रांची: झारखंड में कृषि जनसेवक की 67 दिन पुरानी हड़ताल शुक्रवार रात समाप्त हो गयी. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ झारखंड राज्य जनसेवक संघ के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त करने की संघ में घोषणा की.
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जनसेवक संघ की सदस्य अनामिका सिंह ने बताया कि नेपाल हाउस सचिवालय के कृषि मंत्री कक्ष में हुई झारखंड राज्य जनसेवक संघ और कृषि विभाग के बीच हुई वार्ता में कृषि मंत्री ने जनसेवक संवर्ग का ग्रेड-पे पहले की तरह यथावत रखने का आश्वासन दिया गया है. इसके अलावा अन्य 10 सूत्री मांगों की पूर्ति पर भी कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विभाग के स्तर से शीघ्र पहल शुरू करने का आश्वासन दिया है.
अनामिका सिंह ने कहा कि पे स्केल कम करने से सबंधित एक मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है. ऐसे में विभागीय मंत्री ने अदालत का फैसला आने तक पूर्व का ग्रेड पे देते रहने की बात कही है. इस वार्ता के बाद झारखंड राज्य जनसेवक संघ ने 67 दिनों से चली आ रही हड़ताल को समाप्त करने और सोमवार से काम पर लौट जाने की घोषणा कर दी है.
क्या था पूरा मामलाः कृषि निदेशक ने 2012 में बहाल 1 हजार 333 जनसेवकों का पे स्केल 2 हजार 400 से घटाकर दो हजार रुपया कर दिया था. इस वजह से जनसेवकों का वेतन आठ से दस हजार तक कम हो गया था. 10 साल सेवा देने के बाद कुल सैलरी में हुई कमी से जन सेवक आक्रोशित थे. दूसरी ओर कृषि विभाग की दलील थी कि जनसेवकों की नियुक्ति के समय जो विज्ञापन निकला था उसमें गलती से पे स्केल 2400 हो गया था, उसी गलती को सुधारा गया है.
एक जनसेवक द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की थी याचिकाः 10 साल की सेवा के बाद ग्रेड पे कम करने के विभाग के फैसले के खिलाफ एक जनसेवक ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिस पर उच्च न्यायालय ने फैसला आने तक स्थिति को यथावत बनाये रखने का आदेश दिया था. उसके बाद सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देशनुसार शुक्रवार को कृषि मंत्री ने जनसेवकों से वार्ता कर हड़ताल समाप्त करता दिया. कृषि मंत्री ने यह भी अश्वासन दिया कि हड़ताल अवधि को अवकाश में सामंजस्य करने की कोशिश होगी ताकि हड़ताल अवधि का आर्थिक नुकसान उन्हें नहीं उठाना पड़े.