रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को इन दिनों आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं. झारखंड सरकार की पहल पर राज्य के गवर्नमेंट स्कूलों के छात्राओं को कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे वह खुद अपनी रक्षा कर सकें. छात्राओं में भी कराटे सीखने का जोश दिखाई दे रहा है.
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झारखंड के सरकारी स्कूलों की बच्चियों के इस ललक को देखकर ऐसा लगता है आज देश की बेटियां कमजोर नहीं रहना चाहती हैं. ना तो वह सामाजिक प्रताड़ना बर्दाश्त कर सकती हैं और ना ही गलत चीजों को देखकर मुंह फेरना चाहती हैं. आज लड़कियां लड़कों के कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं. अगर कोई उन्हें छेड़ने की भी कोशिश करें तो वह उसे उसके ही भाषा में जवाब दे सकती है. आज की लड़कियां सशक्त है, बलवान है और ताकतवर भी है. वह अपनी ताकत को कैसे इस्तेमाल करें. बस इसे सीखने की जरूरत है और इसी के तहत छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के उद्देश्य से शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से यह पहल की जा रही है. प्रथम चरण में लड़कियों को ट्रेंड प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
पूरे झारखंड में 20 सरकारी गर्ल्स स्कूल का चयन किया गया है. इसमें राजधानी रांची के 4 गर्ल्स स्कूल भी शामिल है. रांची के शिवनारायण कन्या पाठशाला, गवर्नमेंट स्कूल बरियातू, गर्ल्स स्कूल डोरंडा और केवी गर्ल्स स्कूल में बच्चियों को आत्मरक्षा और कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. फिलहाल एक चरण में ट्रेनिंग शुरू किया गया है. प्रतिभागियों को रूचि देखते हुए आने वाले समय में सर्टिफिकेट कोर्स के तौर पर भी इसे शामिल किया जाएगा. इसके पीछे का उद्देश्य है कि बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ाना और विपरीत समय में अपनी सुरक्षा वह कैसे करे, यह सिखाना.
देखने लायक मनोबल: इन बच्चियों से हमारी टीम ने विशेष बातचीत की है. इस दौरान उनका मनोबल देखने लायक था. छात्राओं ने कहा है कि हर लड़की के लिए कराटे सीखना जरूरी है. आज लड़कियों के साथ कई घटनाएं हो रही हैं और उन घटनाओं पर अगर पूरी तरह विराम लगाना है तो उसके लिए खुद लड़कियों को तैयार रहना होगा. किसी की हिम्मत ना हो कि कोई आंख उठा कर देख सके, ऐसा जज्बा अपने अंदर लाना होगा.
बढ़ रही है छात्राओं की भागीदारी: छात्राओं की भागीदारी दिन-ब-दिन बढ़ रही है. स्कूल परिसर में ही क्लास शुरू होने से पहले डेढ़ घंटे की ट्रेनिंग इन बच्चियों को हर दिन दी जा रही है. बढ़-चढ़कर स्कूल की छात्राएं इसमें हिस्सा भी ले रही है.
'हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है.' इसी हौसले के साथ आज झारखंड के सरकारी स्कूलों की बच्चियां आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं. यह पहल वाकई अच्छी है. इसे निरंतर और सुचारू रूप से संचालित करने की जरूरत है. ताकि आर्थिक रूप से कमजोर यह बच्चियां भी हर विपरीत परिस्थिति से लड़ सकें.