नई दिल्लीः महिला आरक्षण बिल पर सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि आज जो बिल पेश किया गया है वह भारतीय जनता पार्टी का बिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाया गया हुआ बिल है. कांग्रेस के सांसद कहते हैं अगर महिला बिल लागू होता है तो परकटी महिलाएं आ जाएंगी, क्या यह महिलाओं के लिए सम्मान है.
निशिकांत दुबे ने कहा कि 2011 में जब बिल को यहां लागू करने का काम किया जा रहा था तो यहां पर कांग्रेस के नेताओं ने ही अपने सहयोगियों को पीटा. दो बिल पेश किया गया था. जिसमें महिला आरक्षण बिल और दूसरा 2013 का प्रमोशन इन रिजर्वेशन बिल दोनों बिल्कुल लाया गया था. उस बिल को जब इसी बेल में बी नारायण स्वामी पेश कर रहे थे. समाजवादी पार्टी के यशवीर सिंह जो कांग्रेस के सहयोगी थे पार्लियामेंट के उस तरफ से गए और उन्होंने पार्लियामेंट में नारायण स्वामी का बिल खींच लिया. बेल में सबसे पहले कोई उनका कॉलर पकड़ने के लिए आया तो सबसे पहले यही सोनिया गांधी आई थी. नीरज शेखर भी वहां खड़े थे. मैंने जाकर के नीरज शेखर को रोका और मैंने कहा कि सोनिया गांधी जी आप तानाशाह नहीं हैं. आप यहां की रानी नहीं हैं.
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस ने सांसदों की हत्या करने का प्लान बनाया. मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि आज बीजेपी के निशिकांत दुबे नहीं होते तो संसद में आज हत्या हो गई होती.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में महिला बिल पर बोलते हुए कहा कि आज तक महिला बिल नहीं पास हुआ इसके पीछे की मूल वजह कांग्रेस है. कांग्रेस की वजह से यह बिल लटका रह गया. कांग्रेस और उनके सहयोगी दल किस तरह से लोकतंत्र का गला घोट देते हैं इसका यह सबसे बड़ा उदाहरण है. क्योंकि हर महिला इस बात को जानती है कि समानता के बगैर कुछ नहीं हो सकता. हम लगातार यह सुनते आ रहे हैं कि जिस घर में महिला की पूजा होती है जहां पर महिला सम्मान पाती हैं उस घर में देवता का वास होता है लेकिन हमारे समाज में क्या हो रहा है.
महिलाओं की शिक्षा का लेवल बढ़ाने तक का काम कांग्रेस ने नहीं किया. सर्व शिक्षा अभियान प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई लेकर के आए. इसके बाद स्कूलों में महिलाओं और बच्चियों की संख्या बढ़ी. हमारे देश के सभी स्कूलों में महिला शौचालय बना करके एक उदाहरण पेश किया गया, ताकि हमारी महिलाएं और बच्चियां सम्मान के साथ पढ़ सके. यह हमारे प्रधानमंत्री ने ही सोचा. हमारे प्रधानमंत्री अगर यह कह रहे हैं कि सही समय है यही समय है तो मान लेना चाहिए कि यह महिलाओं के सम्मान का सबसे बेहतरीन समय है और महिलाओं को आरक्षण देने का जो फैसला देने का काम किया गया वह काफी सराहनीय है.
निशिकांत दुबे ने कहा कि देश संविधान से चलता है और इसका आर्टिकल 82 इस बात के लिए काफी है कि यह देश बिना समानता के नहीं चल सकता है. निशिकांत दुबे ने कहा कि सोनिया गांधी ने इस बात का जिक्र किया कि लोकसभा में विशेष बात की चर्चा हो रही है, उसमें यह भी चर्चा होनी चाहिए कि राज्यसभा में आरक्षण का प्रावधान एससी, एसटी और ओबीसी के लिए नहीं है. विधानसभा में भी यह प्रावधान नहीं है. सवाल यह है कि 1947 से 1949 तक संविधान सभा चलती रही. उसके बाद आपने जितने दिनों तक सरकार चलाई उसमें यह व्यवस्था आपने क्यों नहीं की. राज्यसभा और विधानसभा में भी आरक्षण का प्रावधान किया जाए, अगर हम इस बात को उठा रहे हैं तो आपके द्वारा यह सवाल पूछा जाना ही अनुचित है क्योंकि यह काम आपको पहले ही कर देना चाहिए था.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल को इतने सालों तक लॉलीपॉप बना करके रखा था. हम यह कह रहे हैं कि महिलाओं को आरक्षण मिलेगा और मिलकर के रहेगा. इसे कोई रोक नहीं सकता. प्रधानमंत्री ने बिल्कुल तय कर दिया है हम महिला आरक्षण बिल देकर के रहेंगे और अब इसे कोई रोक नहीं सकता.
निशिकांत दुबे ने कहा कि कल सोनिया गांधी जी बोल रही थी तो मुझे लगा कि महिलाओं के बारे में बोलेंगी. राजनीति से ऊपर उठ करके बोलेंगी. इस लोकसभा में अगर महिला आरक्षण को लेकर के सबसे ज्यादा किसी ने आवाज उठाया है तो वह बंगाल की गीता मुखर्जी और भारतीय जनता पार्टी की सुषमा स्वराज रही हैं. अगर यह दोनों नेता नहीं रहे होते तो आज हम इस दिन को नहीं देख पाते.
निशिकांत दुबे ने कहा कि आज सोनिया गांधी ने जिस बात का जिक्र किया उसमें गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज का नाम नहीं लेकर के भी महिला आरक्षण बिल पर उन्होंने राजनीति करने का ही काम किया है. क्रेडिट लेने का काम ऐसा भी नहीं करना चाहिए. सोनिया गांधी ने सिर्फ क्रेडिट लेने के लिए इस तरह का काम किया है.