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रोका जा सकता था लोहरदगा अग्निकांड, थाने में की थी शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई, सुनिए मां की जुबानी - लोहरदगा में बाप ने बेटी को जलाया

दुमका में एक सनकी पिता ने अपनी सनक और नशे की हालत में अपनी मासूम बच्ची को जला दिया (Father Burns Daughter Alive In Dumka). बच्ची की हालत गंभीर है, लेकिन इस घटना को घटित होने से रोका जा सकता था, अगर किस्को थाना पुलिस ने हीरा देवी की बात सुनकर उसके पति पप्पू तूरी के खिलाफ सही समय पर कार्रवाई (Lohardaga Fire Incident Due Negligence of Police) की होती.

Father Burns Daughter Alive In Dumka
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Published : Oct 8, 2022, 3:13 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 3:28 PM IST

रांची: दुमका में जिंदा जलाकर मार दी गई अंकिता और मारूति की चिता की तपिश अभी शांत भी नहीं पड़ी थी कि लोहरदगा में एक सनकी पिता ने इंसानियत की हद लांघ दी. उसने अपनी चार साल की मासूम बेटी को जिंदा जला दिया (Father Burns Daughter Alive In Dumka). करीब 65 फीसदी झुलस चुकी मासूम रिम्स में जिंदगी की जंग लड़ रही है. आरोपी पप्पू तूरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कहा जा रहा है कि इस घटना को रोका जा सकता था, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से ये लोहरदगा अग्निकांड (Lohardaga Fire Incident Due Negligence of Police) हुआ.

यह भी पढ़ें: एक और अग्निकांड! पिता ने बेटी को जिंदा जलाया, 80 फीसदी तक जली बच्ची

रोका जा सकता था लोहरदगा अग्निकांड: सच्चाई यह है कि अगर किस्को थाना की पुलिस सजग और गंभीर होती तो इस घटना को रोका जा सकता (Lohardaga Fire Incident Due Negligence of Police) था. पीड़ित बच्ची की मां ने रिम्स में ईटीवी भारत को जो बात बतायी है, उसे आप सुनेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे. उन्होंने कहा कि दो सप्ताह पहले ही पप्पू तूरी ने उनपर चाकू से हमला करने की कोशिश की थी. किसी तरह जान बचाकर हीरा देवी किस्को थाना पहुंची थी. वहां एक लेडिज पुलिस थी. उन्होंने पति पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था, लेकिन किस्को थाने की पुलिस ने एक लाचार आदिवासी महिला को दुत्कार कर भगा दिया था. पुलिसवालों ने कहा था कि तुम्हारे पति पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. उसको जेल नहीं भेजा जा सकता. उस दौरान हीरा देवी कहती रही कि उसका पति हर छोटी बात पर मारता है, फिर भी उसकी एक नहीं सुनी गयी.

देखें वीडियो

समय पर कार्रवाई न होने का परिणाम: जाहिर सी बात है कि अगर पुलिस ने उसी समय उस सिरफिरे पर कार्रवाई की होती तो एक मासूम को जलने से बचाया जा सकता था. हीरा देवी की तीन बेटियां और एक बेटा है. खेती बाड़ी कर गुजर बसर करती है. लेकिन 7 सितंबर की शाम नशे में धुत पप्पू तूरी के सिर पर खून सवार था. घर आते ही पत्नी पर अवैध संबंध (suspicion of wife illicit relations) का आरोप लगाकर उसे मारने लगा. किसी तरह भागकर हीरा देवी ने अपनी जान बचायी. इसी दौरान इस सनकी ने मासूम बच्ची पर ज्वलनशील पदार्थ छीड़कर आग लगा दी (husband set fire on his daughter). बच्ची का चेहरा, शरीर का ऊपरी हिस्सा और एक पैर बुरी तरह जल चुका है.

