ETV Bharat / state

रांचीः डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसान मेले का आयोजन, 400 से अधिक किसान हुए शामिल

author img

By

Published : Dec 17, 2020, 7:43 AM IST

गढ़कटंगा का आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी (आईसीएआर-आईआईएबी) और रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार डिजिटल मंच पर 'पशुपालन में उद्यमिता विकास' विषय पर किसान मेला का आयोजन किया. इस दौरान झारखंड में छोटे पशुधन और कुक्कुटों के योगदान पर प्रकाश डाला गया.

kisan mela organized on digital platform in ranchi
किसान मेले का आयोजन

रांचीः गढ़कटंगा का आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी (आईसीएआर-आईआईएबी) और रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार डिजिटल मंच पर 'पशुपालन में उद्यमिता विकास' विषय पर संयुक्त रूप से बुधवार को किसान मेला का आयोजन किया. कोविड -19 महामारी को देखते हुए वर्चुअल माध्यम से मेले के आयोजन की आवश्यकता महसूस की गई. मेला में 400 से अधिक किसानों और उद्यमियों ने वर्चुअल माध्यम से उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया.

किसानों की आजीविका की सुरक्षा
मौके पर मुख्य अतिथि बीएयू कुलपति डॉ ओएन सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में राज्य में पशुधन क्षेत्र की अपार संभावना को इंगित किया. उन्होंने कहा कि विषम जलवायु और वैश्विक तापक्रम की वजह से प्रदेश के किसानों की आजीविका की सुरक्षा और आय में बढ़ोतरी महत्वपूर्ण हो गई है. इसके समाधान के लिए सब्जी फसलों की खेती के साथ पशु और कुक्कुट पालन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है. प्रदेश के 80 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत जोतदार है. इनकी आजीविका और पोषण सुरक्षा और आय में बढ़ोतरी का पशु और कुक्कुट पालन सर्वाधिक महत्वपूर्ण विकल्प साबित होगा.

पशु और कुक्कुट पालन को बढ़ावा
कुलपति ने कहा कि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के विशेष निर्देश पर प्रदेश में पशु और कुक्कुट पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार की ओर से इस क्षेत्र में अनेकों नए प्रयास किए जा रहे हैं. इससे राज्य में पशु और कुक्कुट पालन को सही दिशा और गति देने को बल मिलेगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक, आईआईएबी डॉ. ए पटनायक ने झारखंड में छोटे पशुधन और कुक्कुटों के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम के मेले में किसानों की उत्साही भागीदारी की घटना मेले की सफलता का संकेत है. इस मेले में झारखंड के किसानों ने आधुनिक संचार तकनीक को व्यापक रूप से अपनाया है. आने वाले समय में आईसीएआर और बीएयू की ओर से उन्नत कृषि-प्रौद्योगिकियों के प्रसार के साथ बढ़ाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- 18 दिसंबर को झारखंड आएंगे बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव दिलीप सैकिया, कई बैठकों में होंगे शामिल

गृह राज्य में प्रवासी श्रम की वापसी
मौके पर आईआईएबी संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ तिलक राज शर्मा ने बाजार लिंकेज के साथ पशुधन के लिए चारा और चारे की खाई को दूर करने के लिए तत्काल आवश्यकता पर ध्यान दिलाया. अपने व्याख्यान में डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने सरकार की ओर से पशुपालन की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया. कोरोना प्रकोप के बाद गृह राज्य में प्रवासी श्रम की वापसी के मद्देनजर रोजगार सृजन और आजीविका सुरक्षा के मुद्दों को संबोधित करते हुए पशुपालन को झारखंड राज्य के लिए प्रासंगिक बताया.

पशुपालन में उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता
इस अवसर पर वेटनरी वैज्ञानिक डॉ रवींद्र कुमार ने पशुपालन में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय योजनाओं पर चर्चा की. उन्होंने झारखंड के छोटे जोत धारक किसानों के लिए पशुपालन में उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया. पशुपालन की उपयोगी राज्य और केंद्रीय योजनाओं की जानकारी दी. मौके पर किसान-उद्यमी-वैज्ञानिक इंटरफेस के लिए किसानगोष्ठी का संचालन आईआईएबी वरीय वैज्ञानिक डॉ सौमेन नस्कर ने किया, जिसमें प्रतिभागियों की बहुत उत्साहजनक भागीदारी देखी गई.

