रांची: झारखंड में नई उत्पाद नीति राज्य सरकार के लिए गले की हड्डी बन गई है. उम्मीद के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में उचित राजस्व नहीं मिलने के बाद अब नए सिरे से नई उत्पाद नीति की समीक्षा की जा रही है और इसमें बदलाव के संकेत दिए गए हैं. यदि ऐसा हुआ तो 1 मई से राज्य में शराब बिक्री के तौर तरीके में कुछ आंशिक बदलाव देखने को मिलने लगेंगे. शनिवार को उत्पाद भवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इसके संकेत दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें: Jharkhand News: डिवाइडर तोड़कर सड़क पर दौड़ने लगी ट्रेन, जानिए फिर क्या हुआ
जानकारी के मुताबिक, शराब बिक्री का जिम्मा जिला के सुपरिटेंडेंट या सहायक आयुक्त पर रहेगा और लाइसेंसी जेएसबीसीएल होंगे. झारखंड राज्य बिवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जिम्मे शराब का स्टॉक रहेगा. उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर और दारोगा की देखरेख में शराब की निगरानी और बिक्री होगी.
कई मुद्दों पर जताई गई चिंता: उत्पाद आयुक्त करण सत्यार्थी के नेतृत्व में दिन भर चली इस बैठक में राज्य के सभी 24 जिलों के सुपरिटेंडेंट, असिस्टेंट कमिश्नर, इंस्पेक्टर, एक्साइज के दारोगा मौजूद थे. बैठक में प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा किए गए टेंडर का पैसा जमा नहीं होने पर चिंता जताई गई. इसके अलावा गिरिडीह में पानी मिला हुआ शराब स्टॉक में पाये जाने पर आवश्यक निर्देश दिए गए. पानी मिला शराब मिलने से स्टॉक में गड़बड़ी के संकेत मिले हैं, जिस पर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है. प्लेसमेंट एजेंसी से हैंड ओवर टेक ओवर जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके अलावे दुकानों पर शराब बिक्री में लगे स्टाफ का पेमेंट जेएसबीसीएल के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है. पहले प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से पेमेंट होता था, जिसमें कई तरह की शिकायतें आती थी. विभाग ने ओवर रेटिंग करने वाले स्टाफ पर कानूनी कार्रवाई करने की भी बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जिसके तहत आईपीसी धारा के तहत पुलिस केस करने को कहा गया है.
यह भी पढ़ें: Ranchi News: अवैध खनन मामले में जिला प्रशासन की कार्रवाई, 15 गिरफ्तार, कई वाहन जब्त
छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जिम्मे थी शराब बिक्री: राज्य में नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद शराब बिक्री का जिम्मा बतौर कंसलटेंट काम कर रही छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दिया गया था. मगर 2022-23 में लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रह करने में फेल होने के बाद और कई तरह की शिकायतें मिलने के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सरकार ने हटाने का निर्णय लेते हुए एक्साइज पॉलिसी के रिव्यू का निर्णय लिया है, जिसके तहत कवायद शुरू कर दी गई है.