रांची: राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री सह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी ने सूबे के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगायी है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार में शामिल लॉबी मेरे जान के पीछे पड़ी है. उन्होंने नये सीरे से फर्जी केस करवाने और हत्या की साजिश की भी संभावना जतायी है.
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उन्होंने लिखा है कि साल 2021 में आपको आशंका से जुड़ा पत्र लिखने के तीन माह के भीतर अगस्त 2021 में दो-दो फर्जी मुकदमे लादकर मुझे जेल भिजवाया गया था. इस बार फिर साजिश की जानकारी मिली है. लेकिन राज्य पुलिस के सामने मैं सूचना के स्त्रोत और साजिश में शामिल लोगों के नाम का खुलासा नहीं कर सकता. उन्होंने लिखा है कि वह सिर्फ केंद्रीय एजेंसी को पूरी जानकारी देने को तैयार हैं. उन्होंने जून 2021 को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि फर्जी मुकदमा और जान से मरवाने तक की साजिश को देखते हुए मुझे सुरक्षा दी जाए.
बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी ने इस पत्र की कॉपी बाबूलाल मरांडी के अलावा पीएमओ, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, झारखंड के डीजीपी और रांची के एसएसपी को भी प्रेषित की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि वह बाबूलाल मरांडी के सोशल मीडिया टीम के नेतृत्व में अहम भूमिका निभाते हैं. सरकार की गलत नीतियों को उजागर करते रहते हैं. इससे नाराज होकर फर्जी मुकदमे थोपे गये.
उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट से मिली जमानत के आदेश को रद्द कराने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उस अनुरोध को खारिज कर दिया. उनके मुताबिक अरगोड़ा थाना में दर्ज केस संख्या 229/21 और 255/21 मामले में चार्जशीट तक दायर कर दिया गया. इन मामलों की सीबीआई से जांच कराने के लिए हाईकोर्ट गये हैं. उसपर सुनवाई जारी है. उनका कहना है कि वह बाबूलाल मरांडी के कार्यों में उनके आदेशानुसार सहयोग करते हैं. हाल में ही बाबूलाल मरांडी ने अवैध खनन और सीएम से जुड़े जमीन घोटाले और कोयला से उगाही जैसे कई मामले उठाए हैं. इसकी वजह से सरकार संरक्षित अपराधियों के निशाने पर हूं.
ईटीवी भारत की टीम ने इस मसले पर सुनील तिवारी से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य को पत्र की कॉपी ईमेल के जरिए भेजी गयी है. उनकी जान को खतरा है. उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार सहमा हुआ है. जानबूझकर सरकार टारगेट कर रही है. लिहाजा, मेरे और मेरे परिवार को राजनीतिक पूर्वाग्रह जैसी साजिशों से सुरक्षा प्रदान की जाए.