रांची: झारखंड में कागजात की हेराफेरी कर जमीन की खरीद बिक्री के मामले जगजाहिर हैं. अब इस मामले में ईडी की एंट्री से बड़े-बड़े राज पर से पर्दा उठना तय माना जा रहा है. 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के अलावा कई अंचल कर्मियों और जमीन कारोबारियों के यहां एक साथ हुई छापेमारी में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक न्यायिक हिरासत में भेजे गए अफसर अली उर्फ अफसू खान, इम्तियाज अहमद, प्रदीप बागची, सद्दाम हुसैन, तल्हा खान और बड़गांई अंचल कर्मी भानु प्रताप ने राजधानी के मोराबादी मौजा के वार्ड नंबर 21/19 में मौजूद 455 डिसमिल के प्लॉट का फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर प्रदीप बागची के नाम से जमीन का होल्डिंग कटवा दिया था. जबकि इस जमीन के असली मालिक दिवंगत बीएम राव थे. आजादी के समय से ही इस जमीन पर भारतीय सेना का कैंप मौजूद था. लेकिन फर्जी कागजात के जरिए प्रदीप बागची इस जमीन का मालिक बन गया और उसने पूरी जमीन जगतबंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करमटोली और रिम्स के बीच सेंट्रल एकेडमी के बगल में मौजूद इस जमीन का मार्केट वैल्यू करीब 21 करोड़ है लेकिन इसे सिर्फ 7 करोड़ में बेचा गया. सबसे खास बात है कि फर्जी तरीके से जमीन बेचने वाले प्रदीप बागची के अकाउंट में इस जमीन के बदले सिर्फ 25 लाख रुपए जमा हुए. शेष राशि को फर्जी चेक के जरिए डीड संख्या 6888 के भुगतान मद में दिखाया गया.
आपको बता दें कि रांची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने 4 जून 2022 को बरियातू थाने में एफआई आर दर्ज कर बताया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी दस्तावेज देकर 455 डिसमिल जमीन का होल्डिंग कटवा लिया था. इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने जब जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
सूत्रों के मुताबिक ईडी का दावा है कि राजधानी रांची के सदर थाना क्षेत्र स्थित चेशायर होम के पास मौजूद करीब 1 एकड़ जमीन का फर्जी कागज बनाकर व्यवसाई विष्णु अग्रवाल को बेची गई. इस हेराफेरी के लिए बड़गांई अंचल और कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस में कागजात की हेराफेरी की गई. सूत्रों के मुताबिक 9 फरवरी 2023 को बड़गांई अंचल और 15 फरवरी 2023 को रजिस्ट्रार ऑफ एस्योरेंसेस, कोलकाता में किए गए सर्वे में पता चला कि कागजात की हेराफेरी कर जमीन का फर्जी मालिक तैयार किया गया.
ईडी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन जमीन माफियाओं ने कई सरकारी प्लॉट के नेचर को भी बदल कर बेच दिया है. 13 अप्रैल 2023 को ईडी ने झारखंड बिहार और पश्चिम बंगाल के कुल 21 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. आरोपियों के ठिकानों से ईडी को बेशुमार प्रॉपर्टी के कागजात और डिजिटल एविडेंस हाथ लगे हैं जिसकी जांच की जा रही है. छापेमारी के दौरान कई दफ्तरों के फर्जी स्टांप और सील ईडी के हाथ लगे हैं जिनका इस्तेमाल फर्जी डीड तैयार करने में होता था. सूत्रों के मुताबिक ईडी के पास पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं जो बताते हैं कि कैसे जमीन के कागजात की हेराफेरी कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. आपको बता दें कि फिलहाल सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है लेकिन बहुत जल्द ईडी इन सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. उम्मीद की जा रही है कि इस पूछताछ के दौरान कई और सफेदपोश इसकी जद में आ सकते हैं.