रांची: झारखंड की राजनीति में नया साल नया हलचल लेकर आया है. सुबह जैसे ही ये पता चला कि जेएमएम के गांडेय के विधायक सरफराज अहमद ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है. राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे, कोई इसे पार्टी के अंदर कलह बता रहा था तो कोई कुछ और. लेकिन दोपहर होते-होते यह बड़ी हलचल में बदल गई.
कोई कह रहा है कि कल्पना सोरेन सीएम बनेंगी तो कई कुछ कह रहा है. लेकिन इस बीच ये बात भी सामने आ रही है कि कल्पना सोरेन झारखंड की सीएम नहीं बन सकती है. उसके लिए मुंबई हाईकोर्ट के एक फैसले को आधार बनाया जा रहा है. बीजेपी सांसद ने मुंबई हाई कोर्ट का हवाला दिया है.
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झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया,इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ । हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे,झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी । नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक @itssuniltiwari pic.twitter.com/jl06AtXurh
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया,इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ । हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे,झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी । नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक @itssuniltiwari pic.twitter.com/jl06AtXurh
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया,इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ । हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे,झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी । नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक @itssuniltiwari pic.twitter.com/jl06AtXurh
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झारखंड की राजनीति में इस बदलाव को लेकर बड़े-बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी बातें रखनी शुरू कर दी हैं. पहले बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर ताबड़तोड़ कई पोस्ट कर इस हलचल को और हवा दे दी. निशिकांत दुबे के पहले पोस्ट के मुताबिक सरफराज अहमद के इस्तीफे देने का मतलब यह है कि हेमंत सोरेन सीएम पद से इस्तीफा देंगे और उनकी जगह उनकी पत्नी सीएम बनेंगी और वह गांडेय सीट से चुनाव लड़ेंगी.
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राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…
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">राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…
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निशिकांत ने दूसरा और तीसरा पोस्ट राज्य में उपचुनाव की संभावना को लेकर की है. दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि राज्यपाल को कानूनी सलाह लेनी चाहिए क्योंकि विधानसभा चुनाव में जब एक साल से कम का समय बचा हो तो उपचुनाव नहीं हो सकते हैं. वहीं तीसरे पोस्ट में उन्होंने इस बात को और प्रमाणिकता के साथ रखने की कोशिश की है. उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जब कल्पना सोरेन कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं, ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री कैसे बनाया जा सकता है.
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मुम्बई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा के निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता । काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में ख़ाली हुआ तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन ख़ाली था।@CPRGuv राज्यपाल महोदय यदि कल्पना सोरेन जी कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे… pic.twitter.com/WyYht0W0Eu
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">मुम्बई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा के निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता । काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में ख़ाली हुआ तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन ख़ाली था।@CPRGuv राज्यपाल महोदय यदि कल्पना सोरेन जी कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे… pic.twitter.com/WyYht0W0Eu
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024मुम्बई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा के निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता । काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में ख़ाली हुआ तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन ख़ाली था।@CPRGuv राज्यपाल महोदय यदि कल्पना सोरेन जी कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे… pic.twitter.com/WyYht0W0Eu
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अब सवाल ये है कि जिनके विधायक बनने की संभावना नहीं होगी, क्या उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. यह फैसला तो राज्यपाल को ही करना है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि ईडी हेमंत सोरेन पर क्या कार्रवाई करती है. अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार होते है या फिर इस्तीफा देतें हैं, तभी किसी और के सीएम बनने की बात होगी.
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