रांची: पशुपालन विभाग ने खूंटी के जिला के अवर प्रमंडल पशुपालन अधिकारी को भ्र्ष्टाचार मामले में निलंबित कर दिया है. विभाग ने ये फैसला भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता और अन्य आरोपों में पशुपालन अधिकारी को दोषी पाए जाने के बाद लिया है.
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झारखंड के पशुपालन निदेशक चंदन कुमार ने खूंटी जिला के अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार सिंह को वित्तीय शक्ति के दुरुपयोग भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर आरोपों के सही पाए जाने के बाद निलंबन की अनुशंसा की थी. निलंबन के दौरान डॉ जितेंद्र कुमार सिंह का मुख्यालय जिला पशुपालन कार्यालय दुमका निर्धारित किया गया है. निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते के अलावा कोई और भत्ता तथा वेतन नहीं दिया जाएगा. निलंबन की जारी अधिसूचना के अनुसार, डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्णय अलग से लिया जाएगा. सरकार के अवर सचिव राजकुमार श्रीवास्तव के हस्ताक्षर से यह अधिसूचना जारी हुई है.
निलंबन की जारी अधिसूचना में लिखा है कि झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2016 की कंडिका 9.1 के आलोक में डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह, अवर प्रमंडल पशुपालन अधिकारी, खूंटी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.
कर्मियों ने की थी शिकायत: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरे खूंटी जिले के पशुपालन विभाग के वर्ग 3 और वर्ग 4 के कर्मियों की शिकायत थी कि निलंबित अवर प्रमंडल पशुपालन अधिकारी द्वारा हर महीने पैसे की मांग की जाती थी. वहीं उन्होंने तीन डॉक्टरों का वेतन चार महीने से बेवजह रोक रखा था, जिसपर डॉक्टरों ने सामूहिक EL पर जाने की बात कही थी. इसके बाद कृषि और पशुपालन सचिव अबु बकर सिद्दिकी तथा पशुपालन सचिव चंदन कुमार ने आरोपों की जांच की. आरोप सही पाए जाने के बाद डॉ जितेंद्र कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया.
झारखंड पशु चिकित्सक सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ सैमसन संजय टोपनो ने कहा कि जिस तरह के आरोप खूंटी के अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी पर लगे हैं, उसे हतोत्साहित किये जाने की जरूरत है. यह ठीक है कि निलंबित अधिकारी उनके संघ का सदस्य है, लेकिन जिन तीन डॉक्टरों को 04 माह से वेतन नहीं मिला था, वह भी संघ के ही साथी हैं. ऐसे में जो एक्शन विभागीय सचिव और निदेशक ने लिया है, संघ उनके साथ है.