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रांचीः शिक्षक नियुक्ति में बहाली की मांग को लेकर JTET सफल अभ्यर्थी आंदोलनरत, 12,978 पद रिक्त

राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति की पिछली नियमावली 2012 में बनाई गई थी. जिसमें 2015 में संशोधन किया गया था. इसके बाद नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. जो पिछले 3 वर्षों से चली आ रही है और इस कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है और अब नियुक्ति की मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में सफल अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं.

jtet candidates protest
सफल अभ्यर्थी आंदोलनरत
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Published : Oct 18, 2020, 1:55 PM IST

रांचीः राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 में बनाई गई थी. जिसमें वर्ष 2015 में संशोधन किया गया था. इस नियमावली के आधार पर 2015 में लगभग 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई. इसके बाद नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. जो पिछले 3 वर्ष से चल रही है और इस वजह से अब तक शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों को भरा नहीं जा सका है. इधर अहर्ता रखने वाले राज्य के युवा आंदोलन करने को विवश हैं.

देखें पूरी खबर
मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 12,978 पद रिक्तआंकड़ों के मुताबिक राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 12,978 पद रिक्त हैं, लेकिन नियमावली को लेकर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. राज्य गठन के बाद से अब तक 8 बार प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव हो चुका है. वहीं तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. पहली बार 2002 में झारखंड में शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाई गई. राज्य में अब तक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में लगभग 28 स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन अभी भी हजारों पद रिक्त पड़े हैं और इस ओर विभाग का ध्यान बिल्कुल ही नहीं है.

नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू
राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति की पिछली नियमावली 2012 में बनाई गई थी. जिसमें 2015 में संशोधन किया गया था. इसी के आधार पर वर्ष 2015-16 में लगभग 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. इसके बाद नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. जो पिछले 3 वर्षों से चली आ रही है और इस कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. 12,227 पद प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त है और 751 पद मध्य विद्यालयों में रिक्त है.

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर: जिला शिक्षा अधीक्षक ने 15 स्कूलों को भेजा कारण बताओ नोटिस, पढ़ें ये बड़ी वजह

नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का नहीं मिला अवसर
वर्ष 2016 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में लगभग 50 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे. इन अभ्यर्थियों को अब तक एक भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर ही नहीं मिला है. अभ्यर्थी प्राथमिक और मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं. इन अभ्यर्थियों की मानें तो राज्य सरकार की ओर से बरगलाया जा रहा है. पूर्ववर्ती सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि नियुक्त किया जाएगा, लेकिन उन्होंने भी नियुक्त नहीं किया. उसके बाद नेता प्रतिपक्ष रहते हुए हेमंत सोरेन ने कहा था कि उनकी सरकार बनते ही इन्हें नियुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हो सकी है. जिसके कारण लगातार शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थी आंदोलन करने को विवश है.

मोरहाबादी मैदान में प्रदर्शन जारी
राजधानी के मोरहाबादी मैदान में भी शिक्षक नियुक्ति में बहाली की मांग को लेकर सफल अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं, लेकिन इस ओर सरकार का ध्यान अब तक नहीं पड़ा है. मामला नियमावली को लेकर फंस रहा है. जब तक राज्य में शिक्षक नियुक्ति नियमावली स्पष्ट नहीं होता. तब तक नियुक्ति करना संभव नहीं हो पाएगा.

रांचीः राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 में बनाई गई थी. जिसमें वर्ष 2015 में संशोधन किया गया था. इस नियमावली के आधार पर 2015 में लगभग 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई. इसके बाद नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. जो पिछले 3 वर्ष से चल रही है और इस वजह से अब तक शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों को भरा नहीं जा सका है. इधर अहर्ता रखने वाले राज्य के युवा आंदोलन करने को विवश हैं.

देखें पूरी खबर
मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 12,978 पद रिक्तआंकड़ों के मुताबिक राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 12,978 पद रिक्त हैं, लेकिन नियमावली को लेकर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. राज्य गठन के बाद से अब तक 8 बार प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव हो चुका है. वहीं तीन बार शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. पहली बार 2002 में झारखंड में शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाई गई. राज्य में अब तक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में लगभग 28 स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन अभी भी हजारों पद रिक्त पड़े हैं और इस ओर विभाग का ध्यान बिल्कुल ही नहीं है.

नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू
राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति की पिछली नियमावली 2012 में बनाई गई थी. जिसमें 2015 में संशोधन किया गया था. इसी के आधार पर वर्ष 2015-16 में लगभग 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. इसके बाद नई नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. जो पिछले 3 वर्षों से चली आ रही है और इस कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. 12,227 पद प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त है और 751 पद मध्य विद्यालयों में रिक्त है.

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नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का नहीं मिला अवसर
वर्ष 2016 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में लगभग 50 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे. इन अभ्यर्थियों को अब तक एक भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर ही नहीं मिला है. अभ्यर्थी प्राथमिक और मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं. इन अभ्यर्थियों की मानें तो राज्य सरकार की ओर से बरगलाया जा रहा है. पूर्ववर्ती सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि नियुक्त किया जाएगा, लेकिन उन्होंने भी नियुक्त नहीं किया. उसके बाद नेता प्रतिपक्ष रहते हुए हेमंत सोरेन ने कहा था कि उनकी सरकार बनते ही इन्हें नियुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हो सकी है. जिसके कारण लगातार शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थी आंदोलन करने को विवश है.

मोरहाबादी मैदान में प्रदर्शन जारी
राजधानी के मोरहाबादी मैदान में भी शिक्षक नियुक्ति में बहाली की मांग को लेकर सफल अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं, लेकिन इस ओर सरकार का ध्यान अब तक नहीं पड़ा है. मामला नियमावली को लेकर फंस रहा है. जब तक राज्य में शिक्षक नियुक्ति नियमावली स्पष्ट नहीं होता. तब तक नियुक्ति करना संभव नहीं हो पाएगा.

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