रांची: राजधानी के नामकुम थाना क्षेत्र के सदाबहार चौक स्थित महेंद्र प्रसाद ज्वेलर्स के संचालक की आत्महत्या के मामले में मकान मालिक अमरनाथ ठाकुर की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने स्वीकर ली है. अमरनाथ ठाकुर की जमानत याचिका एजेसी एसके पांडे की अदालत ने स्वीकार की है.
अमरनाथ ठाकुर के खिलाफ जेवर व्यवसाई बृजनंदन प्रसाद के बड़े भाई सुनील कुमार की शिकायत वाद पर नामकुम थाना ने भादवि की धारा 306 के तहत कांड संख्या 18/19 दर्ज किया गया था. जेवर व्यवसायी बृजनंदन प्रसाद ने 26 अप्रैल 2016 को नामकुम के लाल साहब कंपाउंड स्थित अपने आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या की घटना को लेकर मृतक के बड़े भाई सुनील कुमार ने 26 अप्रैल 2016 को नामकुम थाना में यूटी कांड संख्या 07/16 दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने अपने भाई की मौत के लिए किसी को दोषी नहीं बताया था.
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इस घटना के दूसरे दिन मौत का जिम्मेदार सुनील कुमार और उनके परिजनों मृतक के जेब से सुसाइड नोट पाया था, जिसका आरोप मकान मालिक अमरनाथ ठाकुर पर लगाते हुए उनके घर पर पत्थरबाजी किया था. परिजनों ने नामकुम तुपुदाना मार्ग को जाम कर जमकर बवाल भी काटा था. इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में जो पेपर पेश किया था उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. सुसाइड नोट ना तो पुलिस को मिली थी और ना ही पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को. अब मृतक के परिजन ही पुलिस के संदेह के घेरे में आ गए हैं.
परिजनों पर भी दर्ज हुआ एफआईआर
व्यवसायी की मौत के बाद उनके परिजनों पर पैसे उगाही के लिए झूठे केस में फंसाने को लेकर मकान मालिक अमरनाथ ठाकुर ने भी न्यायालय में शिकायत वाद दायर किया था, जिसपर नामकुम पुलिस भादवि की धारा 193, 204, 211, 379, 384, 467, 471, 500 , 501, 506, 120 बी और 34 के तहत एफआईआर संख्या 21/19 दर्ज कर अनुसंधान कर रही है. इस मामले में सुनील कुमार उर्फ घनश्याम प्रसाद, रूपेश कुमार, विकास कुमार, संतोष कुमार, अखिलेश कुमार मिथिलेश कुमार, तथा महेश प्रसाद को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.