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युवाओं में बढ़ा कृषि का क्रेज उन्नत तकनीक के माध्यम से तलाश रहे है रोजगार - झारखंड न्यूज

राजधानी के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया है. इसमें राज्य भर के युवा किसान हिस्सा ले रहे हैं. मेले का उद्देश्य है कि उन्नत तकनीक देखकर किसान अपनी खेती की तकनीक को सुधार सकें.

किसान मेला
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Published : Feb 2, 2019, 1:53 PM IST

रांचीः राजधानी के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया है. इसमें राज्य भर के युवा किसान हिस्सा ले रहे हैं. मेले का उद्देश्य है कि उन्नत तकनीक देखकर किसान अपनी खेती की तकनीक को सुधार सकें.
युवा किसानों में कई तो पढ़ाई के साथ-साथ वैज्ञानिक तकनीक से खेती भी कर रहे हैं और दूसरे किसानों को वैज्ञानिक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. मेले में पहुंचे युवा किसानों ने बताया कि खेती में भी बेहतर करियर की संभावनाएं हैं. केवल डॉक्टर और इंजीनियर बनकर ही नहीं बल्कि उन्नत किसान बनकर भी तरक्की हासिल की जा सकती है.

किसान मेला
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दौर के साथ बदलने की जरूरत

वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने वाले उन्नत किसान मधु साहू कहते हैं कि अब समय बदल गया है लिहाजा खेती की तकनीक को भी बदलना होगा. अब 12 महीना एक ही तरह की सब्जी आप अपने खेतों में उगा सकते हैं, इसके लिए वैज्ञानिक तकनीक के सहारे खेती करने की जरूरत होगी.

ये भी पढ़ें- कहीं नहीं देखा होगा ऐसा स्कूल, यहां 'ट्रेन' के अंदर चलती है क्लास

अब मिलेगी युवाओं को नौकरी

युवा किसानों के अनुसार युवाओं में खेती-बाड़ी को लेकर रुझान बढ़ रहा है. आने वाले समय में युवाओं को रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. अपने शहर छोड़कर रोजगार के तलाश में पलायन नहीं करना पड़ेगा जबकि युवा दूसरों को भी नौकरी दे सकते हैं.

रांचीः राजधानी के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया है. इसमें राज्य भर के युवा किसान हिस्सा ले रहे हैं. मेले का उद्देश्य है कि उन्नत तकनीक देखकर किसान अपनी खेती की तकनीक को सुधार सकें.
युवा किसानों में कई तो पढ़ाई के साथ-साथ वैज्ञानिक तकनीक से खेती भी कर रहे हैं और दूसरे किसानों को वैज्ञानिक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. मेले में पहुंचे युवा किसानों ने बताया कि खेती में भी बेहतर करियर की संभावनाएं हैं. केवल डॉक्टर और इंजीनियर बनकर ही नहीं बल्कि उन्नत किसान बनकर भी तरक्की हासिल की जा सकती है.

किसान मेला
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दौर के साथ बदलने की जरूरत

वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने वाले उन्नत किसान मधु साहू कहते हैं कि अब समय बदल गया है लिहाजा खेती की तकनीक को भी बदलना होगा. अब 12 महीना एक ही तरह की सब्जी आप अपने खेतों में उगा सकते हैं, इसके लिए वैज्ञानिक तकनीक के सहारे खेती करने की जरूरत होगी.

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अब मिलेगी युवाओं को नौकरी

युवा किसानों के अनुसार युवाओं में खेती-बाड़ी को लेकर रुझान बढ़ रहा है. आने वाले समय में युवाओं को रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. अपने शहर छोड़कर रोजगार के तलाश में पलायन नहीं करना पड़ेगा जबकि युवा दूसरों को भी नौकरी दे सकते हैं.

Intro:एक ऐसा वक्त था जब युवा डॉक्टर- इंजीनियर बनना पसंद करते थे ,लेकिन अब दौर बदल रहा है ,एमबीए करने के बाद भी युवा अपने गांव पहुंच रहे हैं और कृषि को अपना रोजगार बना रहे हैं. खेती-बाड़ी कर अपना जीवन सुधार रहे हैं. और अपने साथ कईयों को रोजगार भी दे रहे हैं ऐसे ही कई उन्नत किसान से हमारी टीम की मुलाकात हुई बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित एग्रोटेक और किसान मेला में.


Body:राजधानी रांची के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में राज्य स्तरीय किसान मेला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इस प्रदर्शनी में राज्य भर के किसान पहुंचे हैं, इनमें कई उन्नत किसान भी शामिल है .वहीं कई युवा किसान भी इस मेला में पहुंचे हैं. मेला का उद्देश्य यह है कि उन्नत किसानों की तकनीक देखकर सामान्य तरीके से खेती करने वाले किसान सीखे और अपनी खेती की तकनीकी को सुधार कर खेती-बाड़ी करे .इस मेले में पहुंचे युवा किसानों से हमारी टीम ने बात करते हुए कहा कि अब कृषि में संभावनाएं असीम है , इन युवस किसानों में कई तो पढ़ाई के साथ-साथ वैज्ञानिक पद्धति से खेती भी कर रहे हैं. और लोगों को वैज्ञानिक खेती से संबंधित जानकारी भी दे रहे हैं. उनकी मानें तो अब जमाना बदल गया है जब लोग डॉक्टर और इंजीनियर बनना ही सिर्फ पसंद नही करते हैं जबकि उन्नत किसान बनकर घर परिवार को तो खुशहाल कर ही सकते हैं देश का भी कुछ काम आ सकते है एग्रीकल्चर के क्षेत्र में देश को और आगे बढ़ा सकते हैं.

बाइट-सोम्या, छात्रा।
बाइट-श्रेया


वहीं वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने वाले उन्नत किसान मधु साहू भी कहते हैं कि अब समय बदल गया है दौर भी बदल गया है इसलिए कृषि की पद्धति को भी बदलना होगा अब 12 महीना एक ही तरह की सब्जी आप अपने खेतों में उगा सकते हैं ,बशर्ते आपको वैज्ञानिक पद्धति के तहत खेती करने की जरूरत होगी. खेती-बाड़ी में भी रोजगार की असीम संभावनाएं हैं.

बाइट-मधु साहू,उन्नत किशान


Conclusion:जिस तरह युवाओं में खेती-बाड़ी को लेकर रुझान देखा गया और अट्रैक्शन देखा जा रहा है .जाहिर सी बात है आने वाले समय में युवा रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटकेंगे नहीं ,अपने शहर छोड़कर पलायन नहीं करेंगे बल्कि लोगों को रोजगार भी मुहैया कराएंगे .
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