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झारखंडः कोरोना के चलते न्याय प्रक्रिया पर लगा ब्रेक, 50 हजार मुकदमे लंबित

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Published : Aug 29, 2020, 1:36 AM IST

झारखंड में कोरोना के चलते चलते न्याय पर काफी असर पड़ा है. सिविल कोर्ट रांची में लंबित मुकदमों की संख्या 50 हजार से अधिक हो चुकी है. कई महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है.

हाई कोर्ट
हाई कोर्ट

रांची: कोरोना महामारी के चलते सभी प्रकार की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं, सबसे अधिक असर मुकदमों की सुनवाई पर पड़ रहा है. लॉकडाउन में सभी 36 अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है.

जिसके कारण सिविल कोर्ट रांची में लंबित मुकदमों की संख्या 50 हजार से अधिक हो चुकी है. इसमें आपराधिक के 36,887 मामले शामिल हैं.

2011 में 36,445 और 2015 में 40,213 मुकदमें लंबित थे. लॉकडाउन में जमानत, अग्रिम जमानत, क्रिमिनल अपील जैसे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो पा रही है, जबकि सेशन एवं जीआर से जुड़े मामले तारीखों में सिमट कर रह गया है.

यह भी पढ़ेंः रांचीः खेल दिवस पर पूर्व ओलंपियन और कोच का सत्कार

हत्या जैसे गंभीर मामले से लेकर मारपीट जैसे छोटे मामले में गवाही पूरी तरह से बंद है. वहीं भ्रष्टाचार, मनी लाउंड्रिंग, एनआईए समेत अन्य कई महत्वपूर्ण मामले में भी गवाही नहीं हो पा रही है.

उधर लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के मामले भी पांच महीने से लंबित चल रहा है. मामले में लालू प्रसाद के अपने बचाव में गवाहों को प्रस्तुत करना है.

लंबित मामलों पर एक नजर (सिविल व क्रिमिनल)

साक्ष्य, बहस व जजमेंट - 19697

आरोप गठन व अन्य पर - 3437

अपील - 844

उपस्थिति व सेवा संबंधित - 19491

आवेदन - 3593

एग्जीक्यूशन - 1779

सिविल कोर्ट में हत्या जैसे गंभीर आरोप से जुड़े 595, जानलेवा हमले के 1439, आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़े 62, आर्म्स एक्ट के 50 से अधिक मामले लंबित हैं. वहीं पिछले महीने दोनों तरह के 2,355 मामले दायर किये गये. इसमें से 1559 मामले का निष्पादन किया गया.

36 कोर्ट में हो रही सुनवाई

लॉकडाउन में सभी 36 अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है. पिछले चार महीने में दुष्कर्म के चार मामले एवं भ्रष्टाचार के दो मामले को छोड़कर अन्य किसी महत्वपूर्ण मामले में फैसला नहीं आया है.

लॉकडाउन में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सांसद निशिकान्त दुबे पर मानहानि का मुकदमा किया है. वहीं योग शिक्षिका रफिया नाज ने विधायक इरफान अंसारी पर मानहानि का मुकदमा किया है.

रांची: कोरोना महामारी के चलते सभी प्रकार की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं, सबसे अधिक असर मुकदमों की सुनवाई पर पड़ रहा है. लॉकडाउन में सभी 36 अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है.

जिसके कारण सिविल कोर्ट रांची में लंबित मुकदमों की संख्या 50 हजार से अधिक हो चुकी है. इसमें आपराधिक के 36,887 मामले शामिल हैं.

2011 में 36,445 और 2015 में 40,213 मुकदमें लंबित थे. लॉकडाउन में जमानत, अग्रिम जमानत, क्रिमिनल अपील जैसे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो पा रही है, जबकि सेशन एवं जीआर से जुड़े मामले तारीखों में सिमट कर रह गया है.

यह भी पढ़ेंः रांचीः खेल दिवस पर पूर्व ओलंपियन और कोच का सत्कार

हत्या जैसे गंभीर मामले से लेकर मारपीट जैसे छोटे मामले में गवाही पूरी तरह से बंद है. वहीं भ्रष्टाचार, मनी लाउंड्रिंग, एनआईए समेत अन्य कई महत्वपूर्ण मामले में भी गवाही नहीं हो पा रही है.

उधर लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के मामले भी पांच महीने से लंबित चल रहा है. मामले में लालू प्रसाद के अपने बचाव में गवाहों को प्रस्तुत करना है.

लंबित मामलों पर एक नजर (सिविल व क्रिमिनल)

साक्ष्य, बहस व जजमेंट - 19697

आरोप गठन व अन्य पर - 3437

अपील - 844

उपस्थिति व सेवा संबंधित - 19491

आवेदन - 3593

एग्जीक्यूशन - 1779

सिविल कोर्ट में हत्या जैसे गंभीर आरोप से जुड़े 595, जानलेवा हमले के 1439, आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़े 62, आर्म्स एक्ट के 50 से अधिक मामले लंबित हैं. वहीं पिछले महीने दोनों तरह के 2,355 मामले दायर किये गये. इसमें से 1559 मामले का निष्पादन किया गया.

36 कोर्ट में हो रही सुनवाई

लॉकडाउन में सभी 36 अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है. पिछले चार महीने में दुष्कर्म के चार मामले एवं भ्रष्टाचार के दो मामले को छोड़कर अन्य किसी महत्वपूर्ण मामले में फैसला नहीं आया है.

लॉकडाउन में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सांसद निशिकान्त दुबे पर मानहानि का मुकदमा किया है. वहीं योग शिक्षिका रफिया नाज ने विधायक इरफान अंसारी पर मानहानि का मुकदमा किया है.

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