रांची: जिले के पिस्का नगड़ी प्रखंड के चेटे गांव में ऐतिहासिक 22 पड़हा शक्ति खूंटा संगा पड़हा जतरा महोत्सव-2023 का आयोजन किया गया. मौके पर 50 मौजा से सैकड़ों खोड़हा अपने आदिवासी पोशाक और रीति-रिवाज के साथ समारोह स्थल पर पहुंचे. सभी आदिवासी लोगों ने इस मौके पर विधि-विधान से शक्ति खूंटा की पूजा-अर्चना की.
संस्कृति की पहचान जतरा: महोत्सव सह समिति के मुख्य संरक्षक और आदिवासी सेना के केंद्रीय अध्यक्ष अजय कच्छप के नेतृत्व में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर जतरा का उद्घाटन किया. महोत्सव सह जतरा स्थल पर उपस्थित सैकड़ों ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुख्य संरक्षक सह आदिवासी सेना के केंद्रीय अध्यक्ष अजय कच्छप ने कहा कि जतरा हमारी संस्कृति की पहचान है. हम युवाओं को अपने सांस्कृतिक जीवन को बचाना है और आदिवासी समाज को शिक्षा के माध्यम से विकास के पथ पर ले जाना है.
समूहों को किया गया सम्मानित: मौके पर महोत्सव में झारखंडी आधुनिक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के लोकप्रिय आधुनिक गायकों ने कई लोक गीत गाए. गीत सुन महोत्सव में मौजूद हजारों दर्शक नाचने लगे. पूर्वा जतरा स्थल पर पहुंचे सभी खोड़हा समूहों को कला-सांस्कृतिक, नृत्य-गीत, गीत गोविंद और पारंपरिक प्रस्तुति में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खोड़हा समूहों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
ये रहे शामिल: इस आयोजन में झारखंड आंदोलनकारी अशोक लोहरा और बिरसा लोहरा, केंद्रीय सरना समिति के उपाध्यक्ष मनु तिग्गा, पूर्व अध्यक्ष विजय कच्छप, उपाध्यक्ष रवींद्र तिर्की, महासचिव सुमन लोहरा, सचिव गणेश मिर्धा, सुखदास मुंडा, चमन तिर्की, मंगल मुंडा, सुनील मुंडा, महादेव उरांव, संजय लोहरा, मदन लोहरा (पूर्व सैनिक), रवि लोहरा, विजय लिंडा और अन्य शामिल हुए.
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