रांचीः राज्यपाल रमेश बैस ने खेलो इंडिया के माध्यम से देश के पारंपरिक और विलुप्त हो रहे खेलों को मिल रहे बढ़ावा की सराहना की है. उन्होंने कहा कि इस प्रयास से एसियाड में कबड्डी को शामिल किया गया. खो-खो भी भारत की मिट्टी का खेल है, यह खेल गांव-गांव, शहर-शहर और अमीर-गरीब सभी के बीच लोकप्रिय है. इस खेल में गांव की सोंधी महक शामिल है और कोई खर्च भी नहीं है. राज्यपाल रमेश बैस ये बातें अल्बर्ट एक्का खो-खो स्टेडियम, होटवार, रांची में झारखंड राज्य खो-खो संघ द्वारा आयोजित खेलो इंडिया महिला लीग राष्ट्रीय जूनियर और सब जूनियर खो-खो प्रतियोगिता 2022-2023 के समापन समरोह को संबोधित करते हुए कही.
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खेल में कोई छोटा बड़ा नहींः राज्यपाल रमेश बैस ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि खेल में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है. सभी खिलाड़ी एक समान होते हैं, उनमें जय-पराजय में समभाव रहता है. पहले विद्यालयों में एक पीरियड खेल का हुआ करता था, जिसमें विद्यार्थियों का भाग लेना अनिवार्य होता था. इससे उनमें खेल के प्रति आकर्षण बढ़ता था, इस क्रम में उनका शारीरिक श्रम हो जाया करता था. शारीरिक श्रम करने से बच्चे मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं और हड्डियां मजबूत होती है.
हार से डरना नहीं, कोशिश करते रहना चाहिएः उन्होंने कहा कि सरकार से मदद नहीं मिलने के कारण कई प्रतिभावान बच्चे आगे नहीं बढ़ पाते हैं. यदि उन्हें सही प्रशिक्षण और मार्गदर्शन मिले तो वे हमारे देश का नाम रौशन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज लोगों की जीवनशैली व खानपान बदल रहा है, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि टूर्नामेंट में खेलने का अवसर प्राप्त होना भी एक उपलब्धि है. पराजय से निराश न होकर आत्मचिंतन करते हुए कमी को दूर करना चाहिए और अगली प्रतियोगिता में जीत के लिए हौसला रखना चाहिए.
राज्यपाल से छत्तीसगढ़ की टीम ने की मुलाकातः वहीं गुरुवार को झारखंड राज्य खो-खो संघ द्वारा आयोजित 'खेलो इंडिया महिला लीग राष्ट्रीय जूनियर व सब जूनियर खो-खो प्रतियोगिता 2022-23' में शामिल छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से भेंट की. इस अवसर पर राज्यपाल ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.