रांचीः गढ़कटंगा का आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी (आईसीएआर-आईआईएबी) और रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार डिजिटल मंच पर 'पशुपालन में उद्यमिता विकास' विषय पर संयुक्त रूप से बुधवार को किसान मेला का आयोजन किया. कोविड -19 महामारी को देखते हुए वर्चुअल माध्यम से मेले के आयोजन की आवश्यकता महसूस की गई. मेला में 400 से अधिक किसानों और उद्यमियों ने वर्चुअल माध्यम से उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया.

किसानों की आजीविका की सुरक्षा
मौके पर मुख्य अतिथि बीएयू कुलपति डॉ ओएन सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में राज्य में पशुधन क्षेत्र की अपार संभावना को इंगित किया. उन्होंने कहा कि विषम जलवायु और वैश्विक तापक्रम की वजह से प्रदेश के किसानों की आजीविका की सुरक्षा और आय में बढ़ोतरी महत्वपूर्ण हो गई है. इसके समाधान के लिए सब्जी फसलों की खेती के साथ पशु और कुक्कुट पालन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है. प्रदेश के 80 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत जोतदार है. इनकी आजीविका और पोषण सुरक्षा और आय में बढ़ोतरी का पशु और कुक्कुट पालन सर्वाधिक महत्वपूर्ण विकल्प साबित होगा.

पशु और कुक्कुट पालन को बढ़ावा
कुलपति ने कहा कि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के विशेष निर्देश पर प्रदेश में पशु और कुक्कुट पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार की ओर से इस क्षेत्र में अनेकों नए प्रयास किए जा रहे हैं. इससे राज्य में पशु और कुक्कुट पालन को सही दिशा और गति देने को बल मिलेगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक, आईआईएबी डॉ. ए पटनायक ने झारखंड में छोटे पशुधन और कुक्कुटों के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम के मेले में किसानों की उत्साही भागीदारी की घटना मेले की सफलता का संकेत है. इस मेले में झारखंड के किसानों ने आधुनिक संचार तकनीक को व्यापक रूप से अपनाया है. आने वाले समय में आईसीएआर और बीएयू की ओर से उन्नत कृषि-प्रौद्योगिकियों के प्रसार के साथ बढ़ाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- 18 दिसंबर को झारखंड आएंगे बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव दिलीप सैकिया, कई बैठकों में होंगे शामिल

गृह राज्य में प्रवासी श्रम की वापसी
मौके पर आईआईएबी संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ तिलक राज शर्मा ने बाजार लिंकेज के साथ पशुधन के लिए चारा और चारे की खाई को दूर करने के लिए तत्काल आवश्यकता पर ध्यान दिलाया. अपने व्याख्यान में डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने सरकार की ओर से पशुपालन की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया. कोरोना प्रकोप के बाद गृह राज्य में प्रवासी श्रम की वापसी के मद्देनजर रोजगार सृजन और आजीविका सुरक्षा के मुद्दों को संबोधित करते हुए पशुपालन को झारखंड राज्य के लिए प्रासंगिक बताया.

पशुपालन में उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता
इस अवसर पर वेटनरी वैज्ञानिक डॉ रवींद्र कुमार ने पशुपालन में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय योजनाओं पर चर्चा की. उन्होंने झारखंड के छोटे जोत धारक किसानों के लिए पशुपालन में उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया. पशुपालन की उपयोगी राज्य और केंद्रीय योजनाओं की जानकारी दी. मौके पर किसान-उद्यमी-वैज्ञानिक इंटरफेस के लिए किसानगोष्ठी का संचालन आईआईएबी वरीय वैज्ञानिक डॉ सौमेन नस्कर ने किया, जिसमें प्रतिभागियों की बहुत उत्साहजनक भागीदारी देखी गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.