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झारखंड हाई कोर्ट में JSSC नियुक्ति मामले में सरकार ने दिया जवाब, कहा- कई राज्यों में ऐसी शर्तें हैं लागू - रांची न्यूज

झारखंड हाई कोर्ट में जेएसएससी नियुक्ति मामले में सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया. सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि नियुक्ति नियमावली में किया गया संशोधन ठीक है और शिक्षा में सुधार के लिए किया गया. इसपर प्रार्थी की ओर से सवाल उठाते हुए समय की मांग की गई. अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 16 फरवरी निर्धारित की है.

JSSC appointment case
झारखंड हाई कोर्ट में जेएसएससी नियुक्ति मामले में सरकार ने दिया जवाब
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Published : Feb 8, 2022, 4:50 PM IST

रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली जाने वाली परीक्षा में झारखंड से ही 10वीं और 12वीं पास करने वाले गैर आरक्षित श्रेणी के छात्रों को भाग लेने की अनुमति दिए जाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से बताया गया कि कई राज्यों में इस तरह की शर्तें हैं और शिक्षा में सुधार के लिए ऐसी शर्तें लागू की गई हैं. लेकिन सरकार के जवाब से प्रार्थी संतुष्ट नहीं थे और अदालत से जवाब देने के लिए समय की मांग की. अदालत ने समय देते हुए सुनवाई की तिथि 16 फरवरी को निर्धारित की है.

यह भी पढ़ेंःपत्थलगड़ी समर्थक शिलापट्ट लगाने पहुंचे हाई कोर्ट, 'आदिवासियों का हो शासन-प्रशासन पर नियंत्रण'

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया. सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता परमजीत पटालिया ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जेएसएससी नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर जो शर्तें लागू की गई है. वह नियम के अनुकूल है. कई राज्यों में ऐसी शर्तें लागू हैं. यह शिक्षा में सुधार करने के लिए किया गया है. इसलिए यह संशोधन सही है. याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के अधिवक्ता की ओर से दी गई दलील का विरोध किया गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि संशोधन में जो शर्तें लागू की गई हैं, वह असंवैधानिक है. सरकार का शपथ पत्र ठीक नहीं है. इसके जवाब में देने के लिए समय की मांग की. अदालत ने प्रार्थी की आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने के लिए समय दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता

रमेश हांसदा ने झारखंड सरकार की ओर से जेएसएससी नियुक्ति नियमावली में किए गए संशोधन को हाई कोर्ट मे चुनौती दी है. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया था कि नियुक्ति नियमावली में किया गया संशोधन गलत है. इसलिए इस संशोधन को रद्द कर दी जाए. उन्होंने अदालत को यह बताया कि नियुक्ति नियमावली में सिर्फ झारखंड से 10वीं और 12वीं करने वाले अभ्यर्थियों को ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने की अनुमति होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह नियम एक खास वर्ग के लिए बनाया गया है. इसलिए यह नियम असंवैधानिक है.

रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली जाने वाली परीक्षा में झारखंड से ही 10वीं और 12वीं पास करने वाले गैर आरक्षित श्रेणी के छात्रों को भाग लेने की अनुमति दिए जाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से बताया गया कि कई राज्यों में इस तरह की शर्तें हैं और शिक्षा में सुधार के लिए ऐसी शर्तें लागू की गई हैं. लेकिन सरकार के जवाब से प्रार्थी संतुष्ट नहीं थे और अदालत से जवाब देने के लिए समय की मांग की. अदालत ने समय देते हुए सुनवाई की तिथि 16 फरवरी को निर्धारित की है.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया. सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता परमजीत पटालिया ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जेएसएससी नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर जो शर्तें लागू की गई है. वह नियम के अनुकूल है. कई राज्यों में ऐसी शर्तें लागू हैं. यह शिक्षा में सुधार करने के लिए किया गया है. इसलिए यह संशोधन सही है. याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के अधिवक्ता की ओर से दी गई दलील का विरोध किया गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि संशोधन में जो शर्तें लागू की गई हैं, वह असंवैधानिक है. सरकार का शपथ पत्र ठीक नहीं है. इसके जवाब में देने के लिए समय की मांग की. अदालत ने प्रार्थी की आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने के लिए समय दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता

रमेश हांसदा ने झारखंड सरकार की ओर से जेएसएससी नियुक्ति नियमावली में किए गए संशोधन को हाई कोर्ट मे चुनौती दी है. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया था कि नियुक्ति नियमावली में किया गया संशोधन गलत है. इसलिए इस संशोधन को रद्द कर दी जाए. उन्होंने अदालत को यह बताया कि नियुक्ति नियमावली में सिर्फ झारखंड से 10वीं और 12वीं करने वाले अभ्यर्थियों को ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने की अनुमति होगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह नियम एक खास वर्ग के लिए बनाया गया है. इसलिए यह नियम असंवैधानिक है.

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