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सत्ताधारी विधायक और मंत्रियों के आवास पर राज्य भर के कृषक मित्र कर रहे अनशन, जानिए क्या है उनकी मांगें

झारखंड के कृषक मित्र पांच अक्टूबर से सत्ताधारी विधायकों और मंत्रियों के आवास पर धरना दे रहे हैं. उनकी पांच मांगे हैं जिन्हे लेकिन वे प्रदर्शन कर रहे हैं. Krishak Mitra fasting at residences of ruling MLAs

krishak mitra fasting at residences of ruling MLAs
krishak mitra fasting at residences of ruling MLAs
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 12, 2023, 8:47 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कृषक मित्र महासंघ के बैनर तले राज्यभर के 14 हजार से अधिक कृषक मित्र अलग-अलग जिले में सत्ताधारी दलों के विधायकों के क्षेत्रीय आवास पर आमरण अनशन कर रहे हैं. वेतनमान की मांग कर रहे कृषक मित्रों का आरोप है कि कई तरह की सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में सहायक की भूमिका निभाने के बावजूद सेवा के 13 वर्ष बाद भी उन्हें सिर्फ कॉपी, कलम, बैग के लिए प्रति माह सिर्फ एक हजार रुपये दिए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड के किसानों को वन उपज पर एमएसपी, पेड़ों की रक्षा के लिए मिलेगी मजदूरी, सीएम हेमंत ने मेधा डेयरी प्लांट के उद्घाटन के बाद किया एलान

झारखंड प्रदेश कृषक मित्र महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने बताया कि राज्य के कृषक मित्र पिछले 13 वर्षों से केसीसी, ई-केवाईसी, धान अधिप्राप्ति किसान रजिस्ट्रेशन करना, आत्मा, कृषि विभाग, आपदा विभाग, पशुपालन विभाग, मनरेगा, चुनाव कार्य (बीएलओ), सहकारिता विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, मुख्यमंत्री फसल राहत योजना, केसीसी, ई-केवाईसी, धान अधिप्राप्ति किसान रजिस्ट्रेशन करना, मिट्टी जांच, बीज वितरण, यांत्रिक मशीन वितरण, श्री विधि से खेती करना, किसान परिभ्रमण, जैविक खेती को बढ़ावा देना सहित अनेक कार्य हम कृषक मित्रों के माध्यम से कराए जाते हैं. लेकिन राज्य के 14 हजार से अधिक कृषक मित्रों को कॉपी, कलम, बैग आदि के लिए सिर्फ ₹12000 प्रतिवर्ष दिया जाता है. कृषक मित्र महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने कहा कि वेतनमान सहित पांच मुख्य मांगें है.

  1. वेतनमान मिलने तक कुशल कारीगरों के बराबर मजदूरी
  2. 65 वर्ष तक सेवा और बीमा भत्ता
  3. कृषि विभाग द्वारा निकाले जाने वाली बहाली में 50% कृषक मित्र को आरक्षण
  4. सेवा के दौरान कृषक मित्र के निधन पर परिजन को अनुकम्पा का लाभ
  5. कृषक मित्र का बीमा सरकार कराए जाएं

पांच अक्टूबर से सत्ताधारी दलों के विधायक-मंत्री के आवास पर अनशन: कृषक महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने बताया कि पूरे राज्य में कृषक मित्र 05 अक्टूबर से सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री के क्षेत्रीय आवास पर अनशन कर रहे हैं. कई कृषक मित्र की तबीयत भी अनशन के दौरान खराब हुई है. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है. शशि कुमार भगत ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वार्ता नहीं हो जाती है और मानदेय पर पहल नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

कहां-कहां चल रहा है कृषक मित्रों का आमरण अनशन: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के सारवा स्थित आवास, मंत्री आलमगीर आलम के बड़हरवा स्थित आवास, मंत्री जोबा मांझी चक्रधरपुर, मंत्री हफीजुल रहमान अंसारी मधुपुर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दुमका आवास, मंत्री मिथिलेश ठाकुर के गढ़वा स्थित आवास, विधायक दीपिका पांडे सिंह के महागामा स्थित आवास, पूर्व मंत्री नलिन सोरेन के काठीकुंड आवास, विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के गिरिडीह स्थित आवास, विधायक उमाशंकर अकेला यादव के चौपारण स्थित आवास, विधायक संजीव सरदार के पोटका आवास, विधायक चमरा लिंडा के आवास, सांसद विजय हांसदा के आवास, सत्यानंद भोक्ता के चतरा आवास के सामने आमरण अनशन कर रहे हैं.

