रांची: राज्य भर के साक्षरताकर्मी आंदोलन पर चले गए हैं. अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत राज्य भर के साक्षरताकर्मी बुधवार को शिक्षा मंत्री नीरा यादव के आवास का घेराव करने पहुंचे. मौके पर उन्होंने जमकर नारेबाजी की तो वहीं रघुवर सरकार पर जमकर आरोप भी लगाए. बता दें कि बकाया मानदेय भुगतान की मांग को लेकर महीने भर से ये कर्मी आंदोलन कर रहे हैं.
साक्षरताकर्मियों का मानदेय
बता दें कि वर्ष 2010 से साक्षर भारत मिशन के तहत पंचायत स्तर पर 1 महिला, 1 पुरुष दो हजार मानदेय पर तो वहीं 1 बीपीएम 6 हजार और जिला स्तर पर 1 डीपीएम, डीपीसी, लेखापाल 8,000 के न्यूनतम मजदूरी पर काम कर रहे हैं. ये साक्षरताकर्मी विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य तो करते ही हैं साथ ही पल्स पोलियो उन्मूलन, पीडीएस सुपरवाइजर, मतदाता जागरूकता अभियान, योजना बनाओ अभियान, स्वच्छ भारत अभियान के कार्यों में भी अपना योगदान देते हैं.
यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: कोडरमा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो
क्या है उनकी मांग
साक्षरताकर्मियों का कहना है कि कई महीनों से इनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वहीं मजदूरी के आधार पर भी इन्हें सम्मान जनक राशि नहीं दी जाती है .नई शिक्षा नीति 2019 के नाम पर उनकी सेवा समाप्त की जा रही है. ऐसे में वे नई शिक्षा नीति पर रोक की मांग कर रहे हैं, तो वहीं वे अपना मानदेय बढ़ाए जाने और अपने बकाए राशि के भुगतान की भी मांग कर रहे हैं.
साक्षरता कर्मियों ने दी चेतावनी
हंगामे के बीच साक्षरता कर्मियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उनका कहना है कि राज्य सरकार के मंत्रियों से चरणबद्ध तरीके से मुलाकात की जाएगी, अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो आने वाले चुनाव में साक्षरता कर्मी बीजेपी के खिलाफ वोट करके अपनी एकता का परिचय देंगे.