रांचीः मकर संक्रांति पर्व को पतंग महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग समूह में पतंग उड़ाते हैं. पतंगबाजी प्रतियोगिता में हिस्सा भी लेते हैं. प्रत्येक वर्ष राजधानी रांची में भी मकर संक्रांति के मौके पर जबरदस्त तरीके से पतंगबाजी को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लोग अपने परिवार और सगे संबंधियों के साथ भी अपने-अपने छतों पर पतंग जरूर उड़ाते हैं. इस वर्ष भी राजधानी रांची में पतंगबाजी को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं.
बाजार में रंग-बिरंगे पतंग
बाजार में रंग-बिरंगे पतंगों के अलावा इस वर्ष कोरोना के मद्देनजर इस महामारी को लेकर जागरूकता भरा संदेश दो गज दूरी मास्क है जरूरी लिखा पतंग भी बाजार में उपलब्ध है. राजधानी के बाजार और छोटे दुकानदारों के अलावा यहां के वीवीआईपी, विधायक, सांसद, आम से लेकर खास यहां तक कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को पतंग मुहैया कौन कराता है, क्या आप उन्हें जानते हैं. अगर नहीं जानते हैं तो हम आपको इनसे मिलवाते हैं.
5 दशक से बेच रहे पतंग
ये हैं मोहम्मद तालिब जो कि 55 वर्षों से इस काम में लगे हुए हैं. राजधानी के कर्बला चौक के सामने इनकी पतंग की दुकान है. मोहम्मद तालिब पूरे साल मकर संक्रांति का इंतजार करते हैं. क्योंकि उनकी ये छोटी दुकान एक महीने में ही पूरे वर्ष की कमाई दे जाती है. इनकी दुकान में हर वैराइटी, हर साइज और हर वर्ग के लोगों के लिए पतंग उपलब्ध होता है. सबसे खास बात यह है कि इनके दुकान से ही रांची के तमाम छोटे दुकानों में और फुटपाथ पर बिकने वाले पतंग भी भेजी जाती है. कोलकाता में इनका सारा कामकाज होता है, वहीं से पतंग बनवाकर रांची तक लाते हैं.
संजय सेठ मंगवाते हैं नमो पतंग
इनकी पतंग की डिमांड इतनी है कि सांसद संजय सेठ प्रत्येक वर्ष हजारों नमो पतंग का ऑर्डर देते हैं. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो रहता है और इसकी डिमांड भी आम लोग भी करते हैं. जिस वजह से प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री के फोटो वाला पतंग इनके दुकान में मौजूद जरूर रहता है. रांची के कई विधायक, कई क्लब और विभिन्न संस्थानों से जुड़े लोग भी मकर संक्रांति के मौके पर मोहम्मद तालिब को ही पतंग बनाने का आर्डर देते हैं.
माही हैं पतंगबाजी के शौकीन
सबसे बड़ी बात की प्रत्येक वर्ष महेंद्र सिंह धौनी के यहां से भी मोहम्मद तालिब को पतंग का ऑर्डर मिलता है. इनकी मानें तो महेंद्र सिंह धौनी पतंगबाजी के काफी शौकीन हैं. उनके फार्म हाउस से प्रत्येक वर्ष लोग मकर संक्रांति के मौके पर इनके दुकान पहुंचते हैं और कई वैरायटी के पतंग यहां से लेकर जाते हैं. महेंद्र सिंह धौनी इन्हीं की दुकान से पतंग मंगवाते हैं और अपने परिवार के साथ पतंगबाजी का लुफ्त उठाते हैं.
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स्कूलों से नहीं मिला ऑर्डर
कोरोना की वजह से इस बार स्कूल बंद होने से स्कूलों का आर्डर इनके पास नहीं आया है. इसके बावजूद पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष का बाजार इनके अनुसार बेहतर है. कोरोना के कारण लोग और स्कूल के विद्यार्थी घर पर रहकर पतंगबाजी का आनंद उठा रहे हैं. इसे देखते हुए डिमांड भी ज्यादा है. कोरोना को लेकर कई पतंगों में इस बार जागरूकता भरा संदेश भी लिखा गया है. दो गज की दूरी मास्क है जरूरी संदेश लिखा पतंगों का डिमांड भी बाजार में काफी है. वहीं इनके दुकान के पतंग पर्यावरण के लिए भी बेहतर है. उन्होंने खासकर कागज और पर्यावरण को हानि ना पहुंचाने वाले प्लास्टिक का यूज कर पतंग का निर्माण करते हैं.
पतंग उड़ाने का सारा सामान मौजूद
पतंग उड़ाने का सामान इनकी दुकान पर ही मौजूद रहता है. 2 रुपये से लेकर 20 रुपये तक का पतंग इनके पास उपलब्ध है. वहीं 20 से 500 रुपये तक का धागा, 5 रुपये से 1500 रुपए तक का मांझा धागा भी इनकी दुकान में मिल जाएगा. लटाई के साथ मांजा धागा की कीमत 300 से 2000 रुपये तक बिक रहे हैं. पिछले कई वर्षों से यहां पतंग खरीदने आने वाले लोग भी इनकी दुकान की पतंगों का तारीफ करते नहीं थकते हैं. खासकर यहां के स्थानीय लोग और बच्चों का जमावड़ा सामान्य दिनों में भी इनके दुकान के पास आपको देखने को मिल जाएंगे. इनका पतंग का डिमांड छत्तीसगढ़, ओड़िशा, बिहार समेत झारखंड के हर जिलों में है.