बच्ची की जिंदगी खतरे में: डॉक्टर विनय प्रताप के मुताबिक बच्ची की जिंदगी खतरे में है. उसे बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है. आगे क्या होगा, कहना मुश्किल है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब हीरा देवी ने दो सप्ताह पूर्व ही अनहोनी की अशंका जता दी थी तो फिर किस्को पुलिस ने उसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया. दुमका में हुए दो जघन्य कांड पर विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल है. उन्होंने कहा था कि पुलिस तत्पर नहीं होती तो दोनों मामलों के आरोपी सलाखों के पीछे नहीं गये होते. अब सवाल है कि इस घटना पर झारखंड सरकार क्या कहेगी.

रांची: दुमका में जिंदा जलाकर मार दी गई अंकिता और मारूति की चिता की तपिश अभी शांत भी नहीं पड़ी थी कि लोहरदगा में एक सनकी पिता ने इंसानियत की हद लांघ दी. उसने अपनी चार साल की मासूम बेटी को जिंदा जला दिया (Father Burns Daughter Alive In Dumka). करीब 65 फीसदी झुलस चुकी मासूम रिम्स में जिंदगी की जंग लड़ रही है. आरोपी पप्पू तूरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कहा जा रहा है कि इस घटना को रोका जा सकता था, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से ये लोहरदगा अग्निकांड (Lohardaga Fire Incident Due Negligence of Police) हुआ.

यह भी पढ़ें: एक और अग्निकांड! पिता ने बेटी को जिंदा जलाया, 80 फीसदी तक जली बच्ची

रोका जा सकता था लोहरदगा अग्निकांड: सच्चाई यह है कि अगर किस्को थाना की पुलिस सजग और गंभीर होती तो इस घटना को रोका जा सकता (Lohardaga Fire Incident Due Negligence of Police) था. पीड़ित बच्ची की मां ने रिम्स में ईटीवी भारत को जो बात बतायी है, उसे आप सुनेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे. उन्होंने कहा कि दो सप्ताह पहले ही पप्पू तूरी ने उनपर चाकू से हमला करने की कोशिश की थी. किसी तरह जान बचाकर हीरा देवी किस्को थाना पहुंची थी. वहां एक लेडिज पुलिस थी. उन्होंने पति पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था, लेकिन किस्को थाने की पुलिस ने एक लाचार आदिवासी महिला को दुत्कार कर भगा दिया था. पुलिसवालों ने कहा था कि तुम्हारे पति पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. उसको जेल नहीं भेजा जा सकता. उस दौरान हीरा देवी कहती रही कि उसका पति हर छोटी बात पर मारता है, फिर भी उसकी एक नहीं सुनी गयी.

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समय पर कार्रवाई न होने का परिणाम: जाहिर सी बात है कि अगर पुलिस ने उसी समय उस सिरफिरे पर कार्रवाई की होती तो एक मासूम को जलने से बचाया जा सकता था. हीरा देवी की तीन बेटियां और एक बेटा है. खेती बाड़ी कर गुजर बसर करती है. लेकिन 7 सितंबर की शाम नशे में धुत पप्पू तूरी के सिर पर खून सवार था. घर आते ही पत्नी पर अवैध संबंध (suspicion of wife illicit relations) का आरोप लगाकर उसे मारने लगा. किसी तरह भागकर हीरा देवी ने अपनी जान बचायी. इसी दौरान इस सनकी ने मासूम बच्ची पर ज्वलनशील पदार्थ छीड़कर आग लगा दी (husband set fire on his daughter). बच्ची का चेहरा, शरीर का ऊपरी हिस्सा और एक पैर बुरी तरह जल चुका है.

बच्ची की जिंदगी खतरे में: डॉक्टर विनय प्रताप के मुताबिक बच्ची की जिंदगी खतरे में है. उसे बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है. आगे क्या होगा, कहना मुश्किल है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब हीरा देवी ने दो सप्ताह पूर्व ही अनहोनी की अशंका जता दी थी तो फिर किस्को पुलिस ने उसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया. दुमका में हुए दो जघन्य कांड पर विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल है. उन्होंने कहा था कि पुलिस तत्पर नहीं होती तो दोनों मामलों के आरोपी सलाखों के पीछे नहीं गये होते. अब सवाल है कि इस घटना पर झारखंड सरकार क्या कहेगी.

Last Updated : Oct 8, 2022, 3:28 PM IST
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