रांची: झारखंड में कृषि के क्षेत्र में सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में किसानों और कृषि अधिकारियों के बीच सेतु का काम करने में जनसेवक अहम भूमिका निभाते हैं. बीज वितरण से लेकर केसीसी एवं अन्य योजनाओं को धरातल पर उतारने में इनका योगदान होता है. लेकिन इन दिनों राज्य भर के 1500 के करीब कृषि जनसेवक अपने अपने जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर रहे हैं.
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कृषि जनसेवकों का आरोप है कि 10 साल सेवा करने पर वेतन बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन यहां तो उल्टा हो गया है. कृषि निदेशक ने 2012 में बहाल जनसेवकों का ग्रेड पे ही 2400 से घटा कर 2000 कर दिया है, कृषि निदेशक के अनुसार ग्रेड पे तय करने में 2012 में भूल हुई थी जिसे सुधारा गया है. राज्य भर के जनसेवक कृषि विभाग के इस कदम से आक्रोशित हो गए हैं.
अभी अपने अपने जिले में जनसेवकों ने 11 सूत्री मांगों के समर्थन में आंदोलन शुरू किया है. 31 मई को राजभवन के समक्ष बड़ा राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की भी घोषणा कर दी है. जनसेवकों ने कहा कि ग्रेड पे को 2400 से घटा कर 2000 करने से उनके हाथ में मिलने वाली राशि 08 से 10 हजार कम हो जाएगी. महंगाई के इस दौर में यह बर्दाश्त करने की स्थिति में कोई भी जनसेवक नहीं है.
आइए नजर डालें कृषि जनसेवकों के 11 सूत्री मांग परः
- जनसेवक संवर्ग के खिलाफ कृषि विभाग द्वारा नियुक्ति नियमावली और ग्रेड पे में की गई छेड़छाड़ को वापस लिया जाए.
- जनसेवकों को पूर्व की भांति तकनीकी पद मानते हुए ग्रेड पे 4200 किया जाए.
- 2012 में नियुक्त कृषि जनसेवकों को एमएसीपी का लाभ दिया जाए.
- झारखंड कृषि शिक्षा परिषद का गठन किया जाए तथा जनसेवकों की वरीयता सूची जारी की जाए.
- जनसेवा की संपूर्ण सेवा वर्ष 2011-12 जन सेवक भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली के तहत कृषि विभाग में वापस किया जाए तथा जनसेवक का नाम बदलकर कृषि प्रसार पर्यवेक्षक किया जाए.
- कृषि जनसेवक संवर्ग को पूर्व की भांति राज्य में होने वाले सीमित पदोन्नति परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए
- सभी जिलों में जन सेवकों को वेतन हेड 2401 से वेतन भुगतान किया जाए
- कृषि जनसेवक की पदोन्नति प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं समकक्ष सभी पर्यवेक्षक पदों पर की जाए.
- राज्य के 15 सौ से ज्यादा जन सेवकों को गैर कृषि कार्यों से मुक्त किया जाए.
- झारखंड राज्य में सभी छात्रों के लिए कृषि शिक्षा की व्यवस्था बहाल की जाए साथ ही पूर्व की भांति जन सेवकों के लिए निशुल्क सवैतनिक
कृषि स्नातक की पढ़ाई की व्यवस्था की जाए. - 2012 में भर्ती सभी जनसेवकों का पे ग्रेड 2400 से घटा कर 2000 करने का आदेश वापस लिया जाए.
क्या होगा जनसेवकों के आंदोलन का असरः जनसेवकों के आंदोलन की वजह से राज्य में कृषि प्रसार केसीसी निर्माण खाद एवं बीज वितरण सहित कृषि योजनाएं प्रभावित होगी जिसका असर राज्य में कृषि क्षेत्र पर पड़ना स्वाभाविक है.