रांची: नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराने को लेकर पूरे देश में विवाद धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. देश की 19 विपक्षी पार्टियों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जाने से साफ मना कर दिया है. विपक्षी एकता का समर्थन करते हुए झारखंड इकाई के सभी वामदल ने भी संसद भवन का उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने का समर्थन किया है. झारखंड के सीपीआईएम(एल), सीपीआई(एम), सीपीआई सहित आदिवासी संगठन के कई नेताओं ने गुरुवार को अल्बर्ट एक्का चौक पर पैदल मार्च करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
भाजपा आदिवासी और संविधान विरोधी पार्टीः विरोध प्रदर्शन में मौजूद भाकपा माले के वरिष्ठ नेता जनार्दन प्रसाद ने कहा कि जिस प्रकार से देश में महिलाओं का अपमान हो रहा है. यह निंदनीय है. संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराना निश्चित रूप से राष्ट्रपति पद और आदिवासी महिला दोनों का अपमान है.
धरना पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों का प्रदर्शन के माध्यम से किया समर्थन: वाम दल के नेता जनार्दन प्रसाद ने कहा कि दिल्ली में धरने पर बैठे कुश्ती के खिलाड़ियों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार आंख पर पट्टी बांधकर अपने सांसद बृजभूषण सिंह को बचाने में लगी हुई है.
आदिवासी संगठनों ने भी वामदल का किया समर्थन: गुरुवार को वाम दल के कार्यकर्ताओं ने हाथ में पोस्टर लेकर भाजपा सरकार का विरोध प्रदर्शन किया. वाम दल के प्रदर्शन को समर्थन देने पहुंचे आदिवासी समिति के लोगों ने भी कहा कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जाना, लोकतंत्र का तो अपमान है ही साथ ही आदिवासी समाज का भी अपमान केंद्र में बैठी भाजपा सरकार कर रही है.
28 मई को संसद भवन का होना है उद्घाटन: बता दें कि 28 मई को नए संसद भवन का दिल्ली में उद्घाटन होना है. जिसमें शामिल होने का देश की कई विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है. जिसके समर्थन में विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं.