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Lord Jagannath Netradan Puja: भगवान जगन्नाथ के नेत्रदान की पूजा, दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु - झारखंड न्यूज

रथ यात्रा 2023 की तैयारियां अंतिम चरण में है. रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर नेत्रदान की पूजा संपन्न होने के बाद भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन देंगे और मंगलवार 20 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी. रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में भगवान जगन्नाथ के नेत्रदान की पूजा संपन्न होने पर 15 दिन के एकांतवास के बाद अब भगवान रांचीवासियों को दर्शन देंगे.

Lord Jagannath Netradan puja in Ranchi Jagannathpur temple
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Published : Jun 19, 2023, 8:16 PM IST

Updated : Jun 19, 2023, 9:05 PM IST

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रांची: 20 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी. झारखंड की ऐतिहासिक रथ यात्रा रांची के जगन्नाथपुर मंदिर से निकाली जाती है. इसको लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. वहीं सोमवार शाम को भगवान जगन्नाथ के नेत्रदान की पूजा संपन्न होने के बाद भक्त उनके दर्शन कर पाएंगे.

इसे भी पढ़ें- Rath Yatra 2023: रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में रथ यात्रा की तैयारी, निर्माण कार्य संपन्न कर रहे पुरी के कारीगर

रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में भगवान जगन्नाथ के नेत्रदान की पूजा संपन्न होने पर 15 दिन के एकांतवास के बाद अब भगवान अपने भक्तों को दर्शन देंगे. नेत्रदान पूजन को लेकर मंदिर के पुजारी बताते हैं कि नेत्रदान के दिन भगवान आम लोगों के लिए एकांतवास से बाहर आते हैं. उन्होंने बताया कि 4 जून को भगवान महास्नान के बाद सीधे एकांतवास में चले जाते हैं. करीब 15 दिनों के बाद वह लोगों को दर्शन के लिए फिर से बाहर आते हैं.

मुख्य पुजारी ने कहा कि भगवान जब तक एकांतवास में रहते हैं तब तक मंदिर के पुजारी उनके खान-पान साज सज्जा का ख्याल रखा जाता है. 15 दिन तक भगवान की आंखों को नहीं सजाया जाता है. 15 दिन के बाद जैसे ही भगवान हम लोगों को दर्शन देने बाहर आते हैं उसी दिन नेत्रदान पूजन के माध्यम से उनके नेत्रों को सजाया जाता है. पंडित अश्विन जी महाराज बताते हैं कि नेत्रदान पूजा के दूसरे दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी के लिए रवाना होते हैं. नेत्रदान पूजा के दिन 4000 लोगों को प्रसाद का भोग खिलाया जाता है.

रांची के जगन्नाथ मंदिर परिसर में होने वाले नेत्रदान पूजन को लेकर दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचे हैं. गया जिले से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि ओडिशा की तर्ज पर रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर मंदिर में होने वाली पूजा बहुत ही भव्य है. हर वर्ष वह अपने परिवार के साथ रथ यात्रा के मौके पर भगवान जगन्नाथ पूजा की करते हैं और राज्य एवं समाज के बेहतर भविष्य की आशीर्वाद लेते हैं.

मंगलवार को मंदिर परिसर से रथ यात्रा निकाली जाएगी. इसको लेकर कई समाज सेवी संस्थान सिविर लगाकर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन और पानी का इंतजाम करते हैं. इसके अलावा भी कई समाजसेवी श्रद्धालुओं की सुख सुविधा के लिए विशेष इंतजाम करते नजर आ रहे हैं. साथ ही मंदिर परिसर और मौसीबाड़ी में आठ-आठ सीसीटीवी कैमरा लगाए गये हैं, वहीं मेला परिसर में 54 सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी.

20 जून को निकलने वाले रथ यात्रा में राज्य भर के हजारों लोग रांची पहुंचते हैं. साथ ही सूबे के राज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे. इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए पुलिस प्रशासन की भी विशेष मौजूदगी रहेगी.

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रांची: 20 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी. झारखंड की ऐतिहासिक रथ यात्रा रांची के जगन्नाथपुर मंदिर से निकाली जाती है. इसको लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. वहीं सोमवार शाम को भगवान जगन्नाथ के नेत्रदान की पूजा संपन्न होने के बाद भक्त उनके दर्शन कर पाएंगे.

इसे भी पढ़ें- Rath Yatra 2023: रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में रथ यात्रा की तैयारी, निर्माण कार्य संपन्न कर रहे पुरी के कारीगर

रांची के जगन्नाथपुर मंदिर में भगवान जगन्नाथ के नेत्रदान की पूजा संपन्न होने पर 15 दिन के एकांतवास के बाद अब भगवान अपने भक्तों को दर्शन देंगे. नेत्रदान पूजन को लेकर मंदिर के पुजारी बताते हैं कि नेत्रदान के दिन भगवान आम लोगों के लिए एकांतवास से बाहर आते हैं. उन्होंने बताया कि 4 जून को भगवान महास्नान के बाद सीधे एकांतवास में चले जाते हैं. करीब 15 दिनों के बाद वह लोगों को दर्शन के लिए फिर से बाहर आते हैं.

मुख्य पुजारी ने कहा कि भगवान जब तक एकांतवास में रहते हैं तब तक मंदिर के पुजारी उनके खान-पान साज सज्जा का ख्याल रखा जाता है. 15 दिन तक भगवान की आंखों को नहीं सजाया जाता है. 15 दिन के बाद जैसे ही भगवान हम लोगों को दर्शन देने बाहर आते हैं उसी दिन नेत्रदान पूजन के माध्यम से उनके नेत्रों को सजाया जाता है. पंडित अश्विन जी महाराज बताते हैं कि नेत्रदान पूजा के दूसरे दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी के लिए रवाना होते हैं. नेत्रदान पूजा के दिन 4000 लोगों को प्रसाद का भोग खिलाया जाता है.

रांची के जगन्नाथ मंदिर परिसर में होने वाले नेत्रदान पूजन को लेकर दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचे हैं. गया जिले से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि ओडिशा की तर्ज पर रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर मंदिर में होने वाली पूजा बहुत ही भव्य है. हर वर्ष वह अपने परिवार के साथ रथ यात्रा के मौके पर भगवान जगन्नाथ पूजा की करते हैं और राज्य एवं समाज के बेहतर भविष्य की आशीर्वाद लेते हैं.

मंगलवार को मंदिर परिसर से रथ यात्रा निकाली जाएगी. इसको लेकर कई समाज सेवी संस्थान सिविर लगाकर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन और पानी का इंतजाम करते हैं. इसके अलावा भी कई समाजसेवी श्रद्धालुओं की सुख सुविधा के लिए विशेष इंतजाम करते नजर आ रहे हैं. साथ ही मंदिर परिसर और मौसीबाड़ी में आठ-आठ सीसीटीवी कैमरा लगाए गये हैं, वहीं मेला परिसर में 54 सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी.

20 जून को निकलने वाले रथ यात्रा में राज्य भर के हजारों लोग रांची पहुंचते हैं. साथ ही सूबे के राज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे. इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत रखने के लिए पुलिस प्रशासन की भी विशेष मौजूदगी रहेगी.

Last Updated : Jun 19, 2023, 9:05 PM IST
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