्टि से इस बार मां के आगमन को पूरे उत्साह के साथ श्रद्धालु स्वागत करेंगे और कलश स्थापना कर पूरे 10 दिनों तक आराधना करते नजर आएंगे. वहीं माता का आगमन मुर्गा का नकारात्मक बताया गया है. माना जाता है कि माता की मुर्गा पर विदाई से कई तरह के रोग और व्याधि का प्रकोप पड़ने की आशंका है.

यह भी पढ़ें: Navratri 2023: पत्तों से बना पंडाल बना आकर्षण का केंद्र, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मारकंडे जज्वाडे ने कराया निर्माण

तपोवन मंदिर के महंत ओम प्रकाश शरण कहते हैं कि शारदीय नवरात्र के दौरान सिर्फ सच्चे मन से मां कह देने से ही भक्त पुण्य के भागी हो जाते हैं. इसी से पता चलता है कि मां कितनी शक्ति स्वरूपा और करुणामयी हैं. मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है. मान्यता यह है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं. उनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं. यही वजह है कि शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा की पूजा में विधि-विधान बहुत ही महत्व रखता है. प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना किस वक्त करें, यह भी खास महत्व रखता है.

Kalash sthapana shubh muhurat Navratri 2023
ETV BHARAT GFX

कलश स्थापना का बड़ा महत्व: हरमू मंदिर के मुख्य पुजारी मृत्युंजय पांडे कहते हैं कि कलश स्थापना यानी मां की आराधना का शुभारंभ का बहुत ही महत्व है. यह किस वक्त और कैसे करें इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए. इसमें किसी तरह की चूक नहीं करनी चाहिए क्योंकि जब कोई आप अनुष्ठान करते हैं तो समय और सामग्री का बहुत ही महत्व रहता है. इस बार सुखद बात यह है कि पूरे दिन भर प्रतिपदा का मुहूर्त है और श्रद्धालु उस दौरान कलश स्थापना कर सकते हैं. उचित यह होगा कि अभिजीत मुहूर्त में पूजा पंडाल में कलश स्थापना हो. हालांकि, घर में कलश स्थापना सुबह से ही किया जा सकता है. यदि संभव नहीं हो तो विजय मुहूर्त में कलश स्थापना कर मां की आराधना प्रारंभ किया जा सकता है.

बहरहाल, शक्ति आराधना के इस महापर्व की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर से पूरे धूमधाम के साथ करने की तैयारी पूरी कर ली गई है. 24 अक्टूबर तक चलने वाले इस महापर्व के दौरान 21 अक्टूबर की रात निशा पूजा होगा. वहीं 23 को श्रद्धालु नवमी व्रत करेंगे.

हाथी पर सवार होकर आ रही हैं शक्तिस्वरूपा

रांची: शारदीय नवरात्र को लेकर चारों ओर उत्साह चरम पर है. इस साल रविवार 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र के दौरान मां हाथी पर सवार होकर भक्तों के बीच आ रही हैं. वहीं उनका गमन मुर्गा पर होगा. हाथी पर मां के आगमन को काफी शुभ संकेत माना जाता है, क्योंकि शास्त्रों में हाथी को न केवल बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक माना गया है. बल्कि इसे समृद्धि का रूप में भी माना जाता है. इस दृष्टि से इस बार मां के आगमन को पूरे उत्साह के साथ श्रद्धालु स्वागत करेंगे और कलश स्थापना कर पूरे 10 दिनों तक आराधना करते नजर आएंगे. वहीं माता का आगमन मुर्गा का नकारात्मक बताया गया है. माना जाता है कि माता की मुर्गा पर विदाई से कई तरह के रोग और व्याधि का प्रकोप पड़ने की आशंका है.

यह भी पढ़ें: Navratri 2023: पत्तों से बना पंडाल बना आकर्षण का केंद्र, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मारकंडे जज्वाडे ने कराया निर्माण

तपोवन मंदिर के महंत ओम प्रकाश शरण कहते हैं कि शारदीय नवरात्र के दौरान सिर्फ सच्चे मन से मां कह देने से ही भक्त पुण्य के भागी हो जाते हैं. इसी से पता चलता है कि मां कितनी शक्ति स्वरूपा और करुणामयी हैं. मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है. मान्यता यह है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं. उनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं. यही वजह है कि शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा की पूजा में विधि-विधान बहुत ही महत्व रखता है. प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना किस वक्त करें, यह भी खास महत्व रखता है.

Kalash sthapana shubh muhurat Navratri 2023
ETV BHARAT GFX

कलश स्थापना का बड़ा महत्व: हरमू मंदिर के मुख्य पुजारी मृत्युंजय पांडे कहते हैं कि कलश स्थापना यानी मां की आराधना का शुभारंभ का बहुत ही महत्व है. यह किस वक्त और कैसे करें इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए. इसमें किसी तरह की चूक नहीं करनी चाहिए क्योंकि जब कोई आप अनुष्ठान करते हैं तो समय और सामग्री का बहुत ही महत्व रहता है. इस बार सुखद बात यह है कि पूरे दिन भर प्रतिपदा का मुहूर्त है और श्रद्धालु उस दौरान कलश स्थापना कर सकते हैं. उचित यह होगा कि अभिजीत मुहूर्त में पूजा पंडाल में कलश स्थापना हो. हालांकि, घर में कलश स्थापना सुबह से ही किया जा सकता है. यदि संभव नहीं हो तो विजय मुहूर्त में कलश स्थापना कर मां की आराधना प्रारंभ किया जा सकता है.

बहरहाल, शक्ति आराधना के इस महापर्व की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर से पूरे धूमधाम के साथ करने की तैयारी पूरी कर ली गई है. 24 अक्टूबर तक चलने वाले इस महापर्व के दौरान 21 अक्टूबर की रात निशा पूजा होगा. वहीं 23 को श्रद्धालु नवमी व्रत करेंगे.

Last Updated : Oct 14, 2023, 5:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.