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सरकार को मालूम नहीं कि आहर किसके पास है, एक सवाल पर सदन में उलझ गयी सरकार, स्पीकर ने निकाला हल - झारखंड न्यूज

झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र (Jharkhand Assembly Winter Session) के प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न को लेकर ऊहापोह वाली स्थिति बन गयी. सरकार को पता ही नहीं था कि आहर से जुड़ा मामला किस विभाग के अधीन आता है. लिहाजा, स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा.

Jharkhand Assembly Winter Session
सदन के अंदर स्पीकर रबींद्र नाथ महतो
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Published : Dec 22, 2022, 8:45 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र (Jharkhand Assembly Winter Session) के दौरान चौथे दिन भाजपा विधायक अमर बाउरी ने चंदनक्यारी विधानसभा क्षेत्र के चास प्रखंड में मौजूद लोतन बांध का मामला (Lotan Dam issue) उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा था कि केलिया डाबर 10 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला यह बांध जर्जर हो गया है. इस बांध की वजह से आस-पास के इलाकों के किसान खेतों में सिंचाई करते हैं. यही नहीं स्थानीय लोग अपने अन्य काम के लिए यहां से पानी लेते हैं. लेकिन लोतन बांध की हालत जर्जर हो गई है. खास बात है कि इस सवाल पर जल संसाधन विभाग की ओर से जवाब आया था. विभाग ने विधायक अमर बाउरी के सवाल को सही भी ठहराया था. साथ ही यह भी कहा था कि जिस लोतन बांध की बात की जा रही है, वह आहर है. इसपर जल संसाधन विभाग का स्वामित्व नहीं है.

ये भी पढ़ें- निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर लगेगी लगाम! जांच करेगी विधानसभा की कमेटी, जैन विश्वविद्यालय विधेयक वापस

जवाब के बाद विधायक अमर बाउरी ने प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर से पूछा कि तब इसका जवाब कौन विभाग देगा. इसपर प्रभारी मंत्री ने कहा कि यह तो प्रश्नकर्ता को मालूम होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बांध से जुड़ा मामला है ही नहीं तो जल संसाधन विभाग कैसे जवाब देगा. इसी बात पर विधायक अमर बाउरी ने कहा कि हद हो गई. सरकार को मालूम ही नहीं है कि आहर किसके पास है. उन्होंने स्पीकर की ओर मुखातिब होकर कहा कि इसके लिए सरकार को डांट पड़नी चाहिए.

खास बात है कि इस दौरान दूसरे मंत्री एक दूसरे को देखने लगे. कोई नहीं बता पाया कि आखिर इस सवाल का जवाब कौन विभाग देगा. बात बढ़ने लगी तो स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि वह स्वयं किसी जानकार से बात कर संबंधित विभाग के प्रश्न प्रेषित करवा देंगे. उन्होंने विधायक को भरोसा दिलाया कि उनके सवाल का जवाब मिल जाएगा. खास बात है कि इस सवाल पर प्रभारी मंत्री के अटकते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने जमकर चुटकी ली.

रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र (Jharkhand Assembly Winter Session) के दौरान चौथे दिन भाजपा विधायक अमर बाउरी ने चंदनक्यारी विधानसभा क्षेत्र के चास प्रखंड में मौजूद लोतन बांध का मामला (Lotan Dam issue) उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा था कि केलिया डाबर 10 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला यह बांध जर्जर हो गया है. इस बांध की वजह से आस-पास के इलाकों के किसान खेतों में सिंचाई करते हैं. यही नहीं स्थानीय लोग अपने अन्य काम के लिए यहां से पानी लेते हैं. लेकिन लोतन बांध की हालत जर्जर हो गई है. खास बात है कि इस सवाल पर जल संसाधन विभाग की ओर से जवाब आया था. विभाग ने विधायक अमर बाउरी के सवाल को सही भी ठहराया था. साथ ही यह भी कहा था कि जिस लोतन बांध की बात की जा रही है, वह आहर है. इसपर जल संसाधन विभाग का स्वामित्व नहीं है.

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जवाब के बाद विधायक अमर बाउरी ने प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर से पूछा कि तब इसका जवाब कौन विभाग देगा. इसपर प्रभारी मंत्री ने कहा कि यह तो प्रश्नकर्ता को मालूम होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बांध से जुड़ा मामला है ही नहीं तो जल संसाधन विभाग कैसे जवाब देगा. इसी बात पर विधायक अमर बाउरी ने कहा कि हद हो गई. सरकार को मालूम ही नहीं है कि आहर किसके पास है. उन्होंने स्पीकर की ओर मुखातिब होकर कहा कि इसके लिए सरकार को डांट पड़नी चाहिए.

खास बात है कि इस दौरान दूसरे मंत्री एक दूसरे को देखने लगे. कोई नहीं बता पाया कि आखिर इस सवाल का जवाब कौन विभाग देगा. बात बढ़ने लगी तो स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि वह स्वयं किसी जानकार से बात कर संबंधित विभाग के प्रश्न प्रेषित करवा देंगे. उन्होंने विधायक को भरोसा दिलाया कि उनके सवाल का जवाब मिल जाएगा. खास बात है कि इस सवाल पर प्रभारी मंत्री के अटकते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने जमकर चुटकी ली.

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