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झारखंड में डेंगू के नए स्ट्रेन की आशंका, सीरो टाइपिंग की व्यवस्था ना होने के कारण नहीं हो पा रही सैंपल की जांच - etv news

झारखंड में तेजी से बढ़ते डेंगू मरीजों की संख्या को लेकर डेंगू के नए स्ट्रेन की आशंका जताई जा रही है. लेकिन स्ट्रेन की जांच के लिए जिस सीरो टाइपिंग की जरुरत होती है, उसकी कोई व्यवस्था राज्य में नहीं है.

strain of dengue in Jharkhand
dengue mosquito
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 21, 2023, 7:40 PM IST

झारखंड में डेंगू के सीरो टाइपिंग की कमी

रांची: झारखंड में 24 में से 23 जिलों में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. गोड्डा जिला को छोड़ राज्यभर में फैल चुके डेंगू संक्रमण की वजह से कई जिले में तो आउट ब्रेक वाली स्थिति है. राज्य में डेंगू संक्रमित मरीजों में से कई मरीज ऐसे भी हैं जो दूसरे राज्यों से बीमार होकर लौटे हैं. ऐसे में डेंगू वायरस का कोई नया स्ट्रेन तो इसके लिए जिम्मेदार नहीं है? इसके लिए डेंगू संक्रमित मरीजों के सैंपल की सीरो टाइपिंग जांच बेहद जरूरी होती है. लेकिन हैरत की बात है कि राज्य में सरकारी व्यवस्था के तहत डेंगू के सीरो टाइपिंग की कोई व्यवस्था राज्य में नहीं है.

यह भी पढ़ें: डेंगू के बढ़ते मरीजों के बीच प्लेटलेट्स का इंतजाम झारखंड के अस्पतालों के लिए बड़ी चुनौती, जानिए प्लेटलेट्स क्यों है इतना महत्वपूर्ण

झासा के संरक्षक और पैथोलॉजिस्ट डॉ बिमलेश सिंह कहते हैं कि राज्य में जो भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उनमें लक्षण के आधार पर यह नहीं लगता कि खतरनाक हेमरेजिक फीवर वाला डेंगू का प्रकोप राज्य में है. बावजूद इसके अगर डेंगू संक्रमित मरीजों का सैंपल लेकर उसके सीरो टाइपिंग जांच की जाती तब यह पता चलता कि वर्तमान समय में राज्य में तेजी से फैल रहा डेंगू पुराने वाले चार स्ट्रेन (DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4) में से किसी एक की वजह से है. या डेंगू के वायरस का कोई नया स्ट्रेन बना है.

जरूरत पड़ी तो दूसरे राज्य भेजेंगे सैंपल- डॉ बीके सिंह: राज्य में जन जागरूकता और नगर निगम के सहयोग से डेंगू की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान की वजह से डेंगू संक्रमण की तेजी में कमी आई है. राज्य में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ बीके सिंह ने इसका दावा किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में डेंगू संक्रमण की तीव्रता में कमी आयी है. वहीं उन्होंने डेंगू वायरस के सीरो टाइपिंग की व्यवस्था राज्य में नहीं होने की बात भी स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सैंपल को दूसरे राज्यों में भेजा जाएगा ताकि डेंगू के स्ट्रेन की पूरी जानकारी मिल सके.

20 सितंबर को राज्य में मिले हैं 43 डेंगू संक्रमित: 20 सितंबर को राज्य में डेंगू के 43 नए केस मिलने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है. राज्य में इस वर्ष डेंगू से सबसे प्रभावित जिला पूर्वी सिंहभूम रहा है, जहां अब तक 663 संक्रमित मिल चुके हैं. जिसमें 05 की मौत भी हुई है. वहीं साहिबगंज में 144, रांची में 82, धनबाद में 55, सरायकेला खरसावां में 40 डेंगू संक्रमित मरीज अब तक मिल चुके हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या वैसे मरीजों की है, जिनकी रिपोर्टिंग स्वास्थ्य मुख्यालय को नहीं हुई है.

झारखंड में डेंगू के सीरो टाइपिंग की कमी

रांची: झारखंड में 24 में से 23 जिलों में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. गोड्डा जिला को छोड़ राज्यभर में फैल चुके डेंगू संक्रमण की वजह से कई जिले में तो आउट ब्रेक वाली स्थिति है. राज्य में डेंगू संक्रमित मरीजों में से कई मरीज ऐसे भी हैं जो दूसरे राज्यों से बीमार होकर लौटे हैं. ऐसे में डेंगू वायरस का कोई नया स्ट्रेन तो इसके लिए जिम्मेदार नहीं है? इसके लिए डेंगू संक्रमित मरीजों के सैंपल की सीरो टाइपिंग जांच बेहद जरूरी होती है. लेकिन हैरत की बात है कि राज्य में सरकारी व्यवस्था के तहत डेंगू के सीरो टाइपिंग की कोई व्यवस्था राज्य में नहीं है.

यह भी पढ़ें: डेंगू के बढ़ते मरीजों के बीच प्लेटलेट्स का इंतजाम झारखंड के अस्पतालों के लिए बड़ी चुनौती, जानिए प्लेटलेट्स क्यों है इतना महत्वपूर्ण

झासा के संरक्षक और पैथोलॉजिस्ट डॉ बिमलेश सिंह कहते हैं कि राज्य में जो भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उनमें लक्षण के आधार पर यह नहीं लगता कि खतरनाक हेमरेजिक फीवर वाला डेंगू का प्रकोप राज्य में है. बावजूद इसके अगर डेंगू संक्रमित मरीजों का सैंपल लेकर उसके सीरो टाइपिंग जांच की जाती तब यह पता चलता कि वर्तमान समय में राज्य में तेजी से फैल रहा डेंगू पुराने वाले चार स्ट्रेन (DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4) में से किसी एक की वजह से है. या डेंगू के वायरस का कोई नया स्ट्रेन बना है.

जरूरत पड़ी तो दूसरे राज्य भेजेंगे सैंपल- डॉ बीके सिंह: राज्य में जन जागरूकता और नगर निगम के सहयोग से डेंगू की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान की वजह से डेंगू संक्रमण की तेजी में कमी आई है. राज्य में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ बीके सिंह ने इसका दावा किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में डेंगू संक्रमण की तीव्रता में कमी आयी है. वहीं उन्होंने डेंगू वायरस के सीरो टाइपिंग की व्यवस्था राज्य में नहीं होने की बात भी स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सैंपल को दूसरे राज्यों में भेजा जाएगा ताकि डेंगू के स्ट्रेन की पूरी जानकारी मिल सके.

20 सितंबर को राज्य में मिले हैं 43 डेंगू संक्रमित: 20 सितंबर को राज्य में डेंगू के 43 नए केस मिलने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है. राज्य में इस वर्ष डेंगू से सबसे प्रभावित जिला पूर्वी सिंहभूम रहा है, जहां अब तक 663 संक्रमित मिल चुके हैं. जिसमें 05 की मौत भी हुई है. वहीं साहिबगंज में 144, रांची में 82, धनबाद में 55, सरायकेला खरसावां में 40 डेंगू संक्रमित मरीज अब तक मिल चुके हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या वैसे मरीजों की है, जिनकी रिपोर्टिंग स्वास्थ्य मुख्यालय को नहीं हुई है.

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