रांची: झारखंड प्रदेश कृषक मित्र महासंघ के बैनर तले राज्यभर के 14 हजार से अधिक कृषक मित्र अलग-अलग जिले में सत्ताधारी दलों के विधायकों के क्षेत्रीय आवास पर आमरण अनशन कर रहे हैं. वेतनमान की मांग कर रहे कृषक मित्रों का आरोप है कि कई तरह की सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में सहायक की भूमिका निभाने के बावजूद सेवा के 13 वर्ष बाद भी उन्हें सिर्फ कॉपी, कलम, बैग के लिए प्रति माह सिर्फ एक हजार रुपये दिए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड के किसानों को वन उपज पर एमएसपी, पेड़ों की रक्षा के लिए मिलेगी मजदूरी, सीएम हेमंत ने मेधा डेयरी प्लांट के उद्घाटन के बाद किया एलान

झारखंड प्रदेश कृषक मित्र महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने बताया कि राज्य के कृषक मित्र पिछले 13 वर्षों से केसीसी, ई-केवाईसी, धान अधिप्राप्ति किसान रजिस्ट्रेशन करना, आत्मा, कृषि विभाग, आपदा विभाग, पशुपालन विभाग, मनरेगा, चुनाव कार्य (बीएलओ), सहकारिता विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, मुख्यमंत्री फसल राहत योजना, केसीसी, ई-केवाईसी, धान अधिप्राप्ति किसान रजिस्ट्रेशन करना, मिट्टी जांच, बीज वितरण, यांत्रिक मशीन वितरण, श्री विधि से खेती करना, किसान परिभ्रमण, जैविक खेती को बढ़ावा देना सहित अनेक कार्य हम कृषक मित्रों के माध्यम से कराए जाते हैं. लेकिन राज्य के 14 हजार से अधिक कृषक मित्रों को कॉपी, कलम, बैग आदि के लिए सिर्फ ₹12000 प्रतिवर्ष दिया जाता है. कृषक मित्र महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने कहा कि वेतनमान सहित पांच मुख्य मांगें है.

  1. वेतनमान मिलने तक कुशल कारीगरों के बराबर मजदूरी
  2. 65 वर्ष तक सेवा और बीमा भत्ता
  3. कृषि विभाग द्वारा निकाले जाने वाली बहाली में 50% कृषक मित्र को आरक्षण
  4. सेवा के दौरान कृषक मित्र के निधन पर परिजन को अनुकम्पा का लाभ
  5. कृषक मित्र का बीमा सरकार कराए जाएं

पांच अक्टूबर से सत्ताधारी दलों के विधायक-मंत्री के आवास पर अनशन: कृषक महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने बताया कि पूरे राज्य में कृषक मित्र 05 अक्टूबर से सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री के क्षेत्रीय आवास पर अनशन कर रहे हैं. कई कृषक मित्र की तबीयत भी अनशन के दौरान खराब हुई है. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है. शशि कुमार भगत ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वार्ता नहीं हो जाती है और मानदेय पर पहल नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

कहां-कहां चल रहा है कृषक मित्रों का आमरण अनशन: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के सारवा स्थित आवास, मंत्री आलमगीर आलम के बड़हरवा स्थित आवास, मंत्री जोबा मांझी चक्रधरपुर, मंत्री हफीजुल रहमान अंसारी मधुपुर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दुमका आवास, मंत्री मिथिलेश ठाकुर के गढ़वा स्थित आवास, विधायक दीपिका पांडे सिंह के महागामा स्थित आवास, पूर्व मंत्री नलिन सोरेन के काठीकुंड आवास, विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के गिरिडीह स्थित आवास, विधायक उमाशंकर अकेला यादव के चौपारण स्थित आवास, विधायक संजीव सरदार के पोटका आवास, विधायक चमरा लिंडा के आवास, सांसद विजय हांसदा के आवास, सत्यानंद भोक्ता के चतरा आवास के सामने आमरण अनशन कर रहे हैं.

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