रांचीः तमिलनाडु में झारखंड के प्रवासी श्रमिक सुरक्षित हैं. वहां हिन्दी भाषी कामगारों को टारगेट करने की बात बेबुनियाद है. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हैं, लेकिन उसमें हेट क्राइम से जुड़ी कोई सत्यता नहीं है. झारखंड के श्रम विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में यह बातें कही. उन्होंने बताया कि झारखंड पुलिस के डीआईजी एम तमिल वाणन और संयुक्त श्रमायुक्त के नेतृत्व में एक टीम तमिलनाडु गई है. टीम ने तिरुप्पुर, कोयम्बटूर, चेंगुलपेट, कांचीपुरम समेत सभी वैसी जगहों का दौरा किया, जहां पैनिक वाली स्थिति बनी हुई थी.
हेट क्राइम की बात बेबुनियाद बतायाः जांच में पता चला कि झारखंड के किसी भी प्रवासी श्रमिकों के साथ भाषाई आधार पर मारपीट तो दूर भेदभाव तक नहीं हुआ है. हेट क्राइम की बात बेबुनियाद है. टीम ने संबंधित जिलों के जिलाधाकारी और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से भी बात की है. मजदूरों ने भी खुद कहा है कि वे सुरक्षित हैं. श्रम सचिव ने कहा कि उन्होंने खुद तमिलनाडु के कई अफसरों से बात की है. उनके मुताबिक तमिलनाडु पुलिस ने कई अफवाह फैलाने वालों को चिह्नित कर लिया है. गिरफ्तारी की कार्रवाई भी चल रही है. इस बीच झारखंड की टीम आज ही रांची लौट रही है. उन्होंने कहा कि बिहार की टीम भी तमिलनाडु गई थी. उनको भी यही फीडबैक मिला है.
झरिया के मजदूर को क्यों किया गया गिरफ्तारः अब सवाल है कि भाषा के आधार पर हेट क्राइम की बात उठी कहां से और झरिया के एक श्रमिक को क्यों गिरफ्तार किया गया है. इस पर श्रम सचिव ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस जांच कर रही है. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो जारी कर इसको भाषाई विवाद का रूप देने की कोशिश की गई है, लेकिन सभी मामले व्यक्तिगत हैं. उन्होंने कहा कि धनबाद के झरिया के उपेंद्र धारी नामक शख्स को तिरूप्पुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसपर बिहार के जमुई निवासी पंकज की हत्या का आरोप है. पुलिस के मुताबिक पत्नी के साथ पंकज के अवैध संबंध की वजह से उसने हत्या की थी. यह क्राइम का मामला है. इसको तमिलनाडु पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है.
टीम की रिपोर्ट के आधार पर होगी प्लानिंगः श्रम सचिव राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि टीम के दौरा करने से कई ऐसी जानकारी मिली है, जिसके जरिए प्रवासी श्रमिकों की दूसरी समस्याएं दूर की जा सकती हैं. टीम के लौटते ही एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि कई जगह नए मजदूरों के साथ फैक्ट्रीज में लेबर पेमेंट में गड़बड़ी की बात सामने आयी है. ऐसे तमाम मसलों को पारदर्शी बनाने के लिए उनकी कोशिश होगी कि तमिलनाडु सरकार के साथ एक एमओयू किया जाए.
कंट्रोल रूम में किस तरह का आया कंप्लेनः अब आप जानने चाहेंगे कि रांची श्रम विभाग द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए स्थापित कंट्रोल रूम में किस तरह की बातें पहुंचीं. इस बाबत श्रम सचिव ने बताया कि ज्यादातर कॉल इस बात को लेकर था कि हमें यहां से जल्द निकालें. लोग डरे हुए थे. सभी सोशल मीडिया की खबरों का हवाला देकर प्रदेश लौटने की बात कर रहे थे, लेकिन किसी ने भी नहीं बताया कि उनके साथ मारपीट हो रही है. सिर्फ अफवाह की वजह से लोग सहमे हुए थे. लिहाजा, तमिलनाडु पुलिस से बात होने के बाद जितने भी कॉल हुए, उन सभी को बताया गया कि सिर्फ अफवाह है. घबराने की जरूरत नहीं है.
कहां हैं विभागीय मंत्री सत्यानंद भोक्ताः तमिलनाडु में फैली अफवाह को शांत करने के लिए श्रम विभाग की टीम ने जितनी तत्परता दिखाई, उसके लिए वो बधाई के पात्र हैं, लेकिन इस विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता का अंदाज बेहद अजूबा है. इस मसले पर सुबह 9.30 बजे उनसे फोन नंबर 7779995196 पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी सुरक्षित हैं. वहां सिर्फ अफवाह उड़ायी गई थी. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जब मंत्री जी से कहा गया कि इस बारे में आपकी एक बाइट मायने रखेगी तो उन्होंने कहा कि वह रांची में नहीं चतरा में हैं. तब उनसे कहा गया कि हमारे चतरा के सहयोगी आपके आवास पर बाइट ले लेंगे, लेकिन आश्चर्य की बात है कि हमारे चतरा सहयोगी को बताया गया कि मंत्री जी तो रांची में ही हैं. इसके बाद उनसे दर्जनों बार फोन कर संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया. इतने गंभीर मसले पर विभागीय मंत्री का ऐसा रवैया कई सवाल खड़े करता है.