रांची: आवास बोर्ड की ओर से एक ही प्लॉट को दो लोगों को आवंटित करने के मामले में (same plot allotting to two people Case in Jharkhand High Court) दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा है कि आवास बोर्ड के अधिकारी कई सालों से एक जगह जमे हुए हैं जिसके कारण सरकार का मैकेनिज्म फेल हो गया है. अदालत ने मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार को संबंधित अधिकारी को निलंबित करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत को कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश केपी देव की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि 10 साल पहले इस मामले में अदालत ने प्रार्थी को दूसरा प्लॉट आवंटित करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है.
अधिकारी को निलंबित करने का आदेश
इसके बाद अदालत ने आवास बोर्ड के संबंधित अधिकारी को निलंबित करने का आदेश राज्य सरकार को दिया. इस दौरान अदालत ने आवास बोर्ड की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि विभाग में एक ही अधिकारी कई वर्षों से एक ही पद पर जमे हैं जिसके कारण सरकार का कोई मैकेनिज्म ठीक से काम नहीं कर रहा है.
यह था मामला
बता दें कि आवास बोर्ड की ओर से एक ही प्लॉट को 2 लोगों को अलॉट कर दिया गया था, जब दोनों पक्ष अपने प्लॉट पर पहुंचे तो दोनों पक्षों ने प्लॉट पर अपना दावा पेश किया. उसके बाद याचिकाकर्ता धनंजय कुमार सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उसी मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह आदेश दिया है.