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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देंगे इस्तीफा, कल्पना सोरेन लड़ेंगी चुनावः निशिकांत दुबे - कल्पना सोरेन

गांडेय विधायक सरफराज अहमद का अचानक से इस्तीफा देना, उसे तुरंत मंजूर कर लेना, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के सातवें समन की डेडलाइन खत्म होना, इन सबके कई मायने लगाए जा रहे हैं.

resignation of JMM MLA
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 1, 2024, 2:05 PM IST

Updated : Jan 2, 2024, 12:09 PM IST

रांचीः साल 2024 की पहली किरण ने झारखंड की राजनीति में नई चमक बिखेर दी है. गिरिडीह के गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को अपना इस्तीफा भेज दिया और स्पीकर ने उनके इस्तीफे को 31 दिसंबर के प्रभाव से ही स्वीकार भी कर लिया. 31 दिसंबर को रविवार होने की वजह से इस बाबत अधिसूचना आज जारी कर दी गई है.

अब सवाल है कि गांडेय के विधायक सरफराज अहमद ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया. राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह एक सोची समझी प्लानिंग का हिस्सा है. दरअसल, ईडी ने अपना शिकंजा कस दिया है. सीएम के नाम सातवां समन जारी कर ईडी ने स्पष्ट कर दिया था कि आप खुद ही दो दिन के भीतर बताएं कि लैंड स्कैम मामले में आपका बयान कहां दर्ज किया जाए. स्थान और समय तक तय करने का अधिकार सीएम को दिया गया था. वह डेडलाइन 31 दिसंबर को ही समाप्त हो गया है. ईडी ने अपने समन में स्पष्ट कर दिया था कि पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत आपको बयान दर्ज कराने का अंतिम मौका दिया जा रहा है. अगर आप इसको नहीं मानते हैं तो यह समझा जाएगा कि आप जानबूझकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं.

  • झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया,इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ । हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे,झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी । नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक @itssuniltiwari pic.twitter.com/jl06AtXurh

    — Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जानकारों का कहना है कि सीम हेमंत सोरेन अपने प्लान बी पर काम कर रहे हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने भी एक्स हैंडल से ट्वीट किया है और बताया है कि सीएम हेमंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन होंगी.

  • राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…

    — Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गांडेय में मुस्लिम,आदिवासी वोट होता है निर्णायकः गांडेय सीट कई मायनों में झामुमो के लिए सबसे मुफीद सीट है. यहां जीत और हार तय करना आदिवासी और मुस्लिम वर्ग के हाथ में होता है. सरफराज अहमद 2005 में राजद से इस सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन झामुमो के सालखन सोरेन ने उन्हें हरा दिया था. 2009 में सरफराज अहमद कांग्रेस से ही चुनाव लड़े और उन्होंने 2005 की हार का बदला सालखन सोरेन से ले लिया था. 2014 में फिर सरफराज अहमद कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे थे लेकिन मोदी लहर में भाजपा के जेपी वर्मा ने बाजी मार ली थी. इस चुनाव में सरफराज अहमद तीसरे स्थान पर थे. लेकिन 2019 के चुनाव में यह सीट गठबंधन के तहत झामुमो के खाते में चली गई तो सरफराज अहमद कांग्रेस छोड़कर झामुमो में आ गये और जीत दर्ज की.

इससे साफ है कि पूरी प्लानिंग तय हो चुकी है. झारखंड में झामुमो, राजद और कांग्रेस का गठबंधन है. साथ ही लेफ्ट का सहयोग भी है. इसलिए यह तय माना जा रहा है कि सीएम हेमंत सोरेन कभी भी त्यागपत्र दे सकते हैं. उनकी जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ले सकती हैं. चुकि एक बार मुख्यमंत्री रहते शिबू सोरेन जैसे नेता तमाड़ सीट से चुनाव हार गये थे, लिहाजा, उन तमाम समीकरणों को देखते हुए गांडेय सीट को जीत के लिए सबसे मुफीद माना जा रहा है. जाहिर है कि साल 2024 में झारखंड की राजनीति 360 डिग्री पर घूमने वाली है.

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अब सवाल है कि गांडेय के विधायक सरफराज अहमद ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया. राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह एक सोची समझी प्लानिंग का हिस्सा है. दरअसल, ईडी ने अपना शिकंजा कस दिया है. सीएम के नाम सातवां समन जारी कर ईडी ने स्पष्ट कर दिया था कि आप खुद ही दो दिन के भीतर बताएं कि लैंड स्कैम मामले में आपका बयान कहां दर्ज किया जाए. स्थान और समय तक तय करने का अधिकार सीएम को दिया गया था. वह डेडलाइन 31 दिसंबर को ही समाप्त हो गया है. ईडी ने अपने समन में स्पष्ट कर दिया था कि पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत आपको बयान दर्ज कराने का अंतिम मौका दिया जा रहा है. अगर आप इसको नहीं मानते हैं तो यह समझा जाएगा कि आप जानबूझकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं.

  • झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया,इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ । हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे,झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी । नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक @itssuniltiwari pic.twitter.com/jl06AtXurh

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जानकारों का कहना है कि सीम हेमंत सोरेन अपने प्लान बी पर काम कर रहे हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने भी एक्स हैंडल से ट्वीट किया है और बताया है कि सीएम हेमंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन होंगी.

  • राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…

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गांडेय में मुस्लिम,आदिवासी वोट होता है निर्णायकः गांडेय सीट कई मायनों में झामुमो के लिए सबसे मुफीद सीट है. यहां जीत और हार तय करना आदिवासी और मुस्लिम वर्ग के हाथ में होता है. सरफराज अहमद 2005 में राजद से इस सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन झामुमो के सालखन सोरेन ने उन्हें हरा दिया था. 2009 में सरफराज अहमद कांग्रेस से ही चुनाव लड़े और उन्होंने 2005 की हार का बदला सालखन सोरेन से ले लिया था. 2014 में फिर सरफराज अहमद कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे थे लेकिन मोदी लहर में भाजपा के जेपी वर्मा ने बाजी मार ली थी. इस चुनाव में सरफराज अहमद तीसरे स्थान पर थे. लेकिन 2019 के चुनाव में यह सीट गठबंधन के तहत झामुमो के खाते में चली गई तो सरफराज अहमद कांग्रेस छोड़कर झामुमो में आ गये और जीत दर्ज की.

इससे साफ है कि पूरी प्लानिंग तय हो चुकी है. झारखंड में झामुमो, राजद और कांग्रेस का गठबंधन है. साथ ही लेफ्ट का सहयोग भी है. इसलिए यह तय माना जा रहा है कि सीएम हेमंत सोरेन कभी भी त्यागपत्र दे सकते हैं. उनकी जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ले सकती हैं. चुकि एक बार मुख्यमंत्री रहते शिबू सोरेन जैसे नेता तमाड़ सीट से चुनाव हार गये थे, लिहाजा, उन तमाम समीकरणों को देखते हुए गांडेय सीट को जीत के लिए सबसे मुफीद माना जा रहा है. जाहिर है कि साल 2024 में झारखंड की राजनीति 360 डिग्री पर घूमने वाली है.

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Last Updated : Jan 2, 2024, 12:09 PM IST
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